Shyam Kunvar Bharti

Thriller

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Shyam Kunvar Bharti

Thriller

फार्मूला की चोरी

फार्मूला की चोरी

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राजन यादव ने मिट्टी की उपज बढ़ाने और पौधों की पैदावार की तेजी से बढ़ाने हेतु एक फार्मूला बनाया था। जिसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थ का उपयोग नहीं किया गया था। इस फार्मूले से बनाई गई खाद से मिट्टी की पैदावार बिना किसी नुकसान पहुंचाए हो रही थी। पौधे बड़ी तेजी से बढ़ते थे और फल फूल पहले से बड़े होते थे साथ ही उनका वजन भी दुगुना हो रहा था।

जबकि रासायनिक खाद से तात्कालिक फसल तो अच्छी होती है मगर बाद में मिट्टी की उर्वरक क्षमता को धीरे -धीरे कम करती जा रही है। इससे उत्पादित फ़सल, फल फूल और सब्जियों से शारीरिक नुकसान और बीमारियाँ भी होती है।

जबकि ठीक इसके विपरीत राजन द्वारा बनाए गए फार्मूले से तैयार खाद शरीर को स्वस्थ बनाती थी और कोई बीमारी भी नहीं होती थी। खाने में भी काफी स्वाद आता था। जिससे किसानो की आमदनी बढ़ गई थी। कम लागत में ज्यादा लाभ मिल रहा था। आम लोगों को सस्ते दर पर फल फूल , अनाज और सब्जियाँ मिल रही थी। जमीन की मिट्टी की उर्वरक क्षमता दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी। हर तरफ इस खाद हरियाली की काफी चर्चा हो रही थी।  

हरियाली खाद ने देश में ही नहीं विदेशों में भी तहलका मचा रही थी। भारत इस खाद को विदेशों में भी बेचकर करोड़ों -अरबों रुपए की आय कर रहा था। सैकड़ों देश हरियाली खाद का ऑर्डर लाखों -लाखों क्विंटल में लगातार भारत को भेज रहे थे।

मगर भारत की इस उपलब्धि से कुछ दुश्मन देशो को पसंद नहीं आ रही थी। वे अंदर ही अंदर जल भून रहे थे। पाकिस्तान के सेना के एक बड़े ऑफिसर मकसूद कुरेशी ने चीन की खुफिया एजेंसी के निदेशक ली हिंगपिंग से बात कर अपने जासूसों द्वारा भारत से वैज्ञानिक राजन यादव के फार्मूले को चोरी कराने का अनुरोध किया।

चीन के के खुफिया एजेंसी के निदेशक ली हिंगपिंग ने कहा -आप अपने दो तेज तर्रार जासूस मेरे पास भेजो और दो मेरे रहेंगे कुल चार जासूस भारत जाएंगे फार्मूले की चोरी करने। मगर इसमें जो भी खर्चा आयेगा तुम्हें पूरा देना पड़ेगा। कुरेशी ने कहा ठीक है। इस फार्मूले से हम दोनों भी खाद बनाकर करोड़ों अरबों काम लेंगे। फिर कोई भी देश भारत से हरियाली खाद को नहीं खरीदेगा। क्योंकि हम दोनों इसे भारत से कम दर पर सबको बेचेंगे। दोनों खूब ठहाका मारकर हंसने लगते है।  

मगर उनको क्या पता था वे दोनों शेर की मंद में हाथ डालने जा रहे थे। उनकी हंसी आँसुओं में बदलने वाली थी। भारत की सबसे खतरनाक खुफिया संस्था रा को इसकी भनक लग गई।

रा के निदेशक हरपाल खन्ना ने तुरंत गृह मंत्रालय को सूचना दिया और आगे की कार्रवाई हेतु आदेश मांगा। मंत्रालय की तरफ से कहा गया -किसी भी कीमत पर फार्मूला चोरी नहीं होना चाहिए इसके लिए जो भी उचित कदम उठाना है उठाए।

हरपाल खन्ना ने अपने सबसे खतरनाक और तेज तर्रार तीन जासूसो प्रतिभा सिंह , शिखा शर्मा और दीपांशु वर्मा को बुलाया और उनको फार्मूले को चोरी होने से बचाने हेतु जिम्मेवारी देते हुये कहा तुम तीनों को जो भी सहायता चाहिए मिलेगी मगर किसी कीमत पर राजन यादव का फार्मूला चोरी नहीं होना चाहिए।

प्रतिभा जो रा की सबसे सीनियर और खूंखार जासूस थी ने कहा सर आप चिंता न करे हम तीनों के रहते कोई भी हमारे देश की एक सुई भी हाथ नहीं लगा सकता। फिर तीनों ने अपना ओफिसियल ऑर्डर लिया और केंद्रीय कृषि शोध संस्थान की तरफ निकल गए। वहा पहुँचकर तीनों ने वैज्ञानिक राजन और मंजरी से मुलाकात कर उनको सारी स्थिति से अवगत कराया। प्रतिभा ने कहा सबसे पहले मुझे उस जगह को दिखाये जहा फार्मूके को रखा गया है। राजन और मंजरी ने उन तीनों को उस कमरे में ले गए जहां फार्मूले पेन ड्राइव , सीडी और कम्प्युटर में सुरक्षित रखा हुआ था। कमरे के बाहर बड़ा सा ताला लगा हुआ था।

शिखा ने कहा यहाँ अभी सुरक्षा गार्ड पहरा में लगा दे। दीपांशु ने कहा यहाँ हर तरफ अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवा दे। सारी तैयारियां फटाफट कराणे का आदेश दे दिया गया।

संस्थान से बाहर निकलकर उसके चारो तरफ की चाहरदीवारी का निरीक्षण करते हुये प्रतिभा ने देखा दीवाल के ऊपर कंटीली तारो से घेराबंदी की गई थी। करीब सौ कदम बाद बाहर घना जंगल था। प्रतिभा ने राजन से कहा सर बाउंड्री वाल के चारों तरफ लाइट कम है। बाउंड्री वाल के चारो कोनो पर इस तरह से लाइट लगवाई जाये जो पास और दूर जंगल तक भी रोशनी दे ताकि किसी भी घुसपैठिए पर नजर रखी जाये।

शिखा जो प्रतिभा से जुनियर ओफीसर थी मगर दोनों में काफी दोस्ती थी दोनों एक दूसरे को पार्टनर बोलती थी ने कहा – पार्टनर सीसीटीवी कैमरे बाउंड्री वाल के बाहर भी लगाना होगा। यू आर राइट पार्टनर प्रतिभा ने शिखा के सुझाव का समर्थन करते हुये कहा। सब तरह से संतुष्ट होकर तीनों वहाँ से निकल पड़े।

