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Mr.Pratik Nakum

Abstract

3.5  

Mr.Pratik Nakum

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"ईश्वर का रूप"

"ईश्वर का रूप"

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एक गाँव में ऐलान होता है , गाँव में बाढ आने वाली है सभी गाँव खाली कर उँची जगह चले जाए , सभी गाँव वाले गाँव खाली कर उँची जगह चले जाते हैं

सिर्फ एक गाँव वाला जो ईश्वर का भक्त था, वह नहीं गया और कहा कि मुझे मेरे प्रभु पर बहुत विश्वास है....

गाँव के सरपंच ने, मुखिया ने आकर बहुत समझाया पर वह नहीं माना। बहोत सारे लोगों ने भी उसको बार बार समझाया लेकिन वह मान ने को तैयार ही नहीं था।

फिर सभी लोगों ने उसको समझना छोड़ दिया क्योंकि वह बहुत जिद्दी था और कह रहा था कि उसको केवल भगवान ही बचाएंगे और उसको भगवान पर पूरा भरोसा है इसलिए आप लोग मेरी चिंता मत करिए मुझे तो भगवान स्वयं बचाने के लिए आएंगे।

देखते ही देखते बाढ़ का पानी बढ़ता गया वह घर के छत पर चढ़ गया, कुछ नाव में बचाव कर्मी उनको बचाने आये तो उनके साथ भी जाने से इनकार कर दिया और कहा कि मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है भगवान मुझे बचा लेंगे इसलिए आप मेरी चिंता करे बगैर यहां से चले जाइए।

बाढ़ का पानी और बढ़ा और पानी छत को छूने लगा तब हेलीकाप्टर से उनको बचाने आये पर उसने उनके साथ भी जाने से इनकार कर दिया और बोला मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है भगवान मुझे बचा लेंगे।      

बाढ का पानी और बढ़ा और वह भक्त बह गया और मर गया...

जब वह भक्त मर कर ईश्वर के पास पहुंचा तो उसने ईश्वर से गुस्से से कहा, मैं तो आपका भक्त था आप पर मुझे पूरा भरोसा था तो आपने मुझे क्यों नहीं बचाया..

आप ने मेरे साथ विश्वासघात किया है यह उचित नहीं है।

मैंने सबको कहा था कि भगवान स्वयं मुझे बचाने के लिए आएंगे क्योंकि मै उसका भक्त हूं और मुझे उन पर पूरा विश्वास है। फिर आप सबकुछ जानते हुए भी मुझे क्यों बचाने नही आए?

भगवान मुस्करा कर बोले ...

आया तो था तुझे बचाने ...

कभी सरपंच, मुखिया के रूप में...

कभी नाव में बचाव कर्मी के रूप में ....

कभी हेलीकाप्टर में आपको बचाने.... 

पर तुम मानने को तैयार ना थे...

तो मित्रों..! 

सरकार ने... 

प्रशासन ने...

डॉक्टरों ने....

आप सभी को सलाह दे रहे है इस कोरॉना महामारी जैसी बीमारी से बचने के लिए, यह भी एक प्रकार से ईश्वर का ही रूप है।

इनकी सलाह को ईश्वर की सलाह मानकर इनकी बातों पर अमल करें.!

यह सब हमारी भलाई के लिए है....

हम भी सब साथ मिलकर इस समस्या का समाधान कर सकते है और अपने देश को बचा सकते है और बहुत बढ़िया योगदान दे सकते हैं।

जैसे 

रावण मरा राम के वनवास से 

कंस मरा कृष्ण के कारावास से 

वैसे ही 

कोराना मरेगा हम सबके गृहवास से।

जान है तो जहान है !


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