घर घर तिरंगा...
घर घर तिरंगा...
हम तिरंगा फहराएंगे, हम दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करेंगे, हम सरकार की योजना का समर्थन करेंगे। घर-घर तिरंगा लहराया गया, जय हिंद का नारा लगाया गया, राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। सरहद पर खड़े शेरों को खुश करो, तिरंगा है इस देश का दिल, यह हमेशा के लिए धड़कता है, जो हमारे देश का गौरव है, हमेशा इसे कम नहीं करना चाहिए, तिरंगे शान हैं, इन्हें अक्षुण्ण रहने दें, इनका एक ही लक्ष्य है, देश में चल रही बुराइयों को दूर किया जाए। एक आशा दिल में रेंगती है, लेकिन इसकी शुरुआत खुद से होनी चाहिए।
यह आजादी एक दिन का उपहार नहीं है, 250 साल की गुलामी के बाद मिला उपहार है, कुछ परिवार रोए होंगे, कुछ परिवारों ने अपने सदस्यों को देश को उपहार के रूप में दिया होगा, कुछ बहादुर युवाओं ने इसमें जोड़ा होगा, आजादी प्रतिक्रिया के रूप में दिया गया है, हम स्वतंत्र हो गए हैं, लेकिन हम क्रांतिकारियों के भी ऋणी हैं।
यह देशभक्त मेलवाड़ी नहीं तो अगले दिन कूड़ेदानों में तिरंगा नहीं मिलता, सजावट और पोशाक के लिए तिरंगे के प्रयोग से बचें हम ऐसी देशभक्ति के काबिल नहीं...
गोरे लोगों को गुलाम बनाने की सनक बढ़ी है, विदेशों में पलायन बढ़ा है, आइए हम देश में रहें और देश के हित के लिए काम करें।
आइए देश के विकास में अपना योगदान दें...
आओ मन की विषमता को दूर करें, कुछ विचारों से मुक्त हों...