कार दीपांशु ड्राइव कर रहा था। प्रतिभा ने अपने मोबाइल से पाकिस्तान और चीन फोन लगाकर अपने राव के ओफिसरो से कोन्फ्रेंस कर कहा – प्रताप और आकाश आप दोनों ध्यान से मेरी बात सुने – फिर उसने राजन के फार्मूले के चोरी होने की संभावना के बारे में बताते हुये कहा पाकिस्तान और चीन से चार जासूस जो भारत फार्मूले की चोरी करने आ रहे है उनपर निगाह रखना है। जैसे ही वे लोग भारत के लिए निकले तुरंत मुझे उनका फोटो और डीटेल भेज देना है।  

शिखा ने कहा वाह पार्टनर बहुत अच्छा किया। अगर वे चारों भारत आ गए और मेरे हाथ लग गए तो मैं सबका कचूमर बना दूँगी।

दीपांशु ने कहा मैं तो उनको फुटबाल बनाकर खेलूँगा।

और मैं क्या करूंगी प्रतिभा ने मुसकुराते हुये पूछा – तुम तो पार्टनर जूडो कराठे और कुंगफू चंपीयन हो उनकी हड्डी पसली एक कर दोगी। और दीपांशु तो एक नम्बर का निसानेबाज़ है। इसका निसाना कभी नहीं चुकता है। चारो अगर इसकी रडार पर आ गए तो फार्मूला चोरी होने से पहले ही चारो की खोपड़ी उड़ा देगा प्रतिभा ने हसते हुये कहा।

रास्ते में प्रतिभा ने संस्थान के बारे में डीटेल जानकारी रा निदेशक हरपाल खन्ना को दे दिया और कहा सर मैंने पाकिस्तान और चीन फोन कर अपने ऑफिसर को भी सतर्क रहने बोल दिया है और उनको चारो जासूसो का डीटेल मिलते ही भेजने को कहा है आप भी उनको आदेश दे दे।

ठीक है तुम लोग सावधान रहना मैं सबसे बात कर लेता हूँ। खन्ना ने कहा। कुछ ही दिनों में प्रतिभा को पाकिस्तान और चीन के चारों जासूसों का डीटेल मिल गया। उनके भारत आगमन का रूट चार्ट समय और शहर का भी पक्की रिपोर्ट मिल गई।

प्रतिभा ने कहा – शिखा और दीपांशु ध्यान से मेरी बात सुनो वे चारों हमारे देश में टुरिस्ट बनकर आ रहे है। चारों दो टीमों में बंट कर आ रहे है। दो लोग मुंबई और दो लोग कोलकाता आएंगे। वहाँ से वे लोग टुरिस्ट की तरह घूमते हुये दिल्ली आएंगे और घटना को अंजाम देंगे।

तुम दोनों मुंबई जाओगे और उनके पीछे लगकर उनकी हर हरकत पर निगाह रखना है। मैं कोलकाता जाऊँगी और उन देश के दुश्मनों का क्रियाकर्म कर वही गंगा में बहा दूँगी।  

ये तो ठीक नहीं कर रही हो पार्टनर मुझे छोड़कर अकेली कोलकता जाओगी मुझे तुम्हारी हमेशा चिंता लगी रहेगी। दीपांशु ने भी शिखा का समर्थन किया।

तुम दोनों मेरी चिंता मत करो तुम दोनों तो मेरे बारे में जानते हो जब देश की आन बान और शान की बात आती है मैं दुश्मनों पर अकेली ही काल बनकर टूट पड़ती हूँ। वैसे वहा कोलकाता में मेरी एक सीआईडी की सीनियर ऑफिसर कृति मिश्रा और एक रिस्तेदार सीबीआई ऑफिसर है मिस संतोष अग्रवाल। वे दोनों मुझे बहुत मानते है जब जरूरत पड़ेगी उन दोनों से मदद ले लूँगी। प्रतिभा ने उन दोनों चिंतामुक्त करते हुये कहा।

वे दोनों चुप हो गए क्योंकि वे जानते थे देश के लिए इस तरह खतरों से खेलना उनके लिए शान की बात है।

हवाई अड्डा पर प्रतिभा ने बाहर निकलते हुये पाकिस्तान के दोनों जासूसों को पहचान लिया। उसने देखा वे दोनों पहले से इंतजार कर रही एक कार में बैठकर निकल गए। प्रतिभा ने एक किराये की टेक्सी को लिया और उनका पीछा करने को कहा। वे दोनों एक फाइब स्टार होटल मून लाइट में पहुँच गए। प्रतिभा ने टेक्सी का भाड़ा चुकाया और रिसेपसन पर पहुँच गई। उसने मैनेजर से उन दोनों के कमरे के बारे में पूछा। उसने बताने में आनाकानी किया। प्रतिभा ने कहा मैं एक पुलिस ऑफिसर हूँ उनकी हरकतें संदेहास्पद है मुझे उनपर निगाह रखनी है।

मैनेजर ने तुरंत बताया वे दोनों तीसरी मंजिल के कमरा नंबर तीन सौ तीस में गए है। प्रतिभा ने कहा – मुझे उसी मंजिल पर उनके कमरे के आस पास एक रुम चाहिए।

मैनेजर ने उसे तीन सौ पैंतीस नंबर का कमरा बुक कर दिया। प्रतिभा ने उसका एडवांस और अपना पहचान पत्र दिया और एक बैरा लेकर अपने कमरे की तरफ लिफ्ट से चली गई।  

प्रतिभा अपने कमरे में पहुँचते ही अपना बैग खोला और उसमें से अपना रिवाल्वर , खुफिया कैमरा , माइक्रोफोन और क्लोरोफार्म आदि निकालकर चेक की। उसने फोन कर खन्ना को पाकिस्तान के दोनों जासूसों के बारे में बता दिया और कहा अभी वे दोनों अपने कमरे में गए है वे दोनों मेरी नजर में है सर।

ठीक है तुम सावधानी से उनपर निगाह रखो। खन्ना ने कहा।

उधर मुंबई में शिखा और दीपांशु ने चीन के दोनों जासूसों का पीछा हवाई अदा से करना शुरू किया। दोनों जासूस एक ट्रेवेलिंग कार से साधारण से होटल में गए। शिखा और दीपांशु भी उनके होटल में जाकर दो कमरा बुक करा लिया। शिखा ने फोन कर प्रतिभा को अपना लोकेसन बताया।

प्रतिभा ने उन दोनों की तारीफ करते हुये कहा बहुत खूब पार्टनर लगे रहो उनका पीछा छोड़ना नहीं।

