हम तेरे बिन अब रह नहीं सकते ❣️
हम तेरे बिन अब रह नहीं सकते ❣️
"अगर तुम्हें मेरा साथ छोड़ना ही था तो क्यों मेरी जिंदगी में आए ? क्यों मुझे खुद पर भरोसा करने पर मजबूर किया? स्वाति इस वक्त बहुत गुस्से और नफरत भरी नजरों से सामने खड़े शख्स को देख रही थी।
" स्वाति तुम मुझे गलत समझ रही हो, मैंने ऐसा कुछ नहीं किय, और तुम्हें भी धोखा दे कैसे सकता हूं! तुम मेरी जिंदगी हो, अजय स्वाति के सामने हाथ जोड़कर कहा।
" मैं तुम पर फिर से भरोसा नहीं कर सकती, मैंने इस दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा तुम पर किया था। मेरे अपने मेरा साथ छोड़ा, उम्मीद तुम पर थी। तुम ही धोखा दे गए।
" तुम मुझे जिस नर्क से बचा कर लाए थे। मैं वही जा रही हूं। मेरी जिंदगी बर्बाद होने के जिम्मेदार तुम हो। अब तक जो हुआ उसके जिम्मेदार भी तुम हो। स्वाति ने बहुत गुस्से में उसकी तरफ देखा।
" यह तुम क्या कह जा रही हो ? मैं बेकसूर हूं। ऐसा कुछ नहीं किया मैं तो इस शहर में था ही नहीं, फिर तुम्हारे साथ में यह सब कैसे कर सकता हूं! प्लीज भरोसा मानोो मेरा अगर मुझे ऐसा ही करना होता तो मैं क्यों तुम्हारा साथ देता क्यों ?
तुमसे कोई रिश्ता हुए बिना तुम्हारे सारे सपनों को पूरा करवाता ?
"तुमने कहा था, मैं कहां हूं यह तू मेरे गांव वालों को नहीं बताओगे, हमेशा मुझे उससे बचा कर रखोगे, लेकिन तुमने ही मुझे उनके कदमों में फेंक दिया! वह लालची जिनमें न तो इंसानियत है ना अपनाप, जो सिर्फ अपना फायदा देखते हैं।
यह कहानी है स्वाति और अजय की जिन्हें एक सपने ने मिलाया अपने सामने आने वाले हर परेशानियों का सामना
किया, एक गलतफहमी ने इन दोनों को जुदा होने पर मजबूत कर दिया। आगे के लिए जुड़े रहे।

