manju gupta

Inspirational

5.0  

manju gupta

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इकोफ्रेंडली थैला

इकोफ्रेंडली थैला

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कनाडा में वर्ल्ड डिजाइनर संस्था से जब मीना विश्वस्तरिय अवार्ड ले रही थी। तभी मंच के संग दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट से उसे बधाई दे रहे थे । जो मीना के उत्साह को बढ़ा रहा था । मोबाइल , कैमरे में मीना की फोटो लोग कैद कर रहे थे । यह सम्मान मीना को स्वदेशी इकोफ़्रेंडली सूती कपड़े के थैला बनाने के हुनर को पहचान दे रहा था ।मीना आत्मविश्वास के जज्बे से  आगे बढ़ रही थी । तभी सारे पड़ोसियों , लोगों के व्यंग्य उसकी आँखों के सामने घूमने लगे ।जब पड़ोसिन सुधा ने मेरी सासू माँ से कहा था ।


" अरी सरला ! , तेरी बहू मीना सिर उघाड़े रोज बाहर जाती है ।जिन घरों का हम पानी नहीं पीते हैं । उन घरों में क्या करने जाती है ? " 


" हाय दैया तू !, मेरी बहू के पीछे क्यों पड़ी है ? ताने क्यों मारती हो ? तुझे मालूम नहीं है क्या ? हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश हित में प्लास्टिकों की थैली पर प्रतिबंध लगाया है । क्योंकि प्लास्टिक के कचरे में काफी वृद्धि हुई है । जिससे प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या विकराल हो गयी है और न ही इस प्लास्टिक को हम नष्ट कर सकते हैं ।"


" हम्मे , सुना तो है । इतने सालों से भारत की जनता प्लास्टिक की थैलियों , सामानों का उपयोग कर रही है । प्लास्टिक की थैलियाँ तो हल्की होने से अपने पर्स , जेब में रख के सामान आसानी से भर के ले आते हैं । सच में बातों से किसी की आदत को नहीं छुड़ा सकते हैं । "


"  सेहत की बहुत अनदेखी कर ली हमने । प्लास्टिक तो मनुष्य , जीव - जंतुओं , समुद्रीय जीव संसार के लिए हानिकारक है । प्लास्टिक प्रदूषण से कई जीवों , समुद्री जीवों की मृत्यु हो गयी है ।अब हमें सावधान होना पड़ेगा । प्लास्टिक की थैलियों में लाया या रखा हुआ सामान हमारे लिये जहर के समान है ।जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और बीमारियों को जन्म देता है । " 

" हमें तो न पता है । "

" इसलिए तो बता रही हूँ कि स्वास्थ के प्रति हमने खूब लापरवाही की है । हमें प्लास्टिक की चीजों , थैलियों को उपयोग करने से बचना होगा । मेरी बहू तो उन पिछड़ी बस्तियों में जाकर उन्हें प्लास्टिक की थैलियों को उपयोग में न लाने के लिए जागरूक करती है और इको - फ्रेंडली कपड़े के थैले बनाने का काम सीखा के उन गरीब लोगों , लड़कियों को रोजगार का साधन दे रही है । "

कई सारे माइक से घिरी मीना बड़ी खुश थी । विदेशी धरती पर अखबार , दूरदर्शन , मीडियावालों को अपना इंटरव्यू दे रही थी । 

 विदेशियों को अपने स्वदेशी थैले उपहार में दे के उन्हें थैला बनाने की कला सिखाने लगी और स्वदेशी थैले को बढ़ावा दे रही थी ।


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