प्रतिभा जैसे ही अपने कमरे से बाहर निकली उसने देखा एक सुंदर सी लड़की तीन सौ तैंतीस की तरफ जा रही थी। वो उसे न होटल की कर्मचारी लगी ना बैरा। उसने लपकर उस लड़की के मुंह पर अपना हाथ रख दिया और घसीटते हुये अपने कमरे में खिच लिया। वो लड़की अचानक इस हरकत से घबड़ा गई।  

प्रतिभा ने उसके मुंह पर हाथ रखे हुये कहा – मैं तुम्हारा मुंह खोल रही हूँ मगर हल्ला मत करना। अगर शोर मचाई तो मैं तुम्हारी खोपड़ी फोड़ दूँगी उसने अपना रिवाल्वर उसकी कनपटी पर सटाते हुए कहा। मुंह खुलते ही वो लड़की लंबी लंबी साँसे लेने लगी काफी घबड़ाई हुई थी।

प्रतिभा ने पूछा तुम कौन हो और उस कमरे में क्यों जा रही थी। उस लड़की ने बताया मेरा नाम गुंजन है और मैं एक कॉल गर्ल हूँ मुझे होटल की तरफ से कस्टमर को खुश करने के लिए बुलाया गया था।

प्रतिभा ने कहा ठीक है मगर तुम्हें मेरा एक काम करना होगा। मैं एक पुलिस ऑफिसर हूँ मुझे उन दोनों की निगरानी करनी है। तुम इस माइक्रोफोन को उनके कमरे में किसी ऐसे जगह छिपा दो जिसे वे लोग देख नहीं सके और मुझे उनकी बातचीत सुनाई दे सके। एक काम और करना तुम उन दोनों में से किसी एक का मोबाइल नंबर भी लाकर देना मुझे।

मगर याद रखना अगर धोखा देने की कोशिश की तो इन दोनों के साथ तुमको भी जेल भेजवा दूँगी।

गुंजन ने कहा ठीक है मैडम आप जैसा बोल रही है मैं कर दूँगी। प्रतिभा ने उसे छोड़ दिया। गुंजन जैसे ही उन जासूसों के कमरे में पहुंची वे दोनों अपने मोबाइल पर बीजी थे। उसने मौका देखकर माइक्रोफोन को बेड के पास पड़े एक फूल के गमले में रख दिया।

तभी एक जासूस ने उसका स्वागत करते हुये कहा – आ गई तुम क्या पियोगी भिस्की या रम। गुंजन ने कहा – सॉरी सर मैं शराब नहीं पीती। ओके कोई बात नहीं वैसे मासाल्लाह बहुत खूबसूरत हो। गुंजन ने उसका शुक्रिया अदा किया।  

अगर मैं आप दोनों को इतनी ही पसंद हूँ तो मेरा नंबर ले ले और अपना नंबर दे दे जब भी जरूरत पड़ेगी मुझे फोन कर लेना मैं सेवा में हाजिर हो जाऊँगी।

उस जासूस ने अपना मोबाइल नंबर उसे दे दिया। फिर उसने गुंजन से कहा अगर तुम हमारे लिए काम करोगी तो हम तुम्हें मालामाल कर देंगे। तुम्हें भारत के खिलाफ़ काम करना होगा।

सॉरी सर मैं अपने धंधे से खुश हूँ मुझे और कोई काम नहीं करना है।

तभी उस जासूस जिसका नाम कादिर भुट्टो था उसके मोबाइल पर कुछ आवाज आने लगी। वो चौकना होकर कमरे में चारों तरफ नजर दौड़ाने लगा। उसने अपने साथी सुलेमान खान से कहा इस कमरे में कही माइक्रोफोन रखा हुआ है लग रहा है कोई हमारी बाते सुन रहा है।

कादिर ने अपने मोबाइल को लेकर कमरे में चारों तरफ घूमना शुरू किया टेबल पर रखे गमले के पास जाकर रुक गया। उसने उसमें माइक्रोफोन को ढूंढ निकाल और गुस्से से गुंजन की तरफ देखने लगा। तुम भारत की जासूस तो नहीं हो। उसने उसका बाल पकड़ कर डांटते हुए पूछा। मैं कुछ नहीं जानती ये कहा से आया गुंजन ने अपना बाल छुड़ाते हुये कहा।  

सुलेमान ने अपनी रीवालवर निकाल कर गूंजना पर तान दिया और कहा सच सच बोलो वरना मैं गोली चला दूंगा। तुमको किसने भेजा है। मगर गुंजन ने कहा मेरा विश्वाश करो मैं कुछ नहीं जानती। सुलेमान ने गोली चला दिया गोली गुंजन की छाती में जाकर लगी। धाय की आवाज हुई और गुंजन अपनी छती पकड़कर नीचे कालीन पर गिर पड़ी। उसकी छाती लहूलुहान हो गई।

 अपने कमरे में प्रतिभा ने माइक्रोफोन से गोली चलने की आवाज सुन ली थी और उनकी बाते भी। उसने फुर्ती से अपना रिवाल्वर निकाला और भागते हुये उस कमरे तक पहचकर दरवाजे के किनारे खड़ी हो गई। थोड़ी ही देर में वे दोनों अपना अपना बेग लिए हुये कमरे से बाहर निकले।

प्रतिभा ने दोनों को अपने लात के प्रहार से नीचे गिरा दिया। दोनों फुरती से खड़े हुये और प्रतिभा से भीड़ गए। प्रतिभा ने अपने लातों जुतो से उन दोनों को धुनकर रखा दिया। उन दोनों को लगा इस लड़की से वे पार नहीं पाएंगे वे दोनों लिफ्ट की तरफ भागे। प्रतिभा ने तुरंत नीचे काउंटर पर फोन कर उन दोनों के बारे में बताया और कहा की तुरंत पुलिस को बुलाये वे दोनों किसी कीमत पर भागने न पाये और एक अंबुलेंस भी बुलाने को कहा एक लड़की को इनके कमरे में गोली लगी है।

इसके बाद वो भागती हुई कमरे में गई जहां गुंजन अपनी छाती पकड़े दर्द से कराह रही थी। प्रतिभा ने उसका सिर अपनी गोद में रख कर बोली माफ करना तुम्हारी हालत मेरी वजह से हुई है लेकिन चिंता मत करो मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगी।

गुंजन ने कराहते हुये कहा मैडम आप अफसोस न करे मैं शरीर जरूर बेचती हूँ मगर देश नहीं बेच सकती इसलिए मैंने उनको कुछ नहीं बताया। वे लोग मुझे भी देश के खिलाफ काम करने के लिए लालच दे रहे थे।

