गोल्डन टाइम

गोल्डन टाइम

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आज यूं ही टहलते कुछ लोग की बातें सुनी अरे पति राजनीति में हो तो बीवी की ज्यादा इज़्ज़त होती है। बहुत रौब होता है पत्नियों का, हर जगह साथ जाती है सम्मान पाती हैं। सुनकर हैरानी हुई नहीं नहीं, कुछ पति होंगे जो पत्नियों को आज़ादी देते व राजनीति के कार्यक्रम में साथ ले जाते होंगे मगर मेरे तो नहीं, हां जाती हूं मैं बहुत पढ़ी-लिखी नहीं मॉडल नहीं दिखावा शायद नहीं आता इसलिए।

आए दिन राजनीति के काम से बाहर जाते हैं ना कभी कुछ बताते हैं ना पूछते हैं सुविधा के लिए एक नौकर है जो दिन भर बाहर बैठकर आने जाने वालों के रजिस्टर मेंटेन करता है। घर में हर काम हर जगह कैमरे हैं घर बड़ा है मगर पूरी तरह से पैक, घर में छोटे-मोटे काम नौकर कर देता है।


 केवल देवी पूजा के दिन ही मुझे साथ ले जाते हैं सब अपनी पत्नियों को लाते हैं इसलिए, मुझे क्या पसंद है। क्या सपना है यह कभी नहीं पूछा गया दिन भर अपने कार्यक्रम में व्यस्त रहते हैं कभी-कभी मैं जीवन से उब सी जाती हूँ, लगता है क्या यही जीवन है।

दिन भर घर के अंदर कैद सी रहती हूं ऐसा लगता है मेरा जीवन दो बच्चों तक सिमट कर रह गया है। उनके कामों में ही पूरा समय निकल जाता है। मगर अब बेटा पढ़ने बाहर गया है, तो काम भी कम हो गया है। जब वह आता है तो हर दिन नई नई चीजें बना कर खिलाती हूं बेटी खाने की ज्यादा शौकीन नहीं दिन भर अपनी पढ़ाई व सेहलियों में ही व्यस्त रहती है।

 मां बहुत आध्यात्मिक है कभी अध्यात्म की ओर बढ़ती हूं तो इन्हें पता चलता है तो मुझे जाने से मना करते हैं कहीं कोई ब्रम्हाकुमारी की बहने आ जाए तो उन्हें उल्टा सीधा कह देते हैं, वह तो बहुत ही शांत सहनशील है कुछ नहीं कहती मगर मुझे बुरा लगता है क्यों किसी के घर आए मेहमान को इस तरह कहे। कभी मां के पास जाती हूं तो मुझे बच्चों के कारण रूकने नहीं मिलता जल्दी आ जाती हूं मेरी सब बहने बाहर है। कभी-कभी लगता है मुझसे ज्यादा आज़ाद मां है। अपने जीवन को अपने अनुसार जी रही है।

 अक्सर लोगों को देखकर सोचती यह कितनी खुश है कैसे है। यह कपल कितना एक दूसरे के साथ देते हैं। कई महिलाएं घर नौकरी को कैसे संभालती हैं


 मैं कई बार बीमार रहती तो कभी नर्वसनेस फील करती हूं मुझे किसी ने योग करने की सलाह दी मैं कुछ समय के लिए मैंने क्लासेस जॉइन की 

 मुझे अच्छा लगा मैंने लगातार किया और बदलाव होने लगा। मेरी कई सहेलियाँ बन गई कभी कभी एक दूसरे के घर आना जाना होता कभी घूमना तो कभी फोटो खींचना मेरे अंदर काफी बदलाव आया इस बीच में पहले से ज्यादा स्वस्थ रहने लगी।


 मगर अचानक पति की तबियत ज्यादा खराब हो गई ,कई बार अस्पताल में रहे, कई तरह की परेशानियां हैं शायद जीवन में पहली बार मैंने पति को इस तरह बीमार और कई दिनों तक घर में रहते देखा था। काफी कुछ बदल गया कई परेशानियां हुई घर का खानपान टाइम टेबल पूरी तरीके से बदल गया था। इस बीच मैंने योग क्लासेज छोड़ दी ,मैं पति की सेवा में लगी रहती। फिर कई दिनों अस्पताल में रहने के बाद धीरे-धीरे सुधार हुआ धीरे-धीरे उन्होंने वॉक शुरू किया और मैंने कई योगासन कराए ,बहुत तकलीफ़ थी उन्होंने धीरे-धीरे कुछ महीनों में सब सामान्य होने लगा और पति ने कहा तुम्हारे सेवा व मेहनत के कारण ही जल्दी ठीक हो गया। पहली बार मेरे लिए प्यार भरे शब्द कहे , सुनकर मुझे अच्छा लगा ,योग ज्यादा लाभ हुआ 

