इश्क ए जन्नत,
इश्क ए जन्नत,
एक सुशीला नाम की लड़की रहती थी। वह कला में बहुत निपुण थीं। वह किसी कि भी तस्वीर बना सकती थी।
वह तस्वीर बनाकर ही, अपने घर को संभालती थीं। उसके घर में एक छोटी बहन और एक छोटा भाई था। उसके माता पिता बचपन में ही चल बसे थे, वह अनाथ हो गई थी। इसलिए वह अपने घर का खर्चा उठाती थी। वह रोज नदी के किनारे अपना कैंप लगाती थी। जिससे लोग उसके यहां आते थे और अपना फोटो उससे बनवाते थे। कुछ दिन बाद उसके यहां एक लड़का आता है, उससे अपनी तस्वीर बनवाता है। वह उसको रोज देखता था। उस लड़की वह धीरे धीरे पसंद करने लगा था। लेकिन उससे कुछ कह नहीं पाता था, वह बहुत डरता था।
वह लड़की भी उसको देखती थी लेकिन, वह कुछ भी नहीं बोलती थी, क्योंकि उसको वह लड़का कुछ ठीक नहीं लगता था, कुछ दिन ऐसे ही चला कुछ महीने बाद वह लड़का उसके पास आया और बोला मैं तुमसे प्यार करता हूं। और यह कहकर रोने लगा वह बहुत अच्छा लड़का था।
वह डर भी गया था, लड़की ने बोला कि हमको सोचने का समय चाहिए। लड़के ने कहा तुमको जितना समय चाहिए ले लो मगर हमको बता देना।
इतना कहकर लड़का चला जाता है। अगले दिन सुबह वह लड़का फिर आता और उसको एक तोहफा देता।
वह लड़की नहीं ले रही थी, वह जबरदस्ती उसको देकर चला गया। उस लड़की ने उस तोहफा को खोला तो उसमें देखा कि कुछ किताबें और पेंसिल थीं।वह अपने घर ले गई। भाई बहन बहुत खुश हुए। लड़के ऐसे ही उसको बहुत सारा तोहफा दिया धीरे धीरे वह उसको मानने लगी । बात उसकी शादी तक पहुंच गई और वह बहुत खुश हुई और लड़के के घर वाले लड़की को बहुत पसंद करने लगे। उसके भाई बहन भी बहुत खुश हुए। कुछ दिन बाद उसकी शादी हो गई, वह लड़का उसकी बहुत इज्जत करने लगा। उसके भाई बहन अच्छे स्कूलों में पढ़ने लगे। यह सब देखकर उसको मानो की कोई सपना लग रहा था। वह अपने जिंदगी में बहुत खुश रहने लगी।

