हल और परेशानी
हल और परेशानी


रामू एक बहुत ही अच्छा किसान है। उसका खेत दस एकड़ भूमि पर फैला हुआ है।खेत के पास से ही सड़क होकर गुजरता है और पास में ही एक पीपल का पेड़ है जो दो वर्ष पहले रामू ने अपने हाथों से इसे लगाया था कि कभी अपना खेत देखने जाऊ तो इस पेड़ के ठंडी छांव में बैठकर आराम कर सकूं।
इस वर्ष बेमौसम बारिश और ओले गिरने से रामू को लग रहा था कि फसल इस वर्ष खराब हो सकती है
एक दिन की बात है कि शायं के वक्त में रामू जब अपनी फसल देखने गया तो फसल थोड़ी खराब हो गई थी।यह देख वह बहुत उदास हो गया और पीपल के पेड़ के नीचे अपने गालों पर हाथ रख कर बैठ घोर विपदा के बारे में सोच रहा था।
वह सोचकर बहुत परेशान हुए जा रहा था और उसे ऐसा लग रहा था जैसे मानो घोर विपदा की स्थिति उत्पन्न हो गई है।रामू बार बार सिर्फ अपने खेत, फसल और जिंदगी में होनेवाले परेशानियों पर ही फोकस कर रहा था।वो यह नहीं जान पा रहा था कि मेरे बहुत ज्यादा परेशानियों के बारे में सोचने से समस्या और बढती ही जा रहीं हैं,बल्कि हल नहीं मिल रहा है।
तभी उस रास्ते से एक ब्राह्मण पंडित जी गुजर रहे थे।उनकी नजर पीपल के पेड़ पर पड़ी। उन्होंने कुछ देर आराम करने का फैसला किया।
जब वो पीपल के पेड़ के नीचे ग ए तो उनकी नजर रामू पर पड़ी।
उन्होंने पूछा- क्या हुआ है वत्स? ऐसे मुद्रा में बैठकर किस विपदा भरी परिस्थिति के सोच मे डूबे हुए हो
फिर रामू ने अपनी खेत, फसल और जिंदगी से संबंधित परेशानियों के बारे में बताई।
ब्राह्मण पंडित जी- वत्स तुम सिर्फ अपने परेशानियों के बारे मे सोच में ऐसे डूब ग ए हो कि तुम्हें इनसे निकलने की कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा। परेशानियों के बारे मे सोचने से परेशानियां कम नहीं होती बल्कि और बढ़ती है। दुनिया मे अगर परेशानी हमारे पास है तो इसका हल भी हमारे पास है।बस तुम्हे अपने परेशानियों से ज्यादा अपने हल पर ध्यान केंद्रित करना
चाहिए। परेशानियां दूर हो जाएंगी।
तो फिर रामू ने कहा- तो फिर इसका हल भी आप ही बता दीजिए पंडित जी।
पंडित जी- तुम घर जाओ और अपने सारे परेशानियों को एक कागज़ पर लिखो और फिर उसके हल को कम से कम तीन तरीक़े से लिखो की इस परेशानी को मै इन तीन तरीको से कैसे हल कर सकता हूं, फिर जो हल आसान लगे उससे अपने परेशानी को हल करलो।
रामू ने कहां- ठीक है फिर तो हम ऐसा जरूर करेंगे।
अगले दिन रामू ने अपने तीन समस्या देखा लेकिन उसने कागज पर सिर्फ एक समस्या लिखा और वो था-
खेत की फसल खराब होना
फिर रामू ने खेत की फसल के बारे में हल ढूंढे-
१. खेत के फसल का अच्छे से निरीक्षण करना
२. खेत के फ़सल को अच्छे तरीके से काटना
३. बाजार में सही जगह और सही दाम में बेचना
जब रामू ने अपना पहला हल मे काम करना शुरू किया तो उसने देखा कि हमारी 85% फसल अच्छी है और सिर्फ 15% फ़सल ही खराब हुई है जिसे हम कम दाम पर भी बेच सकते हैं।
फिर जब उसने दूसरे हल पर काम किया तो उसने अपना पूरा ध्यान फसल काटने पर दिया और 100% अच्छे तरीके से फसल काटा।
फिर जब उसने तीसरे हल पर ध्यान दिया तो उसने अपने काटे गए फसल का सही दामों में बेचा।
अब रामू को जीवन की परेशानियों के हल ढंढने के पंडित जी के दा्रा सिखाए गए तीन मूल मंत्र हमेशा याद रखता जिससे अब उसके जिंदगी में खूशहाली आ गई।
("नोट: हमलोग भी ऐसे ही होते हैं, सिर्फ और सिर्फ अपने परेशानी पर ध्यान केंद्रित करते हैं,अगर एक परिस्थितियों के तीन हल ढूंढने के तरीके हमें आ जाएं तो हमारी जिंदगी में सारी परेशानियों का हम सामना कर सकते हैं")