Aniket Guru

Horror

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हीरा : पिशाच और उसका प्यार

हीरा : पिशाच और उसका प्यार

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रात के अंधेरे में अगर कोई चीज साफ साफ नजर आती ही तो वो है सिर्फ और सिर्फ काला साया और यही काला साया नजर आ रहा था गीता को जब वो अकेली सुनसान रास्ते पर आगे बढ़ी चली जा रही थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो" आज सब उस मोनिका के चक्कर में हुआ है पहले ही बोला था जाने दे घर देर हो जायेगी ,,,,, पर माने किसी की तब न....." गीता बड़बड़ाते हुए चली जा रही थी गीता और मोनिका एक साथ ही काम करती थी आज मोनिका का जन्मदिन था तो उसने अपने घर गीता को रोक लिया और जन्मदिन को मनाने के बाद घर जाने की जिद की , जिसके चलते गीता को देर हो गई.....

 तभी एक हल्की सी आवाज ने गीता का ध्यान अपनी ओर खींचा" कहा जा रही हो , कहो तो आगे तक छोड़ दू" ये आवाज किसी नव जवान युवक की थी 

 गीता बिना रुके हाथ से इशारा करते हुए की नही कही नही जाना उसे और आगे बढ़ गई तभी सामने से आती कार की लाइट उस पर पड़ी और गीता रुक गई और एक तरफ हट गई क्युकी कार बहुत रफ्तार में थी कार नजदीक आकर रूकी और एक महिला ने उसमे से बोला -' कहां घूम रही हो इतनी रात में , मरना चाहती हो क्या ???  और उस महिला ने कार रोक कर उसे अपने साथ बैठने को कहा

" पर आप तो इस तरफ जा रही हो" गीता ना डरती हुई आवाज में कहा

" तुमको छोड़ दू फिर चली जाऊंगी आ जाओ कार में , यहां बहुत खतरा है तुमको ,,,,,,,आओ छोड़ दू" महिला ने मुस्कुरा कर आग्रह किया

 गीता ने आव देखा न ताव सीधा कार में उसके साथ बैठ गई और बैठते ही बोली -' अरे वो आदमी कहा गया , जिसने मुझे तुमसे पहले रोका था"

 कार को पीछे की तरफ मोड़ते हुए वो महिला मुस्कुराई और बोली -" कोन वो हीरा का पिशाच ....' और जोर से हंसने लगी

" कौन ??.... किसका पिशाच ?" गीता ने डरकर उस महिला से पूछा

'मेरा नाम शमीना है , मैं यही पास के गांव में रहती हु मुझे यहां की हर बात पता है" उस कार चालक ने अपनी बात रखी

' तो वो हीरा का पिशाच कोन..... मतलब ? गीता की जिज्ञासा बढ़ गई 

' हीरा इसी गांव का लड़का था उम्र ज्यादा नही थी बहुत सीधा और साफ दिल का लड़का था , बस एक लड़की से प्यार करने लगा दूसरे गांव के लोगो को जब इस बात की खबर हुई तो उसे धोखे से यहां बुलवाकर जान से मारकर इसी पेड़ से लटका दिया और उसकी मौत का जिम्मेदार उसकी प्रेमिका को बना दिया , तब से वो हीरा यहां से रात को गुजरने वाले राहगीरों को , गांव वालो को परेशान करता रहता है ,जिन लोगो ने उसकी हत्या की थी अब तक सबको मार चुका है ;

बिन मौत के मार देता है इसलिए लोग उसे पिशाच कहने लगे ,' शमीना ने गीता की तरफ बात को खत्म करते हुए देखा और मुस्कुराई

' नहीं मैं इस सब बातो को नहीं मानती , मरने के बाद कोई लौट कर नहीं आता कभी नहीं" गीता ने सामने की तरफ देखते हुए शमीना को जबाव दिया

' तुमको यकीन नही होगा ,क्युकी तुम यहां नई आई हो , जब होगा तब खुद को संभाल नहीं पाओगी" शमीना ने गीता को हंसकर ज़बाब दिया

गीता खिड़की से बाहर देख रही थी अंधेरा था और कार की लाइट से धुंधला धुंधला नजर आ रहा था ,, सामने एक काली गाय और एक काला कुत्ता घूम रहे थे

उनके आस पास कोई रूहानी शक्ति का साया घूम रहा था जैसे धूल का कोई बबंडर हो' वो क्या है , क्या तुमको नजर आया" गीता ने शमीना का हाथ पकड़ते हुए सामने की ओर इशारा करते हुए कहा ।पर ये क्या गीता तो शमीना को छू भी नहीं पाईगीता के चेहरे की हवाइयां उड़ गई उसकी आंखे फटी रह गई उसने शमीना से हाथ दूर हटाया और दरवाजे से चिपक गई गीता की सांसे रुक गई , शमीना की जगह कोई नही था कार बंद थीगीता कुछ और समझ पाती उससे पहले ही वो गाय और काला कुत्ता उसकी कार के शीशे पर टूट पड़े जोर जोर से उसे तोड़ने लगेगीता अंदर ही अंदर डर के मारे चीखने लगी ,। उसको समझ नही आ रहा था क्या करू वो दरवाजा खोल रही पर खुल नही रहा थाएक जोर दार चींख के साथ उसने आंखे बंद की और खुद को मरने जैसी स्थिति में छोड़ दिया