प्र्तिभा को उसकी देश भक्ति देखकर बहुत गर्व हुआ उसकी आंखे गीली हो गई।

लिफ्ट से निकलते ही दोनों ने अपनी रिवाल्वर लहराते हुये कहा खबरदार अगर किसी ने हमे रोकने की कोशिश किया तो हम उसे गोली मार देंगे। सब लोग डर से इधर उधर हो गए। वे दोनों भागते हुये होटल से बाहर निकल गए और बाहर खड़ी एक गाड़ी के ड्राइवर को धमकाते हुये कहा चलो जल्दी से। वे दोनों उस गाड़ी का दरवाजा खोलकर बैठ गए। ड्राइवर डर से गाड़ी स्टार्ट कर चल पड़ा।

उनके जाते ही पुलिस और अंबुलेंस की गाड़ी सायरन बजाती हुई पहुँच गई।

प्रतिभा ने पुलिस को अपना परिचय दिया और बताया वे दोनों पाकिस्तानी जासूस है किसी गलत नियत से भारत आए है मैं उनपर नजर रख रही हूँ। आप सब पहले ईस लड़की को अस्पताल भेजवाकर बेहतर इलाज करवाए। और इस शहर के सभी थानों और चेक नाकों पेकटरको सतर्क कर दे वे दोनों बाहर ना जाने पाये।

फिर प्रतिभा होटल से भार निकल कर एक भाड़े की कार लेकर हवाई अड्डा की तरफ निकल गई। रास्ते में उसने सीआईडी इंस्पेक्टर कृति मिश्रा को फोन कर उनका हुलिया बताते हुये कहा – दीदी इन दोनो ने अभी अभी होटल में एक लड़की को गोली मारकर है भाग निकले है। इनका पता चलना जरूरी है सभी स्टेशन और हवाई अड्डा पर पता लगवाकर बताए मुझे।

कृति ने कहा चिंता मत करो मैं अभी अपने विभाग को सतर्क कर पता लगाती हूँ। प्रतिभा ने सीबीआई ऑफिसर संतोष अगरवाल को फोन कर पूरी घटना बताते हुये कहा आंटी उस लड़की का अपनी देख रेख में इलाज करवाना उसे कुछ होना नहीं चाहिए कॉल गर्ल होते हुये भी वो एक देश भक्त लड़की है।

तभी कृति मिश्रा का फोन आया वे दोनों अभी हावड़ा स्टेशन पर देखा गया है पुलिस अभी पहुँचते ही होगी तुम भी जाओ।

प्रतिभा ने कार को रेलवे स्टेशन की तरफ मुड़वा दिया।

शेष अगले भाग – 2 में।


फार्मूला की चोरी भाग -2


प्रतिभा जैसे ही हावड़ा रेलवे स्टेशन पहुंची वहाँ यात्रियों की काफी भीड़ थी। इतनी भीड़ में उन दोनों जासूसों को खोजना बड़ा मुश्किल था। वे दोनों किसी भी ट्रेन में चढ़कर कही भाग सकते थे। तभी हावड़ा दिल्ली राजधानी एक्स्प्रेस के प्लेटफार्म नुंबर दस से खुलने की घोषणा हुई वो लपक कर उसकी एक बोगी में चढ़ गई। उसने टीटी को अपना पहचान पत्र दिखाया और कहा मुझे कोई सीट जल्दी दे।

टीटी ने परिचय देखकर तुरंत एक खाली सीट दे दिया थोड़ी देर में केयर टेकर ने उसे चाय नाश्ता लाकर दिया। चाय पीते हुये उसने सोचना शुरू किया आखिर वे दोनों कहा गए होंगे। अगर मेरे हाथ से नीकल गए तो बहुत गड़बड़ हो जाएगी। ट्रेन खुल चुकी थी।

प्रतिभा ने मास्क लगाया और अंदर ही अंदर सारी बोगियां चेक करने लगी। एक बोगी में उसने दो यात्रियों को संदिग्ध अवस्था में देखा। उन दोनों ने भी अपने चेहरे पर मास्क लगा रखा था। मगर उसे संदेह था की वे दोनों वही दोनों जासूस हो सकते है। उसने टीटी से आकर अपना शक जाहिर किया और कहा मुझे अगले स्टेशन पर इन दोनों की तलासी लेनी है और अगर सक सही हुआ तो इनको गिरफ्तार भी करना पड़ेगा। मुझे जि आर पी बल के मदद की जरूरत पड़ेगी। आप अभी जी आर पी को सतर्क करे।

तुरंत रेलवे पुलिस बल हरकत में आई और उन दोनों की घेराबंदी शुरू कर दी गई। जैसे ही अगले स्टेशन पर ट्रेन रुकी उन दोनों को आने वाले खतरे का आभास हो गया। वे दोनों ट्रेन से उतरने लगे मगर तभी प्रतिभा ने ट्रेन के अंदर ही उनपर अपने लात जुतो से प्रहार करना शुरू कर दिया। रेलवे पुलिस ने भी अपनी रायफले उनपर तान दिया। इतने में एक जासूस ने अपनी रिवाल्वर निकाल कर प्रतिभा पर फायर कर दिया गोली उसके बालो को छूती हुई निकालकर बोगी की दीवाल में जाकर धंस गई वो बाल बाल बची। मौका देखकर दोनों दर्व्व्जे से कूदकर स्टेशन से बाहर की तरफ भाग निकले।

प्रतिभा ने रेलवे पुलिस के सीनियर ऑफिसर से कहा – इन दोनों के बारे में सभी रेलवे स्टेशन को अलर्ट कर दे ये दोनों पाकिस्तान के खूंखार जासूस है बचना नहीं चाहिए इतना कहकर वो भी ट्रेन से बाहर कूद गई और उन दोनों के पीछे भागने लगी।

मुंबई में शिखा और दिपांशु ने देखा वे दोनों चीनी जासूस एक किराये की टेक्सी लेकर होटल से बाहर निकले थे। उन दोनों ने भी एक टेक्सी लिया और उनका पीछा करने लगे। मगर वे कही रुक नहीं रहे थे इधर उधर भटक रहे थे।

दीपांशु ने कहा – समझ में नहीं आ रहा है ये लोग कर क्या रहे है। शिखा ने ने कहा दो ही बाते हो सकती है या तो वे देखना चाहते है कोई उनका पीछा तो नहीं कर रहा है। या उनको पता चल चुका है हम दोनों उनका पीछा कर रहे है।

