STORYMIRROR

Ashish Kumar Trivedi

Drama

3  

Ashish Kumar Trivedi

Drama

जल्दबाजी

जल्दबाजी

1 min
615

मैं बैठ कर सोच रहा था कि आखिरकार जिस चीज़ के लिए पापा अक्सर टोंकते थे वह सामने आ ही गई। मैंने फिर बिना सोंचे समझे जल्दबाजी में फैसला किया। उसके परिणाम स्वरूप मुझे नुकसान उठाना पड़ा। 

जल्दबाजी में फैसला लेने की मेरी आदत के बारे में पापा ने मुझे कई बार टोंका था। वह अक्सर समझाते थे कि कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छी तरह सोच लिया करो। पर तब मैंने इस बात पर अधिक ध्यान नहीं दिया। 

हुआ यह कि मुझे मेरे एक मित्र से खबर मिली कि एक सज्जन अपनी एक मोटरसाइकिल बेंच रहे हैं। मैं कई दिनों से बाइक खरीदने की सोच रहा था। अपने मित्र के साथ उस सज्जन के पास गया। बाइक की स्थिति अच्छी थी। पैसे भी कम थे। अतः मैंने तुरंत हाँ कर दी। बैंक से पैसे निकाले और भुगतान भी कर दिया। 

बाइक चलाने में अच्छी थी। मैं बहुत खुश था। पर एक हफ्ते के बाद मुझे पास के पुलिस स्टेशन से फोन आया। मैं पुलिस स्टेशन पहुँचा तो पता चला कि जो बाइक मैंने खरीदी थी वह चोरी की थी।

मैंने पुलिस को उस आदमी के बारे में बताया जिससे बाइक खरीदी थी। पर वो आदमी नहीं मिला। 

अपनी जल्दबाजी में मैंने एक ऐसा फैसला किया था जिसने मुझे मुसीबत में डाल दिया। मैंने तय कर लिया कि अब कभी जल्दबाजी में फैसला नहीं करूँगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama