एक शराबी की कहानी
एक शराबी की कहानी


एक शराबी जो की बहुत ही ज्यादा पीता था। उसके पीने की वजह से उसका घर बर्बाद हो रहा था, घर के सभी लोग उससे बहुत ही ज्यादा परेशान थे। एक दिन उसको किसी आदमी ने एक संत के बारे में बताया और बोला उनके पास जाओ वो तुम्हारी शराब को छुड़ा देंगे। वह अगले दिन सुबह उस संत के पास पहुंचा और बोला बाबा मैं अपनी शराब से बहुत ही परेशान हो गया हूँ, इसकी वजह से मेरा घर बर्बाद होता चला जा रहा है और में कुछ नहीं कर पा रहा हूँ।
संत ने बोला - तुम ये शराब छोड़ क्यों नहीं देते जब तुम को इतनी परेशानी है। वह बोला मैं तो शराब को छोड़ना चाहता हूँ लेकिन ये मुझ को नहीं छोड़ती है। उसकी इस बात को सुनकर संत ने बोला कल सुबह को आना तुम, तभी बात करूँगा।
अगले दिन सुबह - सुबह वह संत के पास पहुँच गया, उसको अपनी तरफ आते
देख बाबा ने एक पेड़ को जाकर जल्दी से पकड़ लिया। जब वह बाबा जी के पास पहुंचा तो उसने देखा की वो एक पेड़ को पकड़ कर खड़े है। शराबी ने संत को बाबा बोल कर नमस्कार किया और बोला आप यह क्या कर रहे हो, तो बाबा ने जवाब दिया - ये पेड़ मुझ को छोड़ नहीं रहा है। यह बात सुनकर वह शराबी चौक गया और बोला बाबा आज मैंने पी नहीं रखी है, आप ने पेड़ को पकड़ रखा है पेड़ ने आपको नहीं। उनकी बात सुनकर संत ने मुस्कुराकर जवाब दिया की मैं भी तुम्हें यही बात बताना चाहता था कि पेड़ ने नहीं मैंने उसको पकड़ कर रखा है, इसी तरह शराब ने तुम को नहीं तुम ने शराब को पकड़ कर रखा है। शराबी की आँखें खुल गयी और वह बोला आज के बाद मैं कभी भी शराब को हाथ नहीं लगाऊंगा।
सिख : मित्रों इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है की कोई भी बुरा काम छोड़ा जा सकता है।