ओह अच्छा अब समझा। ठीक है भटकने देते है दोनों को देखते है कबतक हम दोनों को बेवकूफ बनाते है ये लोग दीपांशु ने हसते हुये कहा। तभी अचानक आगे वाली टेक्सी रुक गई और दोनों जासूस उतरकर बड़ी तेजी से उनकी टेक्सी को दोनों तरफ से घेर लिया और अपना रिवाल्वर तान दिया। शिखा और दीपांशु इस अचानक घेराबंदी से जरा भी नहीं घबड़ाये मगर आश्चर्य जरूर हुआ।

दोनों जल्दी बाहर निकलो वरना गोली चला दूंगा उनमे से एक ने अग्रेजी में कहा। इससे पहले की वे कुछ समझ पाते की दीपांशु ने इतनी तेजी से अपनी टेक्सी का पिछला दरवाजा खोला की उसकी बगल में खड़ा चिनी जासूस जोर से चीख पड़ा और वो जमीन पर गिर पड़ा। मगर तबतक बड़ी फुर्ती से दीपांशु ने टेक्सी से कूद कर उस चीनी जासूस को अपने जूतो की नोक से पिटना शुरू कर दिया। दूसरा जासूस जो शिखा की तरफ खड़ा था भागकर दीपांशु पर मुक्का चला दिया मगर तबतक शिखा अपना गेट खोलकर बाहर निकल चुकी थी उसने एक मुक्का ऐसा उस चीनी की नाक पर मारा की उसके नाक से खून की नदी बहने लगी।

उन दोनों को शिखा और दीपांशु की फुर्ती और ताकत का अंदाजा नहीं था। वे बुरी तरह चोट खाकर भागते हुये अपनी टेक्सी में आकर बैठ गए। अभी उनकी टेक्सी स्टार्ट भी नहीं हुई थी की दीपांशु की गोली ने उनकी कार का पिछला दोनों टायर पंचर कर दिया। वे दोनों उतरकर भागने लगे। उनकी इस मार पीट की वजह से वहा काफी भीड़ इकट्ठी हो गई थी। इसी भीड़ का फायदा उठाकर दोनों भाग निकले।

शिखा ने कहा भागकर कहा जाएँगे ब्च्चु इनको पाताल से भी ढूंढ निकालूंगी। दीपांशु ने कहा ये लोग जरूर दिल्ली जाने की कोशिश करेंगी। हंम दोनो को तुरंत खन्ना साहब को बोलकर सभी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा पर इनकी सूचना भेजवा देनी चाहिए। ठीक है तुम सर से बात कर लो शिखा ने कहा। वे दोनों वापस अपने होटल लौट आए।

प्रतिभा जैसे ही बाहर निकली उसने देखा उन वे दोनों एक ऑटो में बैठ चुके थे। उसने भी एक ऑटो लिया और कहा – उस ऑटो का पीछा करो। कुछ दूर जाकर वे दोनों बस स्टेंड पर उतर गए। प्रतिभा ने भी अपना ऑटो कुछ दूर पर रोकवा दिया और उतर गई। उसने किराया चुकाया और उनका पीछा करने लगी।

वे दोनों आगरा जानेवाली बस में बैठ चुके थे। मगर दोनों थोड़ी देर में उससे उतर कर दूसरी बस में बैठ गए वो दिल्ली जा रही थी। प्रतिभा ने एक किराये की कार ली और उसमें बैठ गई। जब दिल्ली जानेवाली बस भिड़ भाड़ और शहर से निकलकर हाईवे पर तेज गति से भागने लगी।

प्रतिभा उस बस का कार से पीछा करते हुये भागी जा रही थी। उसने अपना इरादा बदल लिया था। अब वो उनको रंगे हाथो गिरफ्तार नहीं करना चाहती थी। या तो वो उन दोनों को गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले करना चाहती थी या उन्हें अपनी गोली का निसाना बनाना चाहती थी। क्योकी इन दोनों ने एक निर्दोष लड़की पर गोली चला दिया था पता नहीं बेचारी किस हाल में होगी।

सी आई डी इंस्पेक्टर कृति मिश्रा का फोन आया और उसने प्रतिभा से हाल चाल पूछा। उसने अबतक हुई घटनाओं के बारे में बताया और कहा – दीदी मैं अब भी उनका पीछा कर रही हूँ। आपने उन दोनों के बारे में जो जानकारी दिया उसके लिए आभार आपका। अरे तुम थैंक यू मत बोलो तुम एक बहादुर लड़की हो और देश के लिए काम कर रही हो इसलिए तुम्हारी मदद की। कृति ने कहा।

प्रतिभा ने फोन लगाकर सी बी आई ऑफिसर संतोष अग्रवाल से गुंजन का हाल चाल पूछा। संतोष ने बताया बेटी प्रतिभा गुंजन अभी भी बेहोशी की हालत में है। उसका इलाज चल रहा है। मगर तुम चिंता मत करो मैं देख रही हूँ।

प्रतिभा ने अचानक अपनी कार को तेज भगाने को कहा और कहा – बस से कुछ आगे जाकर रोकने को कहा। ड्राईवर ने ठीक वैसा ही किया। बस का ड्राईवर अचानक सामने कार आ जाने से चौक गया और वो ब्रेक पर खड़ा हो गया। बस के टायर जोरदार आवाज करते हुये और बस को घसीटते हुये ठीक कार के पीछे रोक दिया। अचानक ब्रेक मारे जाने से सभी यात्री हड़बड़ा गए। उन दोनों जासूसो को भी खतरे का आभास हुआ। तभी दनदनाती हुई प्रतिभा अपने हाथों में रिवाल्वर लिए हुये बस में चढ़ गई और जहा वे दोनों जासूस बैठे हुये थे उनपर अपनी रिवाल्वर तान दिया।  

बस में सारे यात्री डर से एक खूबसूरत और जवान लड़की के हाथो में रिवाल्वर देख कर हैरत से देख रहे थे। प्रतिभा ने ललकारते हुये कहा खबरदार अगर तुम दोनों ने कोई चालाकी की तो मई यही दोनों कोई ढेर कर दूँगी चुपचाप अभी उतारो बस से। अपने हाथ ऊपर करो और उतरो।

वे दोनों अपना हाथ ऊपर किए चुपचाप बस से उतर गए। प्रतिभा ने इशारे से बस को जाने कहा। बस के ड्राइवर ने तुरंत एक्सिलेटर पर अपना पैर रखा और तेजी से आगे भगाता चला गया।  

प्रतिभा ने उन दोनों जासूसों से कहा तुम दोनों मेरे निसाने पर हो कोई चालाकी मत करना वरना जान से हाथ धो बैठोगे। वे दोनों बड़ी हैरत से मासूम दिखने वाली मगर खतरनाक लड़की को देख रहे थे। एक अकेली लड़की ने उनके नाक में दम कर रखा था। लगातार उनके पीछे पड़ी हुई है। सांस भी नहीं लेने दे रही है। उन दोनों ने आंखों ही आंखों में इशारा किया और सड़क के दाहिने साइड जंगल की तरफ छलांग लगा दिये।

