ग्रहों की भूल
ग्रहों की भूल
आपकी कुछ तकलीफें चल रही है और आप किसी ज्योतिषी किसी साधु किसी पंडित से मिल लिए हो गया आपका बंटाधार
क्योंकि आपके ऊपर अलग-अलग तरह की ग्रहों पर दोष बताकर आप को लूटने का कार्यक्रम चालू हो जाने वाला है।
इसकी यह पूजा इस शनि की साढ़ेसाती की यह पूजा करनी है, मांगलिक है तो यह पूजा,
और न जाने क्या-क्या सब ढोंग ढकोसले चालू।
मैं इन सब को नहीं मानती।
और भारत के अंदर ही माना जाता है। दुनिया के दूसरे देशों का क्या।
अगर यह ग्रहों की भूल हो या किसी पर ग्रहों का प्रकोप हो तो सभी जगह के लोगों के ऊपर हो।
यह खाली खोटे अंधविश्वास है। कहीं-कहीं पर शादी के पहले जन्म पत्रिका मिलाकर 36 गुण मिलाए जाते हैं।
तो भी उनकी शादी नहीं चलती।
और भी लिखने को बहुत कुछ है। अभी कहानी जो एकदम सच्ची है। जिसने हम सब की सोच बदल के रख दी।
उन की जब शादी हुई तब लड़के से 36 गुण का मिलान हुआ।
शादी के कुछ साल बाद ही खाली 23 साल की उम्र में लड़के का टीबी जैसी बीमारी से देहांत हो गया।
उसके बाद अपने पीहर में रही,
और उन्होंने अपने भाई के बच्चों की और अपने परिवार के बच्चों की किसी की भी जन्म कुंडली नहीं बनवाई। उनके भतीजे की शादी थी।
सगाई वाले दिन उनकी भतीजी अपने ससुराल से आ रही थी ,
तो उसको रस्ते में कुछ लड़की को जानने वाले विघ्न संतोषी लोग मिले। और वह बोलते हैं आपके पापा यह शादी कैसे कर रहे हैं, लड़की तो मांगलिक है।
अब वह उनकी भतीजी भी थोड़े अंधविश्वासी और इन सब बातों में मानने वाली थी।
उन्होंने घर पर आकर बहुत हंगामा किया।
आप यह शादी कैसे कर रहे हैं लड़की को तो मंगल है।
लड़के पर भारी पड़ेगी।
उसको उसके पिता ने और बुआ ने बोला हमने कोई जन्मपत्री नहीं मिलाई है हम इनमें नहीं मानते।
और हमने जबान दी है हम तो यही शादी करेंगे।
और शादी भी हो गई शादी बहुत अच्छी चली।
जन्मपत्री ओं का कोई मिलान नहीं कोई जिक्र नहीं।
इसी तरह उन्होंने अपने सभी बच्चों की शादियां बिना जन्मपत्री मिलाएं करी और सब काफी अच्छी चली।
ग्रह का मिलान करना जन्मपत्री ओं का मिलान करना अपने मन की संतुष्टि है और कुछ नहीं।
तो मंगल, बुध, शनि ग्रहों की भूल ऐसा कुछ नहीं होता है मेरा ऐसा मानना है। सोच अपनी अपनी यह मेरी सोच है को कोई अन्यथा ना लें।