आशा की किरण

आशा की किरण

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    जीवन एक किताब है,हर एक पन्नो में पहेलियां जिसे सुलझाने में पूरी उम्र बीत जाती है।जिंदगी का हर एक मोड़ हमको कुछ न कुछ पैगाम दे ही जाता है. नशा कोई भी हो प्यार का हो या कुछ पाने का जुनून दिल पे जब छा जाता है और हम उसे पाने ते लिए जब जी जान लुटा देते हैं तब दुनिया का कोना कोना आपको ईस चीज से मिलाने में लग जाता है।ये कोई मन गढ़ंत बातें नहीं , जिंदगी की हकीकत है।तुम्हें सफलता की लिस्ट में आना है तो खतरों से खेलने की आदत डाल दो,अगर आप डर गए तो समझो मर गए, आप अगर रिस्क नहीं लोगे तो आपकी लाइफ रिस्की हो जायेगी। 


   ये कहानी है एक औरत की उसका नाम है दिशा। वो साहसिक औरत है। बदकिस्मती से उसकी कम उम्र में शादी हो जाती है। उसकी पढा़ई भी छूट जाती है।


   दिशा एक आदर्श गृहलक्ष्मी है। दिल में बहुत सारे सपनें सजाये थे। पर शादी एक बुरी बला है,जिम्मेदारी का पहाड़ जो टूट पड़ता है। शादी नामकी बंदी उसके सारे सपनों और अरमानो पे पानी फेर देती है, ससुराल में कोइ इसे समझने वाला नहीं है,पर उसने अपने भीतर छुपे हुए हौसले को कभी मरने नहीं दिया पर हालात से समझौता न किया,उसने अपने सपने को कायम रखने के लिए अपना खुद का छोटा सा बिज़नेस शुरु कर दिया। पर उसने हार न मानी उसमें भी ज्यादा सफलता न मिल पाई,तो उसने नया काम शुरु कर दिया पर कुदरत का इशारा तो कुछ और ही था। उसके राह में उलझनें ला कर उसे बड़ी सफलता देना जो था, देखते देखते ही वो टूट सी गई थी।वो हताशा निराशा और डिप्रेशन का शिकार बन चुकी थी ,वो खुद को तन्हा महसूस करने लगी थी।उसे कोई समझने वाला नहीं था। 


इस जिम्मेदारी ने उसे अच्छे से जकड़ रखा था। वो औरत बहुत मजबूत थी। उसने अपने सपनों और अरमानों को कभी भी टूटने नहीं दिया। हमारे समाज में एक बात तो बहुत अच्छे से सिखाई जाती है कि तुम लड़की हो, समाधान करना सीख लो, तेरे पति के सामने अपने सपनों को वही शादी के मंडप मैं दफना दो,पर ये कोई कम ही मां बाप सिखाते हैं, कि कुछ भी हो जाये बेटा पर तुम अपने इरादे और हौसले को बुलंद रखो,शादी ही सब कुछ नहीं होती है।ये तो भारतीय मां बाप की कमजोरी है,समाज का अभाव है, हर बार अपनी ही मनमानी चलाते हैं, जैसे कि बच्चे उनकी कठपुतली हों . एसी प्रवृत्ति हर मां बाप की होती है,और बेटी होतो बात खत्म ,तेरी जींदगी के फैसले शादी से पहेले हम लेंगे और शादी के बाद तेरा पति और तुझे अपनी ही मनमानी करनी होतो दफा हो जा ,कोई नया काम लड़की करना चाहे तो शादी के बाद करो और लड़की घर काम न करे, तो पराये घर जा के हमारी नाक कटवायेगी क्या ?मां बाप हर बार अपनी मनमानी बेटी पर ही क्यूं चलाते हैं ? मुझे तो समझ में नहीं आता की मां बाप अपनी बेटी को लाचार और पराया धन क्युं समझते हैं ? कोई मां बाप अपनी बेटी को ये क्युं नहीं समझाता कि बेटा तेरी जिंदगी के निति नियम तु खुद खुद बना, तेरी जिंदगी है तू अपनी मरजी से जी, अपना करियर बना, अपनी पोजीशन बना, अपनी जिंदगी के फैसले तुम ही लो,तुम्हें क्या अच्छा लगता तू क्या करना चाहती है ? तेरा दिल कहे वो कर, बेटा ये तेरी जिंदगी है,तुझे जीनी है, बेटों के सामने उनकी फटती है,इस लिए वो बेटी पे दादागीरी दिखाते हैं,और भाषण तो एसे झाड़ते हैं कि बेटा बेटी समान है, दोनो से तो समाज बनता है ,दुनिया टिकी हुई है, ये सुनते ही हर कोई प्रभावित हो जाये,कि ये कितने अच्छे हैं ,पर ऐसा हकीकत मेें होता नहीं है हीकत मेें आपको ये सब पागल बनाते हैं और कुछ नहीं ये तो सिर्फ भाषण में ही होता है,एसा दिशा के साथ भी हुआ था,वो भी भेदभाव का शिकार ह़ुई थी।


