झूठ अब नहीं
झूठ अब नहीं
आज माँ लज्जित हो सिर झुकाये कॉलेज के प्रिंसिपल के सामने खड़ी थी । कारण उसका बच्चा मानव था जिसकी झूठ व गलतियों के कारण वह माँ अपराधियों की भांति आज प्रिंसीपल ऑफिस में है।
मानव बचपन से बहुत झूठा तथा छोटी छोटी चोरी करता था । माँ यह सब देखती पर ध्यान ना देती। परिवार के अन्य लोग भी उसकी इन आदतों से परेशान होते और उसकी माँ से कहते परन्तु माँ को कोई फर्क नहीं पड़ता। मानव के पिता घर पर नहीं रहते क्योंकि वह सेना में सैनिक के पद पर थे। अक्सर उनकी ड्यूटी बॉडर पर होती । पिता के घर पर न होने के कारण मानव इसका फायदा उठाता । मानव की ये ही आदत उसकी दिनचर्या में शामिल हो गई। पहले छोटी चोरी छोटा झूठ फिर बड़ा।
आज तो गजब ही हो गया माँ से झूठ बोलकर मोटर साइकिल चोरी की फिर कॉलेज की बजाय सिनेमाहॉल में चला गया । जब कॉलेज में वह नहीं पहुंचा तो कॉलेज की तरफ से घर फोन पहुंचा और माँ बाप दोनों को ऑफिस में बुलाया और बताया तो माँ को बहुत शर्मिंदगी हुई । सोचा काश! पहले ही दिन वह उस पर सख्ती करती और अच्छे और बुरे का अंतर समझाती तो शायद दिन ना आता। ।
इस कहानी के माध्यम से सभी माता पिता व गार्जियन से मैं कहना चाहती हूँ अगर नासमझी और अज्ञानता के कारण बच्चे गलती करते है तो माँ बाप का नैतिक कर्तव्य है कि समय समय से उन्हें गलत काम करने से रोके व सही गलत का अंतर जरूर समझाएं और उन्हें समय दे ।
इस विषय पर आपके विचार क्या कहते है मुझे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।
