Priyanka Saxena

Inspirational

4.5  

Priyanka Saxena

Inspirational

ज़िन्दगी संवार दी

ज़िन्दगी संवार दी

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बहुत दिनों से देख रही थी सीमा, एक औरत एक छोटे बच्चे के साथ सुबह दरवाजे पर आकर खाना मांगने आती है। कपड़े भी माॅ॑-बेटे के तन पर उतने ही होते जितने से बमुश्किल उनका शरीर ढक पाता। पूरी काॅलोनी में वह ऐसे ही दिन भर मांगती दिखाई देती।

सीमा ने तरस खा कर कुछ कपड़े भी दिए खाने के सामान के साथ। पर रोज़ रोज़ आने से सीमा को लगा कि आसानी से खाना मिल रहा है इसलिए ये औरत कुछ काम नहीं करके ऐसे भीख मांग कर काम चला रही है।

अगले दिन उसने उस औरत से उसका नाम पूछा। उस औरत ने अपना नाम अनीता बताया।

सीमा ने कहा," अनीता, तुम रोज़ाना इस तरह भीख मांग कर कब तक अपना गुज़ारा करती रहोगी? तुम जवान हो, कोई काम करो और इज्जत से जिओ।"

अनीता ने बताया," दीदी, मैंने बहुत कोशिश की काम पाने की‌ परंतु ज्यादातर लोग मेरा विश्वास नहीं करते हैं, कहते हैं कोई गारंटर या जानने वाला लाओ। कभी किसी घर में काम मिला तो वहां नज़रें अच्छी नहीं थीं। एक फैक्टरी में पैकिंग का काम किया वहां आधे से कम पैसे देते थे , ठेकेदार पैसे अपने पास रख लेता था। फिर एक दिन उसने गंदी हरकत करने की कोशिश की जिसपर मैंने उसे चांटा लगाया और काम छोड़ दिया।"

सीमा ने पूछा," अनीता, तुम कहां रहती हो और तुम्हारे पति कहां हैं?"

अनीता। बोली," पति को टीबी हो गया था, बहुत सिगरेट पीता था, एक साल पहले वो ख़तम हो गए। तभी से बहुत दिक्कत हो गई, बच्चा है, नहीं तो मैं भी अपनी जान दे देती। कच्ची बस्ती में एक छोटी सी झोंपड़ी है जहां मैं अपने बच्चे के साथ रहती हूॅ॑। अगर आप कोई काम दिला सको तो बहुत मेहरबानी होगी।"

सीमा ने कहा," अनीता, मैं एक एन जी ओ यानि गैर सरकारी संगठन में काम करती हूॅ॑ जो तुम जैसी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ही उत्पादों को बनवाकर उनको मार्किट में पहुंचाती है। तुम्हारे लायक कोई काम की बात आज ही करती हूॅ॑। "

अनीता ने कहा," दीदी, आपका बहुत आभार कि आप मुझे एक और मौका दे रही हैं मेरी ज़िन्दगी सुधारने का।"

सीमा ने अपने संगठन में बात की, अनीता को पैकिंग डिपार्टमेंट में काम मिल गया।

अनीता ने सीमा को धन्यवाद कहते हुए कहा," दीदी, आपका बहुत धन्यवाद मुझे और मेरी ज़िन्दगी को एक मौका देने के लिए।"

धीर धीरे अनीता ने काम करते हुए ही बांस से बनने वाली टोकरी बुनना और शोपीस बनाने का प्रशिक्षण एन जी ओ में प्राप्त किया। अब वह एन जी ओ की प्रशिक्षित कर्मचारी हैं जो अन्य औरतों को सिखाने के साथ साथ उत्पाद बना भी रही है।

दोस्तों, देखिए कैसे अनीता को मिले एक सही मौके ने उसकी ज़िन्दगी संवार दी। आशा है आपको मेरी यह कहानी पसंद आएगी। कृपया लाइक कमेंट और शेयर कीजिएगा। आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।


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