Sangeeta Aggarwal

Inspirational

4.3  

Sangeeta Aggarwal

Inspirational

हिंदी बोलने में कैसी शर्म

हिंदी बोलने में कैसी शर्म

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"रोहन मेरे पास इंटरव्यू कॉल आ गई कल मुझे इंटरव्यू के लिए जाना है" प्रतिज्ञा अपने पति के ऑफिस से आने पर बोली।


" बहुत अच्छा..तुमने तैयारी तो कर ली होगी ना इंटरव्यू की !" रोहन खुश होते हुए बोला।


" तैयारी तो मैं तबसे कर रही हूं जबसे नौकरी तलाशनी शुरू की है!" प्रतिज्ञा बोली।


" चलो अब तुम्हारा अकेलापन भी कम होगा नौकरी से और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा!" रोहन बोला।


प्रतिज्ञा और रोहन जिनकी शादी को दो साल हो गए हैं। रोहन दिल्ली शहर में नौकरी करता है और उसका घर अलीगढ़ में है प्रतिज्ञा का मायका शामली में है। दोनों परिवारों ने रिश्ता तय किया और प्रतिज्ञा शादी के कुछ दिन बाद ही दिल्ली आ गई यहां रोहन किराए के घर में रहता है और जल्द ही तरक्की कर खुद का घर लेना चाहता तभी परिवार आगे बढ़ाने की सोची दोनों ने। प्रतिज्ञा घर में बैठी बोर हो जाती थी इसलिए रोहन ने उसे किसी स्कूल में नौकरी करने को कहा जिससे वक़्त भी पास हो और चार पैसे भी आए क्योंकि वह पढ़ी लिखी थी और शादी से पहले अध्यापिका बनना चाहती थी पर पढ़ाई पूरी होते ही शादी हो गई। पहले तो वो मना करती रही क्योंकि उसे अकेले जाते में ही कहीं डर सा लगता था इस बड़े शहर में पर रोहन के जोर देने पर उसने कोशिश शुरू की थी।


अगले दिन...


" नमस्ते मैडम !" प्रतिज्ञा ने वहां उपस्थित अध्यापिकाओं को नमस्ते किया तो सब एक दूसरे को देखने लगी।


" ओके ओके.. मिसेज प्रतिज्ञा व्हाट डू यू नो अबाउट टीचिंग?" एक अध्यापिका ने सवाल किया।


" मेम शिक्षक देश के आने वाले भविष्य की नींव होता है उसपर ये जिम्मेदारी होती है कि वो अपने पास आने वाले हर विद्यार्थी को एक समान शिक्षा दे!" प्रतिज्ञा ने जवाब दिया।


" प्रतिज्ञा जी प्लीज़ स्पीक इन इंगलिश इट्स ए वेरी रिपुटेटेड इंग्लिश स्कूल यू नो।" एक अध्यापिका प्रतिज्ञा का जवाब सुन मुंह बनाते हुए बोली।


" माफ़ कीजियेगा मेम पर हिंदी तो हमारी राष्ट्रीय भाषा है फिर उसे बोलने में कैसी शर्म वैसे भी मैं यहां हिंदी अध्यापिका की नौकरी के लिए आईं हूं तो आपको मुझसे हिंदी में ही सवाल करने चाहिएं !" प्रतिज्ञा बोली।


" लगता है आपको इंग्लिश नहीं आती!" एक अध्यापिका व्यंग्य से बोली।


"मिसेज राठौड़ आप प्रतिज्ञा जी के सर्टिफिकेट पर तो नजर डालिए जरा!" तभी वहां उस स्कूल की प्रिंसिपल आकर बोली।


" व्हाट...?" अध्यापिका हैरान होकर बोली।


" जी... इन्होंने अपनी शिक्षा इंगलिश मीडियम से ही की है फिर उन्होंने हिंदी साहित्य से एम ए किया है!" प्रिंसिपल मैडम बोली।


" माफ़ कीजियेगा मैडम !" व्यंग्य करने वाली अध्यापिका ने प्रतिज्ञा से माफी मांगी। 


उसके बाद उसका पूरा इंटरव्यू हिंदी में ही लिया गया। और उसे नियुक्त कर लिया गया।


" माफ़ कीजियेगा मैडम पर एक सवाल पूछ सकती हूं क्या मैं?" आखिर में एक अध्यापिका प्रतिज्ञा से बोली।


" जी पूछिए!" प्रतिज्ञा नम्रता से बोली।


" जब आपने अपनी शिक्षा इंगलिश मीडियम से की तो एम ए हिंदी साहित्य से करने की खास वजह?" अध्यापिका ने पूछा बाकी अध्यापिका भी जिज्ञासा से प्रतिज्ञा को देखने लगी।


" मेम मेरे पैरेंट्स ने मुझे इंगलिश माध्यम से शिक्षा इसलिए दिलाई क्योंकि वो चाहते थे कि मैं डॉक्टर या इंजिनियर बनूं पर जैसे जैसे मैं बड़ी होती गई मुझे अपनी मातृभाषा हिंदी से प्यार होता गया क्योंकि जहां इंगलिश के कारण कुछ लोग हीनभावना के शिकार हो आपसे दूर से हो जाते वहीं हिंदी आपको दूसरों के करीब ले आती क्योंकि ये हमारी बोलचाल की भाषा है और दिल से बोली जाती है। बस इसलिए मैने एम ए हिंदी साहित्य से किया जिससे में डॉक्टर इंजिनियर ना बन एक हिंदी की अध्यापिका बन सकूं और बच्चो में हिंदी प्रेम जगा सकूं।" प्रतिज्ञा मुस्कुराते हुए बोली।


उसका जवाब सुन प्रिंसिपल मैडम ताली बजाते हुए बोली" मिसेज प्रतिज्ञा ये हमारे स्कूल और हमारे यहां के विद्यार्थियों का सौभाग्य है कि आप जैसी हिंदी प्रेमी अध्यापिका उन्हें मिली। मुझे उम्मीद है हमारे यहां के बच्चे इंगलिश के साथ साथ हिंदी भाषा में भी अपना परचम लहरा स्कूल और देश का गौरव बढ़ाएंगे!" 


" मेम मेरी कोशिश रहेगी मैं उन्हें दिल से बोली जाने वाली भाषा हिन्दी का भरपूर ज्ञान करा सकूं!" प्रतिज्ञा बोली।


सभी अध्यापिकाओं ने ताली बजा प्रतिज्ञा की बात का समर्थन किया।


दोस्तों कुछ लोग हिंदी को हीनभावना से देख इंगलिश को तवज्जो देते जबकि हिंदी तो हमारी राष्ट्रीय भाषा है जिसका ज्ञान होना बहुत आवश्यक है। खुद के हिंदी भाषी होने पर शर्म मत कीजिए। गर्व से कहो मुझे दिल से बोली जाने वाली भाषा हिन्दी भाषा पर गर्व है।



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