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Avinash Agnihotri

Drama Classics Inspirational

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Avinash Agnihotri

Drama Classics Inspirational

हिन्दी

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कार्तिक के इतनी छोटी उम्र में यूँ फर्राटेदार इंग्लिश बोलने से,जहां उसके माता पिता सहित पूरा परिवार खुश था।वहीं उसकी दादी को उसकी यह गिटपिट जरा ना सुहाती थी।

फिर आज जब कार्तिक उनके कमरे में आया तब वह बोली,"अच्छा जरा बता तो कार्तिक, तू मुझसे कितना प्यार करता है"।

इसपर कार्तिक बोला,"आई लव यू सो मच दादी",यह सुन दादी उससे बोली तो "बेटा फिर कम से कम मुझसे तो तू इंग्लिश में बात न किया कर"।

अच्छा समझा,आपने तो सारी उम्र बच्चो को स्कूल में हिंदी ही पढ़ाई है ना,तभी आपको यह भाषा समझने में कठनाई होती होगी।

कार्तिक ने अपनी दादी से पूछा,तब वह बोली "नही बेटे कठनाई तो कुछ भी नही होती। पर मुझे लगता है कि यह एक खड़ी बोली है"।

इसमें हमारी हिंदी भाषा की तरह अपनापन व आदरभाव नही है।

वो कैसे,दादी की बात सुन कार्तिक ने फिर आश्चर्य से पूछा,तब वह उसे समझाते हुए बोली।अब तुम ही देखो, हमारी भाषा मे अपने से बड़े को आप कहते है,बराबर या छोटो को तुम।

पर इस इंग्लिश में तो सभी के लिए सिर्फ यूँ ही है।


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