घर की बर्बादी
घर की बर्बादी
एक गाव मे चार भाई राहते थे । चारो एक दुसरसे बहोत घुल मिल के रहते थे ऊनमेसे दोनो भाई की शादी हो गयी
अब धिरे धिरे हालत बदलने लगे सारे घर मे खुशहाली आगई कुच महिने बाद घर मे खुशाली आई दोनो भाई बाप बन गये अब तो सोने पे सुहागा हो गया बडे लाड प्यार से बच्चे के साथ खेलना कुुुदना सारा परिवार
आनंद ले रहा था क्या पता एक मनहुस घडी आई
भाभी ने भाई के कान भर दिये तबसे बडे भाई हमसे
बात पर ताने देणे लगे भाभी जि कैसा तो भी हमे घर
से बाहर निकलवाना चाहती थी और ओ दिन आगया
भाई ने हमारे साथ झगडा करके हमे घर से बाहर निकाल दिया क्या मानवी बरताव इतना गीर गया है बाई
के वजह से हमे घर से निकाला ऐसा हर घर मे चलता है
सब घर घर की कहाणी है आज मेरे साथ हुवा ऎसा किसीं के साथ न हो
शीख:- दूसरे का सून के खुद्द केे घर का बरबाद करना
इंसानियत नाम की चीज दुनिया ने रही नहीं है।