प्रतिभा ने दंडन दो फायर किए मगर दोनों तबतक उसकी आंखों से ओझल हो गए। प्रतिभा भी जंगल की तरफ दौड़ लगाने ही वाली थी तभी उसके कार के ड्राइवर ने ज़ोर से आवाज देकर उसे रोकते हुए कहा- आगे मात जाइए मैडम उधर घना जंगल है। इसमें काफी जंगली जानवर रहते है। आपको खतरा हो सकता है रुक जाइए।

प्रतिभा के पाँव रुक गए और वापस आकर अपनी कार में बैठ गई।

जंगल में कुछ दूर जाकर उन दोनों ने रुक कर सांस लिया। एक ने कहा – ये कैसी लड़की है यार हम दोनों के पीछे हाथ धोकर पड़ गई है। भारतीय लड़की भी इतनी खतरनाक हो सकती है हमें अंदाजा नहीं था।

कई बार बाल बाल बचे हम दोनों। दूसरे ने कहा – लगता है ये लड़की हम दोनों के मिशन को पूरा करने नहीं देगी। तभी एक के मोबाइल पर एक चीनी जासूस का फोन आया और उसने आप बीटी सुनाते हुये अंग्रेज़ी में कहा – तुम दोनों कहा और कैसे हो। यहाँ मुंबई में हम दोनों को एक लड़का और एक लड़की ने मार मार्कर बड़ा बुरा हाल कर दिया है बड़ी मुशकील से अपनि जान बचाकर भागे है। लगता है भारतीय खुफिया एजेंसी को हमारे आने की खबर मिल गई है इसलिए अपने खतरनाक एजेंटो को हमारे पीछे लगा दिया है।

पाकिस्तानी जासूस ने कहा – तुम दोनों से बुरा हाल महज एक लड़ाकी ने हमारी कर दिया है। बड़ी निडर और खतरनाक लड़की है। ऐसी मार मारती है की जान निकाल देती है। हम दोनों अभी एक जंगल में छिपे हुये है तुम दोनों अब सावधान रहना।  

दूसरे जासूस ने पाकिस्तान मोबाइल से बात किया और अपना पोजीसन बताया। उधर से कहा गया – तुम दोनों सावधानी से किसी तरह दिल्ली पहुँचो वहा तुम्हें हमारे इंडियन एजेंट सहायता के लिए मिल जाएंगे। याद रहे भारत से खाली हाथ मत लौटना।  

प्रतिभा ने अपने ड्राइवर से दिल्ली चलने को कहा। आगे जाकर उसने एक होटल में खाना खाया और फिर अपनी कार में आकर बैठ गई। रास्ते में उसने शिखा को फोन लगाकर कहा – तुम दोनों अब दिल्ली के लिए निकलो मई भी वही जा रही हूँ फिर उसने अब तक की घटना के बारे में बता दिया। शिखा ने कहा वाह पार्टनर तुमने तो अकेले ही उन दोनों को छठी का दूध याद दिला दिया। यू आर ग्रेट माइ डीयर।

शेष अगले भाग – 3 में।


फार्मूला की चोरी भाग -3


दिल्ली में एक अति आवश्यक गोपनीय बैठक चल रही थी। बैठक में रक्षा मंत्री , गृहमंत्री , रा निदेशक हरपाल खन्ना , पुलिस कमिशनर रजनी शर्मा , पुलिश अधिक्षक प्रियंका गुप्ता , केन्द्रीय कृषि शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर राजन यादव और रक्षा सलाहाकर सभी उपस्थित थे।

रक्षा मंत्री ने बैठक की शुरुआत करते हुये कहा -हमारे देश के महान युवा वैज्ञानिक डॉ राजन यादव जो फार्मूला बनाया है उसके बारे में आप सभी जानते ही है। लेकिन इस फार्मूले की चोरी कर भारत के साथ कुछ बिदेशी दुश्मनों ने एक षड़यंत्र के तहत अपने जासूस भारत में भेज दिया है।

हमारे देश की सबसे बड़ी और विश्वश्नीय खुफिया एजेंसी जो बिदेश मामलो को देखती है को इस फार्मूले की जिम्मेवारी दी गई है। इनके तीन धुरंधर और जाबांज एजेंट प्रतिभा , शिखा और दीपांशु उन जासूसों पर लागातार नजर रखे हुये है। लेकिन इसमें गृह मंत्रालय के सहयोग की आवश्यकता है।

गृह मंत्री ने कहा इसके लिए मैंने अपने सबसे ईमानदार और बहादुर पुलिस कमिश्नर रजनी शर्मा और पुलिस अधीक्षक प्रियंका गुप्ता को जिम्मेवारी दिया है ताकि फार्मूले को चोरी होने से बचाया जा सके।

रक्षा सलाहकार ने कहा यह फार्मूले की चोरी का मामला ही नहीं बल्कि हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा का भी मामला है अगर हम सब मिलकर उस फार्मूले को नहीं बचा सके तो पूरे विश्व में हमारे देश के बारे में गलत संदेश जाएगा और कोई भी दुश्मन देश कभी भी मुंह उठाकर भारत में सेंधा लगाने की कोशिश कर सकता है। कोई भी हमसे डरेगा नहीं और हमारी छवि खराब हो जाएगी।

निदेशक खन्ना ने कहा मेरी जानकारी में चीन और पाकिस्तान ने अपने जासूसों को मदद करने हेतु हमारे ही देश के कई लोकल एजेंटो को लगा दिया है जिनके पास सभी आधुनिक हथियार है और वे लोग विदेशों में जाकर प्रशिक्षण ले चुके है। वे सभी हमारे द्वारा चिह्नित किए जा रहे है। मगर वे सभी कभी भी घटना को अंजाम दे सकते है। हम सबको अभी से सावधानी रखनी होगी। इसलिए मैं रक्षा मंत्री जी से सेना की मदद देने का भी अनुरोध करूंगा।

रक्षा मंत्री ने कहा मेरी तरफ से जब जैसी सहयोग की जरूरत पड़ेगी मैं देने को तैयार हूँ।

पुलिस कमिश्नर रजनी शर्मा ने कहा मैं और प्रियंका अपनी टीम के साथ लगातार संस्थान की निगरानी कर रहे है। हमारे रहते हुये वहाँ कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता।

रक्षा सलाहकर ने खन्ना साहब आप अपनी टीम और रजनी शर्मा जी की टीम के साथ आज ही बैठक कर एक रणनीति बना ले ताकि कोई चूक न होने पाये। इसके बाद बैठक समाप्त हो गई।

