STORYMIRROR

Kunda Shamkuwar

Tragedy

3  

Kunda Shamkuwar

Tragedy

जिंदगी का हिसाब

जिंदगी का हिसाब

1 min
256

डॉ. प्रिस्क्रिप्शन लिखते हुए कहने लगा, "अब आपको सीढ़ी चढ़ना उतरना नही है।"

"कोई सीरियस बात तो नहीं है न डॉक्टर? क्या ये प्रॉब्लम ठीक होगी?" उसने धीरे से पूछा।

अपने पेशेंट्स को रोज की तरह जैसे कहते रहते है ठीक उसी तरह से डॉ. कहने लगे, "अरे हाँ,हाँ, बिल्कुल ठीक होंगी आप।"

घर आकर वह अनमनी सी बैठ गयीं।सोचने लगी कि आज तो सीढ़ियां चढ़ने उतरने के लिए मना किया गया है।लेकिन यह तो शुरुआत है।अब घूमना फिरना बिल्कुल बंद।पहाड़, झरनों और भी कई सुंदर जगह बस टीवी में या मैगज़ीन के चित्रों में ही देखना होगा।

न जाने किस मोड़ पर आ कर जिंदगी जैसे ठहर सी गयी है।जब जिंदगी में घूमने फिरने का समय आ गया है तब शरीर साथ ही नहीं दे रहा है।

जिंदगी भी अजीब होती है।कभी भी यह हमें मुकम्मल हासिल नहीं होने देती।पता नहीं इस का किस तरह का हिसाब होता है।न उसे कोई सवाल कर सकते हैं,न ही कोई हिसाब माँग सकता है।खामोश रहकर यह सब होते हुए देखने के अलावा हमारे हाथ में कुछ नहीं होता है,बस साथ होती है हमारी बेबसी और पसरा रहता है बस एक सन्नाटा.....


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy