होम ! हैप्पी होम

होम ! हैप्पी होम

1 min
451


जब मन उदास होता मां की फोटो पर्स से निकल मां से घंटो बाते करती। कभी समस्या का हल मिल जाता कभी नही भी मिलता। पर उनसे बात करके मन हल्का हो जाता।

एक दिन बच्चों को पढ़ा रही थी। एक कविता मे दादा दादी नाना नानी की बात आई। रैनेसां ने मेरी ओर प्रश्न सूचक निगाहो से देखते हुये कहा - "मम्मा घर में दादा-दादी की फोटो तो है पर नाना-नानी की क्यों नहीं !"

उसकी बात सुनकर रोहन जोर जोर से हंसने लगा और बोला - "बुद्धु तुझे इतना भी नहीं पता ! ये घर तो पापा का है ना, तो पापा के मम्मी-पापा की फोटो ही तो लगेगी ना ! क्यूं पापा !"

पास ही बैठे पति देव ने मेरी ओर देखते हुये कहा - "जितना ये घर मेरा है उतना ही तुम्हारी मम्मी का।"

इतना कहकर वे उठकर जाने लगे। मैने पूछा कहां चल दिये एकदम से। "बच्चों का सवाल वाजिब है तो जवाब भी तो वाजिब ही होना चाहिए ना ! तुम मम्मी पापा की अच्छी सी फोटो निकाल दो, मैं आज ही फ्रेम करवा लाता हूं ! अब दीवार पर सिर्फ दादा-दादी नहीं नाना-नानी की फोटो भी होगी।" उन्होंने जवाब दिया।

सुनते ही रैनेसा रोहन को चिढ़ाकर बोली- "भाई ये घर पापा का नहीं मम्मी पापा दोनों का है, समझा ना !


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational