Shailaja Bhattad

Inspirational

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Shailaja Bhattad

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गुब्बारे वाला

गुब्बारे वाला

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आप हमारी आदत को न बिगाड़िये मैमसाब, हम यह ₹10 का नोट ऐसे ही नहीं ले सकते आप गुब्बारा ले लेंगी तो हम भी ₹10 ले लेंगे।

 "ले तो लेती भैय्या लेकिन गुब्बारे से खेलने वाला कोई नहीं है" रुचिरा ने बताया।

 अगर मुझे बिना कुछ सामान दिए लोग दया करके यूं ही पैसे देते रहेंगे तो यह मेरी आदत में आ जाएगा और मुझे लालची भी बना सकता है और यही सब मेरा बेटा भी सीखेगा क्योंकि आज वह मुझे यह करते देखेगा। मैंने अपने बेटे को हमेशा सिखाया है कि गरीबी का दिखावा करने की आवश्यकता नहीं है। गरीबी अगर सोच बन जाए तो व्यक्ति कभी सिर उठाकर चल नहीं सकता। और भगवान का तो हमें कृतज्ञ होना चाहिए कि उन्होंने हमें पूरा इंसान बना कर धरती पर भेजा है। मेहनत और लगन से हम क्या कुछ नहीं कर सकते।

 रुचिरा उस गुब्बारे वाले की वैचारिक परिपक्वता से प्रभावित हो सोचने लगी कि अगर हर व्यक्ति, हर गरीब ऐसा ही सोचने लगे तो देश से गरीबी तो हटेगी ही साथ में भीख मांगने वाले भी नहीं रहेंगे। बहुत अच्छी सोच कहकर रूचियाँ ने ₹10 के बदले गुब्बारा तो ले लिया लेकिन तुरंत उस बच्चे को देती हुई बोली यह मेरी तरफ से तुम्हारे खेलने के लिए है। 


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