कुछ देर बाद जब गीता को होश आया तो वो उसी पेड़ के पास बेसुध पड़ी थी कोई कार , कोई गाय ,कोई कुत्ता कुछ भी नही थागीता ने डरते हुए खुद को सिमट कर उठ कर भागने की कोशिश की पर सामने उसके वही हीरा का पिशाच खड़ा था हाथ में लाठी लिएवो पीछे की तरफ भागने लगी सामने उसे एक फूटा हुआ मकान नजर आयागीता उसी मकान में जाकर छिंप गई , पूरा मकान खंडर था उसके अंदर सिर्फ बदबू , अंधेरा और डरवाने साए की सिवाय कुछ न थापर बाहर मंडरा रहे पिशाच से बचने का इसके सिवाय कोई रास्ता नजर नहीं आया गीता ने अपने मुंह को बाद करते हुए जोर से रोना चाहा , वो डर से कांप रही थी हर तरफ मौत का साया फेला था । वो जोर जोर से रोने लगी,,,,


'गी.......ता......" बाहर से हीरा ने डरावनी आवाज में बुलाया

गीता ने सिसकते हुए अपनी सांसों को रोका और घर के अंदर भाग ने लगी सीढ़ियों से ओत हुए वो घर की छत पर पहुंच गई लेकिन यह क्या छत फार तो मानव कंकाल और जानवरों का मल फैला हुआ था गीता फिसल कर गिर गई उसने हाथ उठाकर देखा तो उसका हाथ मानव रक्त से सना हुआ था लाल लहू उसको अंधेरे में भी साफ नजर आ रहा थागिरते संभालते उसने वहा से उठ कर भागने का प्रयास किया तभी उसे सामने एक कमरा दिखाई दिया वो कमरे के अंदर भाग गईअंदर एक खिड़की से चंद्रमा का प्रकाश आ रहा था इस कमरे में शायद कोई आया ना हो कभी क्युकी इसमें सारा सामना बिना टूटे फूटे संभाल कर रखा हुआ थातभी दरवाजा बंद हुआ और कमरे के चारो तरफ के बिजली के बल्ब जलने लगे उजाला हो गया सब शांत हो गया

गीता घबराकर यहां वहां देखने लगी , फिर सामने लटकी तस्वीर पर उसकी नजर गई ये तस्वीर किसी और की नही बल्कि ,,,,,, शमीना की थी ,

गीता एक टक होकर उसे घूरने लगी और स्तब्ध हो गई

'गीता.......' आवाज ने गीता का ध्यान तोड़ाये आवाज उस तस्वीर से आ रही थी

' मैं शमीना हूँ गीता, हीरा मेरा ही प्रेमी था लोगो को हमारा प्यार पसंद नही आया क्युकी हीरा एक गरीब चरवाहा था मैं एक अमीर घर की लड़की थी

और मेरे ही पिता और चाचा ने मिलकर धोखे से उसको जन से मार दिया फिर मैंने भी अपनी जान दे दी और हमेशा को इस कमरे में कैद हो गई ,

हीरा को बड़ी बेरहमी से मारकर उस पेड़ से लटका दिया था ,पहले हम सिर्फ हमारे हत्यारों को मारते थे पर अब हमे मजा आता है रात को भटके राहगीरों को मरने में , क्युकी ये जालिम दुनिया ही हमारी दुश्मन थी हमारे प्यार की........ और अब तुमको भी मर जाना होगा गीता" कहते कहते एक दम से शमीना ने आकर गीता का गला दबोच लिया।

गीता कुछ समझ पाती उससे पहले ही शमीना ने उसे पकड़ लिया थाशमीना का पूरा चेहरा खून से लथपथ था हाथो की खाल गल गई थी जिस्म से सड़ने की बू आ रही थी और बालों से खून टपक रहा थागीता ने उसका हाथ पकड़कर हटाया और दरवाजे की तरफ भागीदरवाजा अपने आप खुल गया सामने हीरा खड़ा थाकाला शरीर ,,,, बड़ी बड़ी आंखे ,,, लाल होंठ खून से सना हुआ चेहरा लाठी में निकली हुई कीले जिनमे फसा हुआ इंसानी मांस साफ नजर आ रहा थागीता हाथ जोड़ कर जोर जोर से रोने लगी" माने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है मुझे जाने दो , मैं हाथ जोड़ती हु तुम दोनो के"पर हीरा और शमीना ने एक न सुनी और गीता के सर पर अपनी लाठी का वार कियागीता बेसुध होकर गिर पड़ी जब गीता को होश आया तो वो पेड़ पर लटकी हुई थी और उसके दोनो हाथ हीरा पकड़ कर बैठा हुआ थागीता ने जैसे ही खुद को इस हालत में देखा वो रोने लगी"जाने दो मुझे , मैने क्या बिगाड़ा है माफ कर दो मुझे , मैं कभी इस गांव में नही आऊंगी" गीता ने गिड़गिड़ाते हुए कहाहीरा ने जोर से हंसने हुए उसका हाथ छोड़ दिया और गीता एक लंबी सी चींख के साथ हमेशा को शांत हो गई

सड़क पर खून ही खून और तड़प तड़प कर मरती हुई गीता को बस सामने शमीना और ऊपर पेड़ पर हीरा हंसता हुआ नजर आ रहा था ।सुबह हुई और पुलिस ने आकर बॉडी को हॉस्पिटल भेज दिया , लोगो के कहना जारी रहा की हीरा का पिशाच का किया हुआ है  मोनिका अब भी यही कह रही थी की ये सब झूठ है जरूर किसी ने उसका खून किया है और बड़बड़ाते हुए रास्ते में अकेली जा रही थी ।

तभी एक कार आकर रूकी और मोनिका से पूछा कहो तो कही छोड़ दूँ ,,,


ये कार शमीना की थी ......... 


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