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Shashi Saxena

Horror

4  

Shashi Saxena

Horror

इत्तफाक

इत्तफाक

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 परीक्षित --  स्वाति कहां हो तुम, बहुत देर कर दी।

 अब १२ भी बजने वाले हैं 

 स्वाति --- आ तो रही हूं इतनी भी क्या बैचेनी।

 १२‌ना सही १ बजे पहुंच जाऊंगी।

परीक्षित झल्लाते हुए ---

 ओफ्फो, जैसे तुम्हें पता ही नहीं, आज क्या है, कल का दिन तो लगना ही नहीं चाहिए।

 स्वाति ---  तो तुम्हीं बताओ दो ना क्या है आज ?

  और परीक्षित के कुछ बताते ही मौबाइल स्वाति के हाथ 

से छूटकर गिर पड़ा।

 और एक भयंकर सी आवाज हुई फिर।

 परीक्षित और स्वाति की वैसे थी तो लव मैरिज ही, पर परीक्षित

के दिमाग में कौन सी खिचड़ी पक रही है, बिचारी भोली भाली 

 स्वाति को कहां पता ?

स्वाति एक करोड़ पति व्यापारी सेठ विट्ठलदास की इकलौती पुत्री थी।

  माता पिता की प्लैन क्रैश में दो वर्ष पूर्व ही मृत्यु हो चुकी थी।

करोड़ों की जायदाद उसी की तो थी।

  परीक्षित तो किसी 5 स्टार होटल में सिर्फ मैनेजर ही था।

 विदेशियों को एटेंड करते करते उसे फर्राटे दार इंग्लिश बोलनी

 अवश्य आ गईं थी।

   और इसी कला ने उसके गोल्डन भविष्य के द्वार खोल ही दिये।

  जब एक बार स्वाति अपनी किसी सखि के साथ होटल में बैठी थी तो।

  हैलो मैम कैन आई सिट हिअर ?

व्हाई नाट,।, सिट प्लीज़।

 अपने परिचय में उसने बताया 

आई बिलोंग फ्रोम लंदन, ए बिजनेसमैन आफ लार्ज लैबिल 

  स्वाति परीक्षित के आकर्षण पर्सनैलिटी, नित नए चमकते

दमकते सूटों

( जो कि वास्तव में किराए के ही होते थे )

 से प्रभावित थी ही, अब फर्राटे दार इंग्लिश ने तो सोने में सुहागा

कर ही दिया।

 वो परिक्षित को वास्तव में ही धनी व्यापारी समझ बैठी।

और उसके इस विश्वास को दृढ़ करने में साथ दिया 

 परीक्षित की गर्ल फ्रैंड कैरोलिना ने।

 एक वर्ष हो गया था उन दोनों के विवाह को, और स्वाति को भनक भी नहीं पड़ी कि उसके खिलाफ क्या षड्यंत्र हो रहा है 

  नाटकीय प्रेम कर करके परीक्षित ने स्वाति की अधिकांश दौलत 

अपने नाम करा ली थी,और विदेशी व्यापार के बहाने 

 कैरोलिना के साथ खूब घूमता फिरता।

  लेकिन कैरोलिना की लालसाएं तो बड़ती ही जा रहीं थी, और आए दिन परीक्षित पर शादी का दबाव डालने लगी।

  फिर वहीं हुआ 

आधी छोड़ जो पूरी चाहवे

   वो नर आधी से भी जावे।

कैरोलिना,एक मामूली सी बार डांसर बहुत ऊंचे ख्वाब देख रही थी

  और फिर जन्म लिया एक भयंकर योजना ने।

स्वाति  -----हैलो परीक्षित देखो मैं आ गई, और जनाब आप क्या सोच रहे हैं 

 देखो अभी भी 12 बजने में ‌पूरे 15 मिनट हैं।

  परीक्षित ने वाल--क्लाक की ओर देखा, सही कह रही है स्वाति।

क्या तुम्हें बिल्कुल याद नहीं रहा कि आज तुम्हारा बर्थ डे है।

 स्वाति ----- रियली परीक्षित आई फोरगेट, और फिर चाचा के यहां शादी समारोह में इतना  मस्त हो गई कि कुछ ध्यान भी नहीं गया।

