हवस का पुजारी
हवस का पुजारी
"नेताजी चलिए, आज की रंगीन रात आप जेल में बिताइए ..." व्यंगात्मक हँसी हँसते हुए इंस्पेक्टर रवि ने कहा
"डाल दो इन्हें लॉक-अप में..." हथकड़ी काँस्टेबल के हाथ में पकड़ाते हुए
"मैं कह रहा हूँ ना मुझे एक फ़ोन लगाने दो, मैंने कुछ नहीं किया...... नेताजी, रंगे हाथों पकडे जाने पर मिमियाते हुए कह रहे थे..... "मुझे फँसाया जा रहा है, ये लड़की मुझ पर झूठा इल्ज़ाम .....।
"अब जो होना है सुबह कोर्ट खुलने पर ही होगा, अभी तो आप अपनी रात यहीं, रंगीन कीजिए.....
दूसरी ओर महिला काँस्टेबल, लड़की से, "बेटा, अब बताओ, क्या हुआ तुम्हारे साथ....? कब से रहती हो अनाथाश्रम में?"
"बहुत साल से...."
"तुम्हारे घर के लोग, कोई रिश्तेदार...?"
"पता नहीं...."
"क्या हुआ था तुम्हारे साथ....।"
"मैडम ने मुझे रात को नेताजी के कमरे में जाने को बोला था..."
"कौन मैडम..?"
"हमारे यहाँ की बड़ी मैडम,...... नेताजी जैसे लोगों के आने पर हम में से एक लड़की को रात को उनके पास भेजा जाता है.... रोने लगी...... "मना करने पर कमरे में बंद रखा जाता है, खाना नहीं.......।" बोलते- बोलते फिर रोने लगी
"लो पानी पीओ" महिला काँस्टेबल पानी का गिलास देते हुए
पानी पीने के बाद लड़की फिर बोली, "नेताजी जब बाथरूम में थे तो मैंने ही उनके मोबाइल से 100 डायल कर के आपको बताया था...।"
महिला काँस्टेबल गुस्से से लॉक-अप की ओर देखकर "सा$$$.... हवस का पुजारी..."