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Ashish Kumar Trivedi

Drama

3  

Ashish Kumar Trivedi

Drama

घुटती सांसें

घुटती सांसें

2 mins
248

विकास हमेशा की तरह सुबह उठे। अपना जॉगिंग सूट पहन कर तैयार हो गए। वो अपने दोस्त सलीम की राह देख रहे थे। पहले सलीम उनके घर आते थे जहाँ से दोनों जॉगिंग के लिए निकल जाते थे। 

विकास अपने लॉन में आकर खड़े हो गए। पर आज उन्हें वहाँ खड़े हुए असुविधा हो रही थी। वो भीतर आ गए। वह बुखार के कारण एक हफ्ते से जॉगिंग के लिए नहीं जा रहे थे। दो दिन से तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी। इसलिए आज उन्होंने जॉगिंग पर जाने का फैसला किया था। इसलिए कल रात अपने दोस्त को फोन कर आने के लिए कहा था। 

उन्हें लगा कि शायद तबीयत ठीक नहीं हुई है। इसलिए सांस लेने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने सोंचा कि सलीम को फोन कर मना कर दें। जब उन्होंने फोन किया तो पता चला कि बीती रात सलीम की तबियत बिगड़ जाने से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 

अपने दोस्त की बीमारी की खबर सुनकर विकास चिंतित हो गए। नाश्ते के बाद उन्होंने सोंचा कि चल कर उसे देख आएं। उन्होंने पत्नी को सारी बात बताई। वह भी साथ चलने को तैयार हो गईं। 

दोनों पति पत्नी घर से निकल कर ऑटो के लिए कुछ ही दूर गए थे कि विकास को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उनकी यह हालत देख कर उनकी पत्नी उन्हें घर वापस ले गईं।

विकास ‌दोस्त से मिलने ना जा सकने के कारण दुखी थे।

"ये अचानक हवा में क्या ज़हर घुल गया। सांस लेना दूभर है।"

उनकी पत्नी बोलीं।

"अचानक कुछ नहीं हुआ। हर साल ही होता है। हल्ला मचता है। जैसे हवा कुछ साफ होती है सब कुछ पुराने ढर्रे पर आ जाता है। इस मुसीबत को तो हम ही बुलाते हैं।"

विकास भी अपनी पत्नी की बातों से सहमत थे।


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