 तुम कब आये लंदन से।

परीक्षित -----मैं भी 10 बजे ही आया हूं,अब जाओ जल्दी से वाॅश होकर और 

वो पिंक अमेरिकन गाउन पहन कर आ जाओ, हमें बर्थडे

 सैलिब्रैट करना है।

 कुछ ही देर में स्वाति तैयार होकर आ गई।

दोनों ने मिलकर बर्थडे सैलिब्रैट किया 

   परीक्षित ने स्वाति को बहुत प्रैम से कैक खिलाया 

 एक नहीं दो नहीं पूरे तीन बार।

   ओ। परीक्षित यह क्या कर रहे हो, तुम भी खाओ ना।

परीक्षित ----ओ .के स्वाति बट।

 पहले मैं थोड़ी रम और चिप्स ले लूं फिर खा लूंगा।

   परीक्षित स्वाति को टाल रहा था और आंखें फ़ाड़ फ़ाड़ कर देखे जा रहा था।

  जब उसने देखा कि 10 मिनट की बजाय आधा घंटा हो गया

शायद कैरोलिना ने ही बेवकूफ बना दिया है,

 स्वाति के आग्रह करने पर उसने भी केक के तीन पीस खा ही लिये।

 वैस्टर्न म्यूजिक अपनी धीमी-धीमी लय में बज रहा था।

 दोनों झूम झूमकर केक के पीस खाये जा रहे थे।

 तभी अचानक घनघनाती डोर बैल बज उठी।

अरे।इतनी रात में कौन ?

 परीक्षित लड़खड़ाते कदमों से दरवाजे पर गया, और दरवाजे का

लाक खोल दिया।

 ओ। कैरोलिना तुम इतनी रात को 

 अरे अंदर तो आनै दो और कैरोलिना भी वहीं डाइनिंग पर आकर बैठ गई।

 परीक्षित के चैहरे पर से हवाइयां उड़ने लगी।

वहीं सामने स्वाति बैठी हुई है, अब‌ क्या होगा ?

वह कैरोलिना को खींचते हुए बालकनी में ले आया।

 तभी कैरोलिना चहकते हुए बोली -----

   गुड न्यूज गुड न्यूज परीक्षित, अब हमें डैड बाडी छुपाने की भी जरूरत नहीं है।

 क्या मतलब ?

 ऐसे कह रहे हो जैसे तुम्हें कुछ नहीं पता।

अब बोलो भी कैरोलिना।

 अब कैरोलिना की आंखें विस्फारित हो उठीं।

कैरोलिना ---- क्यों क्या तुम्हारे पास पुलिस का कोई फोन या मैसेज नहीं आया।

परीक्षित ---- नहीं 

कैरोलिना -----यह तो हो ही नहीं सकता, बांबे पुलिस और इतनी लापरवाह।

कैरोलिना ने परीक्षित का फोन आन  करके बताया।

 लो देखो पुलिस की तीन मिस काल और पढ़ो मैसेज 

 भयंकर दुर्घटना में अभी 12 बजकर 30 मिनट परआपकी पत्नी ‌श्रीमती स्वाति सिन्हा की मृत्यु हो चुकी है, आप शीघ्र ही शिनाख्त

 करने घटना स्थल पर आ जाइये।

 परीक्षित ----  क्या कह रही हो कैरोलिना, वो तो वहां बैठी है डाइनिंग पर 

कैरोलिना ----कहां है ?

