Renuka Middha

Tragedy

5.0  

Renuka Middha

Tragedy

जुदाई का अहसास (3)

जुदाई का अहसास (3)

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आगे...

सभी के घरों में बरतन खनकते हैं। किसी का शोर बाहर तक सुनाई देता है और किसी का अन्दर ही दब जाता है। पति अपनी पत्नी को किसी बात पर सुना देता है। पत्नी -पति को हर वक़्त ग़ुस्सा, नाराज़गी, मनोज का रोज़ शराब पीकर मंजरी से बुरा व्यवहार करना, गाली देना, यहाँ तक की उसे चरित्रहीन तक कह देना उसके लिये मामूली बात थी। लेकिन ये सब मंजरी को बहुत तकलीफ़ देता और वो मानसिक रूप से टूट चुकी थी। कई हफ़्तों तक बातचीत बन्द होना, बहुत ज़्यादा मिसअन्डरसटैनडिंग होना, सब ... सब जैसे ख़त्म हो गया था। हद तो तब हो गई जब मजंरी और मनोज के क़िस्से आज कोर्ट रूम तक पहुँच गये थे। 

और उन्होंने अब अलग होने का फ़ैसला कर लिया था। एक -दूसरे के साथ रहना अब एक पल के लिये भी गवारा नहीं था। एक पल भी बर्दाश्त नहीं कर सकते थे एक -दूसरे को। 


क्रमशः


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