रा के कार्यालय में हरपाल खन्ना और प्रतिभा , शिखा और दीपांशु के अलावा करीब दस लोग और बैठक में सामील थे।

खन्ना ने प्रतिभा शिखा और दीपांशु की तारीफ करते हुये कहा – तुम तीनों ने बहुत ही बहादुरी का कार्य किया है। उन दुश्मन देश के जासूसो को भी पता चला दिया की भारतिय जासूस भी किसी से कम नहीं है। उनको अफसोस होता होगा की आखिर वे भारत मे क्यों घुस आए। मुझे तुम तीनों पर गर्व है।

प्रतिभा ने कहा सर मुझे कलकता की कॉल गर्ल गुंजन की बहुत चिंता हो रही है। हालांकि मेरी आंटी सी बी आई ऑफिसर संतोष अग्रवाल उसके इलाज में मदद कर रही है मगर आखिर उसने मेरे कहने पर ही इतना बड़ा खतरा उठाया था। उसने अपनी राष्ट्र भक्ति की मिसाल दिया और आज वो अपनी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। आप अपने स्तर से उसके बेहतर इलाज की व्यवस्था करवाए।

खन्ना ने कहा तुम उसकी चिंता मत करो मैंने वहाँ के स्वस्थ मंत्री जी से बात कर लिया है वे अपने स्तर से लगे हुये है ताकि उसकी जान बचाई जा सके।

प्रतिभा ने कहा पाकीस्तान के जिन दोनों जासूसों के पीछे मैं लगी हुई थी उसमें से एक का गुंजन ने मुझे मोबाइल नंबर दिया था मुझे। उस नंबर को ट्रेक कर मैं लगातार उनके लोकेसन पर नजर रख रही हूँ। अभी वे दोनों दिल्ली में ही है है। अगर आपका आदेश हो तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाये।

खन्ना ने कहा – नहीं अभी नहीं अब जबकि वे लोग दिल्ली आ ही गए है तो उन्हें रंगे हाथों पकड़ा जाये। ताकी हमारे दुश्मन देश हम पर अंगुलि नहीं उठा सके।

शिखा ने कहा सर उन दोनों चीनी जासूसों से हमारी मुठ भेड़ होने के बाद अजब वे दोनों भागने में सफल रहे हम दोनों ने उसके कमरे की तलासी लिया जिसमे उनके चीनी गुप्तचर एजेंसी का एजंट होने का सबूत मिला है और कई हथियार भी मिले है। शिखा की बात खत्म होते ही दीपांशु ने सभी जब्त समान टेबल पर रख दिया।

खन्ना ने कहा बहुत अच्छा किया तुम दोनों ने। यह सब उनके खिलाफ बड़ा सबूत साबित होगा।

इसके बाद सबने आगे की रणनीति पर चर्चा किया और बैठक समाप्त हो गई। बैठक की समाप्ति के बाद खन्ना ने उन तीनों से कहा तुम तीनों सावधानी रखना क्योंकि अब तुम तीनों उनकी नजर में आ चुके हो। वे लोग खुद या अपने इंडियन अजेंट से तुम तीनों पर हमला कर सकते है।

प्रतिभा ने कहा सर आप हमारी चिंता न करे। उनकी शामत आएगी की वे सब हम तीनों से भिड़े। इस बार अगर हम तीनों एक साथ उनसे भीड़ गए तो उन चारो को मार मार कर उनका भरत्ता बना देंगे।

खन्ना ठहाका मारकर हंसने लगे। सच में तुम तीनों दुश्मनों के लिए आफत हो। तुम सबसे भगवान ही उनकी रक्षा कर पाएँगे। प्रतिभा, शिखा और दीपांशु भी हँसते हुये ऑफिस से बाहर निकल गए।

एक सप्ताह बाद दिन के बारह बजे केंद्रीय कृषि शोध संस्थान के अंदर बाहर कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था दिख रही थी। संस्थान का काम सामान्य रूप से चल रहा था। गेट पर हर जाने वाले की कड़ी जांच करने के बाद ही उसे जाने दिया जा रहा था। यह नियमित रूटीन वर्क था।  

अंदर जहां फार्मूला रखा गया था वहाँ भी बाहर कड़ा पहरा था। वहाँ सिर्फ राजन , रजनी और संस्थान के कर्मचारी ही आ जा पा रहे थे। ऐसा नियम बना दिया गया था। बाहरी किसी को वहाँ जाने की अनुमति नहीं थी।  

पुलिस कमिश्नर रजनी शर्मा और एस पी प्रियंका गुप्ता भी वहाँ मौजूद थी। प्रियंका बाहर की सुरक्षा देख रही थी और रजनी अंदर की सुरक्षा खुद अपनी निगरानी में देख रही थी। कोई भी जरा सी भी भूल चूक नहीं होने देना चाहती थी।

संस्थान के भार कुछ दूर पर कुछ ग्रामीण चरवाहे अपनी गाय भैंसो को चरा रहे थे। साथ में कुछ चरवाहे जंगल में अपनी भेड़ बकरियां भी चरा रहे थे। मगर उनको संस्थान के अंदर बाहर चल रही हलचल से बेपरवाह अपनी धुन में लाठियाँ लेकर जानवरों को चराने में मस्त थे। अचानक संस्थान एक गेट पर पांच बोलेरों गाड़ियाँ बड़ी तेजी से आई और आते ही उनमें सवार लोगों ने सुरक्षा में तैनात जवानों पर गोलियाँ बरसाना शुरू कर दिया।  

अचानक हुई इस फायरिंग से वहाँ भगदड़ मच गई। हर तरफ अफरा तफरी मच गई। बाहर निगरानी कर रही प्रियंका ने अपना रिवाल्वर निकाल कर एक गाड़ी के पीछे छिपकर अपना पोजीसन ले लिया और डॉ हमला वरों को मार गिराया।

जवानों ने भी अपनी बंदूकें उन हमलावरों पर दागना शुरू कर दिया। तभी उन लोगों ने लगातार पाँच बम अंदर बाहर फेंके। हर तरफ धुआं धुआं हो गया।

अंदर रजनी शर्मा ने भी मोर्चा संभाल लिया था। गोलियों की परवाह किए बिना अपने जवानों और संस्थान की सुरक्षा में अपनी जान जोखिम में डालते हुये ताबड़ तोड़ फायरिंग शूर कर दी। उसने तीन लोगों को मार गिराया। पाँच लोग अंदर घुस आए थे उसमें से तीन रजनी ने मार गिराया था मगर पाँच और लोग गोलियां बरसाते हुये घुस आए।

