Vineeta Dhiman

Inspirational

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Vineeta Dhiman

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हमारा सहारा कौन बनेगा

हमारा सहारा कौन बनेगा

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(जब बेटा अपने जिम्मेदारी से मुँह मोड़ लेता है तो एक बेटी अपने माता पिता का सहारा बन जाती है उनके बुढ़ापे की लाठी... जब बेटा बेटी बराबर है तो जिम्मेदारी भी बराबरी वाली होनी चाहिए)


लो जी आपकी दवाई..आपने भी क्या हाल बना लिया है अपना, आप अब रोहित को भूल क्यों नहीं जाते। जब वो अपने बीवी बच्चों के साथ ऑस्ट्रेलिया में खुश है तो उन्हें रहने दो वहाँ। आप क्यो परवाह करते हो उनकी! जब उसे आपकी कोई परवाह नहीं।

यहाँ मैं हूँ न आपके साथ... आपकी जिंदगी भर की हमसफ़र आपकी पत्नी... सुधा ने अपने बीमार पति सुरेश से कहा। 


हाँ, तुम तो हो। तुम्हारे साथ रहने के कारण ही तो मैं इस कैंसर जैसी बीमारी से लड़ रहा हूँ लेकिन मुझे रोहित की बड़ी याद आती है वो तो कहता था कि पापा मम्मी मैं आपको छोड़कर कभी नहीं जाऊँगा...मैं आपके बुढ़ापे का सहारा बनूँगा अब हमें सहारा कौन देगा?? रोहित चला गया हमसे नाता तोड़कर दूसरे देश में बसने के लिए वहाँ कौन है उसका...यहाँ परिवार था, माँ, पिता, बहन सब थे। 

तभी हाथ मे दवाइयाँ लिए रानो आयी और बोली आज आपने मुझे पराया कर दिया। आप तो कहते थे कि रानो तू मेरा बेटा है लेकिन आप तो मुझे भैया के बराबर नहीं समझते वो अपनी जिम्मेदारियों से भाग गए है लेकिन मैं नही जाऊंगी। आपने जब बचपन से हमारी परवरिश में कोई भेदभाव नहीं किया। दोनो को पढ़ाया, लिखाया, मुझे डॉक्टर बनाया। मुझे कभी भैया से कम नही आंका, हमेशा से घर और बाहर दोनो की आज़ादी दी। आप ही तो कहते थे पापा की दुनिया बराबरी वाली है। न कोई कम है न कोई ज्यादा सबको समान अधिकार है बोलने का,खाने पीने का, अपनी पसंद के काम करने का , जीने का, जब आप दोनों ने हम दोनों को बराबरी का रास्ता दिखाया है तो अब आप क्यो डरते हो? आप भैया का इंतज़ार मत करो। वो नहीं आयेंगे... अब मैं हूं आपका सहारा... आपके बुढ़ापे की लाठी जो कभी आपको छोड़कर नहीं जाएगी। 

सुरेश जी आँखों मे आँसू लिए अपनी रानो से बोले मुझे माफ़ कर दो, आज से हम तुम्हारे सहारे है बेटा। 



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