जागरूकता अभियान
जागरूकता अभियान
सविता, हां सविता काकी, सब इसी नाम से तो जानते थे उन्हें इस मलिन बस्ती में । एक गरिमा पूर्ण व्यक्तित्व । वह एक गरीब परिवार की बेटी और एक धनाड्य परिवार की बहू थी पर आप सोच रहे होगें कि वह इस मलिन बस्ती के गरीब बच्चों के बीच क्यों बस गयी ? सविता एक शिक्षित महिला थी । धनाभाव उन पर नहीं था । आये दिन किटी पार्टी और पति के बहुत बड़े बड़े दोस्तों की रंगीली पार्टी होती रहती थी । पूरे ग्रुप की महिलायें उसी स्तर की थी जिनके लिये पैसा और गरीब व्यक्तियों का कोई महत्व नहीं था।
एक दिन मिसेज खन्ना ने किटी पार्टी में प्रोग्राम बनाया कि चलो कुछ समाज सेवा करके भी समाज में हम थोड़ा आगे आयें क्योंकि कुछ भी करेगे न्यूज छपेगी अखबार वाले भी महत्व देगें । हमारे इतने विज्ञापन न्यूज पेपर में जाते रहते हैं । दूसरे दिन कुछ खाने पीने कपड़े आदि लेकर चल दी ये धनाड्य महिलाओं की टोली । पूरे ग्रुप में एक सविता अकेली ऐसी महिला थी जिसके दिल एक कोने में बचपन की टीस थी क्योंकि सुन्दरता और उसकी शिक्षा के कारण ही तो रजत उस पर फिदा हो गया था पर केवल शादी करके उसको भोगना ही उसका मकसद था । जब सविता वहाँ पहुँची देखा कितना अजीब मंजर था । लड़कियां कुछ कुछ उस अवस्था में पहुँच रही थी जब शरीर का उठान शुरू होता है और उसके लिये कपड़े ही आवरण होते हैं । लड़के भी बस आवारा गर्दी करते नजर आये क्योंकि छोटे बच्चे ज्ल्दी ही सारे अवगुण आत्मसात करते हैं । सारे ग्रुप की महिलाएं बस फोटो खिंचवाने में मस्त थी ।अचानक उसकी निगाह मिसेज खन्ना पर गयी वह अपने ड्राइवर से दूर कुछ गुपचुप बाते कर रही थी उन दो लड़कियों और दो लड़को की ओर देख कर जिनकी उम्र लगभग 10 -से 12 साल के लगभग होगी। कुछ सविता के दिमाग में खटक गया । उसने पूछा तो उन्होंने कहा कुछ नहीं तुम्हारा वहम है।
सब लौट कर घर आगये पर सविता के दिमाग में उथल पुथल हो रही थी । वह रात को टहलती रही उसे किसी के धीरे धीरे बोलने की आवाज सुनाई दी । खिड़की से झांक कर देखा तो उसके पति देव और मिसेज खन्ना को आपत्ति जनक अवस्था में देखा और सुना वह कह रही थी "अब हमें अपने ग्राहको को और अधिक खुश करने का जरिया मिल गया । ये मलिन वस्ती हमारे व्यापार में चार चांद लगायेगी क्योंकि उनके मां बाप को पैसा चाहिये और हमें मनोरंजन के साधन बस छोटी लड़कियों और छोटे लड़के दोनों को प्रयोग किया जा सकता है।" पुलिस को सूचना देने का भी लाभ नहीं था क्योंकि कुछ भ्रष्ट लोग भी इसमें शामिल थे । बस सविता ने उसी समय घर छोड़ने का फैसला किया ये अशिक्षा ही तो अपराध की जननी है। कुछ अपनी जैसी महिलाओं को ढूढा व मलिन बस्तियों में जागरूकता फैलाने के लिये कार्य शुरू कर दिया जिससे बच्चों की खरीद फरोक्त पर शिकंजा कसे और उनकी शिक्षा का प्रबन्ध सुचारू हो सके ।