उनका पीछा करती हुई प्रियंका भी पहुँच गई। रजनी ने उसे डांटते हुये कहा रे तुम क्यों अंदर आ गई यहाँ मैं थी न। क्यों न आऊँ दीदी आप माँ बनने वाली है फिर भी आप देश के लिये यहाँ दुश्मनों से लड़ने चली आई है। तभी रजनी के पेट में दर्द उठा। मगर उसने अपने दर्द की परवाह किए बिना उसने सामने से आते हुये एक हमलावर पर अपनी गोली चला दिया वरना वो प्रियंका को निशाना बना देता।

प्रियंका रजनी का हाथ पकड़कर उसे एक सुरक्षित जगह पर ले गई और खुद भी मोरचा संभाल लिया। रजानी ने कहा तुझे बड़ा मेरी फिक्र है मगर तेरी भी तो शादी होने वाली है दो दिन बाद तेरी बारात आनेवाली है और तू भी यहाँ अपनी जान खतरे में डाल कर लड़ रही है।

प्रियंका ने कहा दीदी आपकी तरह मेरे लिए भी देश से बड़ा कुछ भी नहीं है। जबतक जिंदा रहूँगी एक भी दुश्मन को नहीं छोडूंगी। और फिर दोनों हमलावरों से लोहा लेने लगी।

उधर जंगल में चरवाहे इस गोली बारी से डरकर पेड़ो की ओट में छिप गए। तभी उन सबने देखा पाँच अपराधी किस्म के लोग पाने हाथों में रायफले लिए हुई संस्थान की तरफ बढ़ने लगे। एक चरवाहा लाजों देखने में लड़की मालूम पड़ रही अचानक अपनी जेब से रिवाल्वर निकाली और उनपर फायर कर दी। दो लोग चीख मारकर जमीन पर गिर पड़े। बाकी दोनों चरवाहों ने भी अपनी बंदूकें निकाल लिया बाकी बचे तीन लोगों पर निशाना साधा मगर तबतक वे लोग सावधान हो चुके थे।

उलट कर उन तीनों ने भी गोलियाँ चलाना शुरू किया मगर तीनों ने पेड़ो की ओट में अपने आपको बचा लिया। एक चरवाहे लड़के ने अपनी गोली से तीनों अपराधियों के हाथ घाल कर दिया। उनके हथियार जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद तीनों चरवाहों ने उन तीनों अपराधियों को आपने लात जूतों से धुन कर रख दिया। गोलियां चलने की आवाज सुनकर दस और गुंडे हथियार लेकर जंगल की तरफ से आते नजर आए।

तीनों चरवाहों ने उन तीनों को मार कर अधमरा करने के बाद उन दस गुंडो से लोहा लेना शुरू किया मगर उनको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। कुछ ही देर में सेना के पाँच जवानों ने उन दस गुंडो को घेर कर ढेर कर दिया।

कुछ देर बाद पाँच लोग संस्थान की तरफ से भागते हुये आए। एक चरवाहे लड़की ने निशाना लगाने से मना किया और कहा इनको जंगल में जाने दे और इनको घेर कर रखना है मगर इनको पता नहीं चलना चाहिए।  

वे पांचों जंगल के अंदर चले गए और एक खाली सुनसान जगह पर बैठ गए। एक ने अपने बैग से एक लेपटोप निकाला और एक पेन ड्राइव उसमें लगाया और मेल करने लगा। मेल के जाते ही वो खुशी से चिल्लाने लगा। तभी उसके मोबाइल पर फोन आया फोन उठाते ही उसका चेहरा बुझ गया। उसकी सिटी वीटी गुम हो गई। उसने अपना माथा पकड़ लिया।

तभी तीनों चरवाहों और पंचों सेना के जवानों ने उनको घेर लिया। प्रतिभा , शिखा और दीपांशु जो चरवाहा के भेष में थे अपने रिवाल्वर उन पर तान दिया।

प्रतिभा ने कहा क्यों क्या हुआ तुम्हारे पाकिस्तानी आका की डांट पड़ी क्या। तुम लोग क्या सोच कर भारत आए थे की हमारे रहते फार्मूला चुरा लोगे। फार्मूला तो छोड़ो तुमलोग बिना हमारी मर्जी के एक सुई भी चुरा नहीं सकते।

उसमें से चार जासूस थे। दो पाकिस्तानी और दो चीनी। चारों ने अचानक तीनों पर छलांग लगा दिया मगर वे लोग उन तीनों को छु पाते इससे पहले ही उन तीनों ने अपने रिवाल्वर से उनके पैर घायल कर दिये।

चारो चीख मारते हुये जमीन पर बैठ गए। शिखा ने कहा तुम सबका खेल खत्म हो गया। अब तुम लोग भारत की गिरफ्त में हो।

प्रतीभा ने कहा – मैं लगातार तुम्हारे मोबाइल के जरिये तुम्हें ट्रेक कर रही थी। तुम जिससे जब भी जो भी बात करते थे मुझे पता चल जाता था। तुम्हारी सारी योजना मुझे पता चल गई थी। इसलिए तुम सबको रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई थी और हमने चरवाहा का भेष बनाया था।

तुमने जो पेन ड्राइव में फार्मूला चोरी किया था उसमें फार्मूला था ही नहीं। उसमें हिन्दी और भोजपुरी गाना भरा हुआ था। ओरिजिनल फार्मूला मैंने पहले ही वहा से हटा दिया था।

केवल तुम सबको रंगे हाथों पकड़ने के लिए यह सब जाल बिछाया गया था। तभी उन पांचों का पीछा करते हुये पुलिस कमिशनर रजनी शर्मा , एसपी प्रियंका गुप्ता और निदेशक हरपाल खन्ना भी अपने दल बल के साथ पहुँच गए।

सबने उन तीनों की खूब तारीफ किया। उन पांचों को गिरफ्तार कर लिया गया। पाँचवाँ दिल्ली निवासी ही था जो उनके एजेंट के रूप में काम करता था। सब लोग जैसे ही संस्थान पहुंचे वहाँ सभी मीडिया वाले पहुँच चुके थे।

सबने फटाफट उनका फोटो खींचना शुरू किया और हरपाल खन्ना से सारी जानकारी लिया। खन्ना ने प्रतिभा और रजनी से कहा आप दोनों सारी जानकारी प्रेस को दे दो।

अगले दिन सभी अखबारों और चैनलों पर रजनी , प्रियंका , प्रतिभा , शिखा और दीपांशु की बहादुरी की खबरे पूरे विस्तार से दी गई थी।

भारत सरकार ने पांचों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। गृह मंत्री और रक्षा मंत्री ने भी सबकी काफी प्रशंसा किया।

समाप्त 



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