    सारी दुनिया सफल लोगों के ही पेैर छूती है,और हकीकत तो ये है कि कोई किसी का नहीं होता।तुम्हारे पास पैसे हैं, तुम्हारा नाम है, तुम्हारे पास टेलेन्ट है तो पूरी दुनिया तुम्हारे कदमो में है,वरना सब बेकार ,कोइ अपना नहीं होता ,सब अपना अपना मतलब निकाले हैं,इस दुनिया में.अपने छुरा भोंकते है,और पराये हमको संभालते हैं, दर्द ही कोई अपना देता है, पराये हमको हौसला देते हैं यही जिंदगी का कड़वा सत्य है,ये फिलोसफी दिशा पर भी लागू हुई थी। 


   उसका जीवन पूरे संघर्ष से भरा हुआ है। खतरों से खेलना और उसका डटकर मुकाबला करना उसका पैशन रहा है। जो मन में ठान ले कि मुझे ये करना है तो वो करके ही ठानती है। चाहे कोई भी हालात हों मगर समझौता करना उसकी आदत से बाहर था। उसने कभी खुद को टूटने नहीं दिया। भगवान पर उसको अटूट विश्वास था। परिस्थितियों से लड़ना उसकी आदत बन गई थी।


   कहा जाता है कि भगवान भी साहसिक लोगों की ही मदद करता है। वही घटना इस औरत के साथ भी घटी जिस घटना ने उसको और मजबूत बनाया,शादी के बाद उसको तनाव ने घेर लिया पर उसने हार न मानी और हालातों और चुनौतियों के साथ समझौता करने की जगह उसका डट कर सामना करना सही समझा . उसने अपना संघर्ष चालू ही रखा और अपना सपना पूरा करने के लिए उसने सख्त परिश्रम किया. उसको पहले असफलताएँ तो बहुत मिलीं पर उसने अकेले में रो कर दिल बहलाया ,पर उसने हिम्मत नहीं हारी पर कहते हैं न "हिम्मते मर्दा तो मददे खुदा" ये कहावत भी उसी पे ही लागू हुई। दिशा मैं टेलेन्ट तो था पर उसे लोगों के सामने लाने का मौका नहीं मिला था.


