क्रोध पर विजय
क्रोध पर विजय


एक ध्यान-योगमार्गी डॉक्टर थे। उसका स्वभाव बहुत ही सरल और शांत था। गुस्सा उनके आसपास भी नहीं आ सकता उतने वह शांत स्वभाव के थे। इस डॉक्टर के पास बहुत सारे लोग अपनी समस्या ले के आते थे, डॉक्टर को बताते थे और डॉक्टर सब लोगो का मार्गदर्शन करते थे।
एक दिन एक बहुत ही क्रोधी स्वभाव का आदमी डॉक्टर को मिलने आया।आते ही गुस्से में बोला ,"ये मेरा गुस्सा बहुत ही भयंकर हैं और में इस गुस्से को अपने काबू में करने का प्रयास कर रहा हूँ ,परंतु में काबू करने में निष्फल ही रहता हूँ।अब मेरी इस परेशानी का आप ही कुछ उपाय बताइये।
डॉक्टर बोले, 'अरे भाई! आप भी कमाल करते हो। आप तो ऐसे बात कर रहे है जैसे की आप की तो कोई गुस्से के साथ पुरानी दुश्मनी हो! ' उस आदमी ने बोला , 'लेकिन में क्या करूँ ! गुस्से को दबाने का लाख प्रयास करता हूँ लेकिन गुस्सा दबता ही नहीं, वो आ ही जाता है।
डॉक्टर बोले, ' यही आप बहुत भयंकर भूल कर रहे हो। आप तो कह रहे थे की आपको गुस्से पर बहुत क्रोध आता है फिर क्यों आप इस गुस्से को गले लगाकर घूमते हो?'
आदमी बोला, ' क्या में गुस्से को गले लगाकर घूमता हूँ ?
अब आप ही मुझे बताइये की गुस्से को काबू में करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए।
डॉक्टर ने बहुत ही अच्छी बात कही, " गुस्से को आप अपना शत्रु की तरह समझो। आप तो गुस्से के साथ ऐसा बर्ताव कर रहे है जैसे वो आपका जिगरजान मित्र हो!
वह आदमी बहुत ध्यान लगाकर डॉक्टर की बात सुन रहा था।
डॉक्टर आगे समझाते हूँ ये बोला की 'भाई क्रोध करने की कुटेव आपको पीछे से प
ड़ी है। यह कुटेव जन्म से नहीं है। आप गुस्सा करते हो फिर बाद में आपको उसका अनिष्ठ परिणाम भुगतना पड़ता है आपको पता है ?? आप गुस्से को साक्षिभाव से देखे ,क्रोध आपका कोई अंश नहीं है। गुस्से के साथ आपका कुछ लेना देना नहीं है। जब जब गुस्सा आये तो तब मन ही मन तय करे की मुझ को गुस्सा कभी आता ही नही, मैं गुस्से को अपने अंदर लाऊंगा ही नहीं और मुझे गुस्सा आ ही नहीं सकता। जब आप ऐसे मन में विचार करेंगे तो यह विचार ही गुस्से को दूर भगाएगा और आपकी यह कुटेव का नाश कर देगा।
डॉक्टर ने कहा जब आप अपने गुस्से को काबू करना सिख गये ना, तब दुनिया में कोई भी व्यक्ति आपको सफल होने से नहीं रोक सकता।
एक पक्का विचार कर लो खुद से की मुझ को गुस्सा आएगा ही नहीं।' डॉक्टर ने क्रोध-गुस्से से जीतने का मार्ग बताया। फिर डॉक्टर की इस बात पर आदमी ने अपना काम चालु किया और देखते ही देखते उस आदमी ने गुस्से को हरा दिया। बाद में वह आदमी डॉक्टर के जैसा ही शांत रहने लगा और कभी गुस्सा नहीं किया। इससे वह जीवन में बहुत ही सफल होता चला गया और बाद में दुनिया का एक अच्छा वैज्ञानिक बन कर दिखाया।
फिर वह आदमी बहुत वर्षो बाद उस डॉक्टर से मिलने गया और बोला डॉक्टर साहब आपने तो मेरी किस्मत ही पलट डाली।
मैं आपको अपना गुरु मानता हूं मुझे आशीर्वाद दीजिए।
डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा, मैंने बोला था ना की जब तुम अपने गुस्से को काबू करना सीख गए तब दुनिया में तुम्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता और आज आप दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक बन गए क्योंकि आप ने अपने गुस्से पर विजप पा लिया ।
ऐसे ही आगे बढ़ते रहो ।