 परीक्षित ने देखा, वो वहां नहीं थी।----

लैकिन वो तो यहां पौने बारह बजे ही आ गई थी।

 हम दोनों आधे घंटे से एन्जाय कर रहे थे।

 कैरोलिना --- यानि कि इस समय साढ़े बारह ही बजने चाहिए।

परीक्षित --बैशक।

 वो देखो वाल क्लाक।

परीक्षित ने जैसे ही घड़ी देखी 

 ओ।माई गॉड डेढ़ बज रहा है।

हां परीक्षित डेढ़ तुम नशे में होंगे तो टाइम ही गलत देख लिया।

अब कैरोलिना ने दूर सड़क का दृश्य दिखाया 

 वो देखो वो पुलिस और कुछ आती जाती गाड़ियां 

हमारी किस्मत अच्छी थी परीक्षित कि हमारा जहरीला केक खाने की उसे जरूरत ही नहीं पड़ी।

 और घर से सिर्फ बीस कदम पहले ही उसका एक्सीडेंट हो गया।

 योजना के अनुसार मुझे ‌यहां साढ़े बारह बजे पहुंचना था, ताकि

हम उसकी डैड बाडी को ठिकाने लगा दे।

 लैकिन दैखो तो ‌, अब उसकी कोई ‌आवश्यकता ही नहीं।

कैरोलिना ‌खुश‌होकर झूम झूमकर नाच रही थी, चहक रही थी 

 अब तो सब कुछ हमारा ।

बंगला, गाड़ियां, अथाह संपत्ति, हमें तो सब कुछ बिन मांगे ही 

 मिल गया।


 परीक्षित सब कुछ समझ गया था और सामने अंगारे बरसाती

स्वाति को देखें जा रहा था।

 अब वो सब कुछ समझ गया था,कि एक्सीडेंट के बाद स्वाति नहीं स्वाति की आत्मा पौने एक बजे आई थी।

 और आत्मा की शक्ति ने ही घड़ी को पूरे एक घंटे पीछे कर दिया।

  एक भोली भाली पत्नी, जिसकी आत्मा अपने पति के पास 

 उसके अंतिम फोन के आमंत्रण पर, उसके पास जन्म दिन मनाने 

 आई थी।

 उसे तो यह भी नहीं पता था कि यहां उसको मारने की योजना बन चुकी है एक घातक विष -युक्त कैक खिलाकर।

  लेकिन यह तो एक इत्तफाक ही हो गया कि कैक परीक्षित ने भी खा लिया था।

 और अब उसने जब यह सुना, कैरोलिना को, अपनी प्रिय सखि को मस्त होकर नाचते झूमते देखा तो तड़प उठी उसकी आत्मा।।।

 बहुत धोखा दिया  परीक्षित ने, अपनी भोली भाली पत्नी ‌को‌

उस बेचारी को तो मरने के बाद ही पता लगा।

स्वाति की आंखें पति की तरफ अंगारे बरसा रहीं थीं 

 परीक्षित दोनों हाथ जोड़कर पत्नी की आत्मा से क्षमा याचना

कर रहा था, और कैरोलिना ‌आंखें फ़ाड़ फ़ाड़ कर मुंह से झाग निकालते हुए परीक्षित को देख रही थी।

कैरोलिना ----- क्या हुआ परीक्षित, कहीं तुमने वो घातक विष वाला केक।

परीक्षित --- हां कैरोलिना, जब मैंने देखा कि स्वाति को आधे घंटे तक भी ‌कुछ नहीं हुआ तो मैंने समझा ‌शायद तुमने मुझसे मजाक ही किया है,।ओर मैं।।।ने।।।‌भी।कैकखाहीलिया।

 एक जोर की झाग भरी हिचकी के साथ परीक्षित ने भी दम तोड़ दिया।

  ‌एक भोली भाली पत्नी की आत्मा ने पति द्वारा किये विश्वास घात का इंतकाम ले ही लिया था, चाहें इत्तफाक से ही सही।

 किंतु सुबह के अखबारों में सुर्खियां थी कि।।।

' ‌मशहूर उद्योग पति मिस्टर परीक्षित सिंहा ने अपनी प्रिय पत्नी की कल रात साढ़े बारह बजे कार एक्सीडेंट में मृत्यु की सूचना मिलते ही जहर खा कर आत्महत्या कर लीअमर प्रेम का महान उदाहरण।

 और सारे दिन टी . वी चैनल पर भी यही प्रसारण हो रहा था।


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