एक दिन एसा आया कि उसको कोई ऐसा इन्सांन मिला जिसने उसकी तकदीर को बदल दिया।

वो इन्सान उसके लिए मसीहा बनके आया था,दिशा कवि लेखकों के सम्मेलन में गई थी, उसको सुनके वो उससे प्रभावित हो गया उसने पहले सुना तो उसे लगा कि" इस लेडी को थोड़ा सहकार मिले तो ए बहुत आगे जा सकती है, उसने दिशा को आगे लाने की ठान ली थी। वो दिशा के एकरिंग और गाने की विडियो बनाता रहता उसे एडिट करता. अपनी सोशियल वेबसाइट पर रख देता और एक दिन ऐसा आया कि,दिशा की एक विडियो ने उसकी जिंदगी बदल दी,वो विडियो इतनी तेजी से वायरल हुआ कि उस विडियो ने लोंगो के दिल जीत लिए और उसे रातों रात स्टार बना दिया। उस इन्सान की वजह से दिशा लोगों में नामांकित हो गई, विडियो ने उसे स्टार बना दिया। मेहनत ने उसे सफल और रोयल लोगों की लिस्ट में ला कर खड़ा कर दिया।

वो पुरी दुनिया में छा गई जो लोग उससे बात भी नहीं करना चाहते थे वो सामने से उससे बात करने लगे।

जो पत्नी अपने पति के लिए कुचली हुई चीज हुआ करती थी। वही पत्नी आज उसके दिल की रानी बन गई थी। जिस पत्नी पे उसे शर्म आ रही थी,आज वही उसका गुरुर बन गई थी। 


   ससुराल की इज्जत आज बढ़ी हुई थी, पूरे घर में दिशा के ही चर्चे हो रहे हैं,उसकी गाने का लय और लिखने की कलम और शब्द की पूरी दुनिया उसकी दिवानी हो गई थी। दिशा के एक एक शब्दों और गाने का इन्तजार सबको रहता, वो शब्द की रानी बन गई थी। अब समय ऐसा आया की सफलता उसकी गुलाम हो गई थी। सबकी प्यारी हो चुकी थी।

   

    उसके फैन फोलोइंग ने तो दो दिनो में रेकोर्ड तोड़ रखा था .फैन भी दिशा के घर के आगे जमा हुए थे।और पत्रकारों का भी मेला लगा रहता,पूरी दुनिया में वह मशहूर हो गई थी। सभी लोग की आदर्श बन गई ,तो कोई उसे मां कहता,तो कोई प्रिन्सेस, तो अम्मा कहता था,उसकी जिंदगी में अब खुशियां आने लगी थीं,और सब कुछ अच्छा होने लगा था। 


    उसके गाने और उसके लिरिक सभी लोगों के फोन मे रिंगटोन बन चुके थे। पर दिशा अभी भी वही वाली दिशा थी विनम्र और हेल्पफूल। इस मुकाम तक पहुंचने के बावजूद भी उसके दिल में घमंड न था। उसकी इसी बात ने तो लोगों को दिवाना कर दिया था। लोगों के लिए वो चर्चा का विषय बन चुकी थी। और अपने पति का अभिमान और उनके बच्चों की शान बन गई थी। 

    

अब उसकी जिंदगी में बदलाव से आने लगे थे। दिशा को वो सब मिल रहा था,जिसके लिए वो कड़ी मेहनत कर रही थी, खोया हुआ आत्म सन्मान ,वही अपने पति का प्यार जिसकी उसे तलाश थी .वो मन ही मन भगवान और वो मसीहा का शुक्रिया कर रही थी।

   

दिशा हर औरत की रोल मोडेल है,सभी के मुँह से दिशा का ही नाम था,सभी उम्मीद खोई हुई औरतों के लिए दिशा एक मिसाल बन गई थी।

   

     दिशा अब एनजीओ चलाकर जरुरत मंदो की सहायता और जो पूरे दिल से मेहनत करके भी सफल न होते है उनकी मार्ग दर्शक है। भय मुक्त कैसे रहें ,कठिनाइयों का कैसे सामना करें, का सेमीनार चलाती है,युवाओं की वो मसीहा बन चुकी है,सारे युवा उनके पैर भी छूते हैं ,आज वो औरतो के लिये एक मिसाल बन चुकी है,सभी को आत्म निर्भर कैसे बनते हैं ,उसकी तालीम दे रही है,और आर्थिक सहाय भी कर रही है।


     


     


    


  


      

   

   

    

    


  



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