Geeta Upadhyay

Drama

5.0  

Geeta Upadhyay

Drama

जो तू मुस्कुरा दे

जो तू मुस्कुरा दे

2 mins
770


अगर तू पापा की परी है तो मैं भी पापा का पंख हूं। बिना पंखों के परी कैसे उड़ेगी हा हा हा हा।

चुप करा लो इससे बहुत परेशान कर रहा है। कह कर छवि बाहर चली गई ।सोभित अभी भी बोले जा रहा था ।जा जा डरपोक चली गई ना डर के मारे। चुप हो जा देख बहुत मारूंगी ।सॉरी बोल दे एक बार वरना कहकर छवि बहुत तेजी अंदर आई।

अब तो दो-चार झापड़ खा कर ही चैन की सांस लेगा सांप के बिल में हाथ डाला है ना अब देख वह शोभित को गुस्से से मारने दौड़ी। तभी मां ने बीच में आकर बचाव किया। छवि और शोभित दोनों भाई बहन अक्सर यूं ही लड़ते रहते थे।

मां समझाती की प्यार से रहो लड़ाई झगड़ा मत करो बड़े हो जाओगे तो पछताओगे तरसोगे। दोनों भाई बहन एक दूसरे से मिलने को। क्या यार मम्मा आप भी ना इमोशनली ब्लैकमेल करते हो ।कहकर शोभित अपने कमरे में चला गया आज सुबह कोई हल्लागुल्ला चहल-पहल शोरशराबा नहीं सुनाई दे रहा था। सुनते हो शोभित तो सैर पर गया है ‌छवि नहीं उठी अभी तक अगर छुट्टियां भी है तो क्या हुआ।

जरा उठाना मैं चाय लेकर आती हूं। कहकर मां चली गई ।छवि बेटे उठो कहकर जैसे ही पापा ने छवि को छुआ तो दंग रह गए छवि तो बेड पर बेहोश पड़ी थी (दरअसल यह है उसकी शोभित को सॉरी बुलवाने की प्लानिंग थी ) वह चिल्लाए दौड़ी-दौड़ी मां आई। शोभित भी सैर करके घबराया हुआ आया और बोला क्या हुआ तुझे बहन तू ठीक हो जा मैं तुझे सॉरी बोल दूंगा मेरी प्यारी बहना प्लीज एक बार मुस्कुरा दे।


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