मैंने घर के आसपास रहने वाले वृद्धो लोगों को योग सिखाना शुरू किया था। कुछ महीनों तक सिखाया और कई लोगों को लाभ हुआ, निशुल्क सिखाती थी मगर फिर लगा लोगों को समय की कदर नहीं कभी कोई आधा घंटा लेट आता तो कभी कोई क्लास खत्म होने के बाद आता है और कहता अब मुझे सिखाओ। कुछ दिनों बाद लगा समय का महत्व को कई लोग नहीं समझ पा रहे हैं फिर मैंने कुछ अमाउंट लेना शुरू किया कुछ लोगों ने विरोध किया

कुछ ने साथ, कइयों को फायदा हुआ सबसे बड़ी बात अपने प्रति लोगों की सोच बदलती भी देख रही थी। मेरा विश्वास बढ़ गया था, जो लोग दब्बू समझते थे उनकी सोच बदली।


पति कि सोच भी काफी बदल गई मेरे प्रति, उनके स्वभाव में भी काफी बदलाव महसूस किया इतना कि पहले से ज्यादा सम्मान, विश्वास और प्यार महसूस होता है। कई नई जानकारियाँ मिली कई लोगों के साथ मिला आज कई लोगों को योग सिखाती हूं सबसे बड़ी बात मैं अपने जीवन के सबसे सुखद पलों को जी रही हूं, मेरा गोल्डन टाइम कह सकते हैं इतनी खुशी इतना विश्वास शायद कभी ना महसूस हुआ था सच जीवन क्या है अब मैंने जाना।

कैसे लोगों के जीवन में बदल सकती हूं कैसे उन्हें स्वस्थ रहना है, कैसे लोगों को खुश रखूँ बस अब मैं यही करती हूं आज योग का क्षेत्र बहुत बढ़ता जा रहा है बहुत फायदे हैं मगर इसका सबसे बड़ा फायदा है जो खुशी है जिसे मैं शब्दों में नहीं कह सकती,  यह मेलोडी चॉकलेट की तरह है जिसे खुद खाओ जान जाओ।

मगर दो बातें मेरी सफलता के महत्वपूर्ण थी मेरी नियमित एवं ईमानदारी मैंने कभी बेवजह छुट्टियाँ किसी को फायदा नहीं लिया, मैं हमेशा ईशवरीय शक्ति महसूस करती हूं आज हर पल महसूस होती है। जो सपने थे वह पूरे हो रहे हैं न जाने कितने सालों से मैं चाहा रही थी कुछ करूं कुछ करूं मगर एक विश्वास एक सपना था जो अचानक से पूरा हो गया इसलिए कहते हैं कि सपने देखने चाहिए मेरा सपना था जीवन में अपनी पहचान बनाऊं।

खुद की छोटी ही सही मगर अपनी पहचान हो मेरी आज वह पहचान है वह सपना मेरा पूरा हो गया जीवन में आगे बढ़ना महत्वपूर्ण नगर उससे भी महत्वपूर्ण है अपने आप को खुश रखना।

आज मेरे परिवार की सोच मेरे प्रति बदल गई है मैं बहुत खुश हूं कि मेरे अंदर भी वह बात है जो और कई महिलाओं में होती थी। उन्हें देखकर सोचती काश में भी ऐसी बन जाऊँ।

आज पति का मुझे बहुत साथ मिलता है। जिम्मेदारी अब हम मिलकर निभाते हैं।

जो प्यार सम्मान दिया जाता है शायद हर औरत चाहती है वहीं उसे खुश व स्वस्थ रखता है। इसलिए मेरी क्लास में औरतें ज्यादा है। स्वस्थ रहकर खुश रहें मगर खुश रहना जीवन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।


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