इज्जत
इज्जत


“प्लीज माँ समझने की कोशिश करे, मैं अनुप्रिया से बहुत प्यार करता हूँ। आप एक बार उससे मिलकर तो देखिए। आपको कोई पछतावा नहीं होगा।”
“मुझे किसी से नही मिलना और ना ही तुम्हारी कोई बात सुनना चाहती हूँ। पिछले पाँच साल से तुम मुझसे अपनी लव स्टोरी छुपा रहे हो। मैने तुम से कितनी बार कहा था कि अगर तुम किसी को पसंद करते हो तो मुझे बता सकते हो। मैं तुम्हारे पापा से बात कर लूंगी लेकिन तुमने एक शब्द नही कहा।”
“माँ, मुझे नही पता था कि आप लोग मेरा रिश्ता कही और पक्का कर देंगे। मैं तो उसके जवाब का इंतजार कर रहा था। उसने कुछ दिन पहले ही मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट किया था। मैं आपको बता देने वाला था लेकिन उससे पहले ही आप मेरा रिश्ता तय कर चुके थे।”
“बात जो भी हो, अब कुछ नहीं हो सकता। हम लोग अपनी जबान दे चुके है। अब यह हमारी इज्जत का सवाल है।