Dheerja Sharma

Comedy

5.0  

Dheerja Sharma

Comedy

गए काम से गुप्ता जी

गए काम से गुप्ता जी

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गुप्ताइन आज कल बड़ी हैरान परेशान हैं ।गुप्ता जी को जाने क्या हो गया है! सरकार बदले बदले से नज़र आते हैं।जिस तोंद से बरसों से दोस्ती कर रखी थी, आज कल उसे दिन भर कोसते हैं।जिन्होंने कभी पांच सौ से ऊपर की कमीज नहीं पहनी, जिन्हें महंगे कपड़े पहनना महज़ फिजूलखर्ची लगती थी वे ब्रांड्स की बातें करने लगे हैं।बहू तो सब कुछ हंसी में टाल जाती है।नये जमाने की लड़की है।कहती है-"एज इज अ नम्बर मम्मी जी।उम्र तो मानने की बात है।अच्छा है पापा जी फिटनेस का ख्याल रखने लगे हैं।अखबार छोड़ कर नयी फिल्मों में रुचि लेने लगे हैं।नये फैशन को पसंद करने लगे हैं।"

लेकिन गुप्ताईन को जैसे ये परिवर्तन हजम नहीं हो रहा।

अब पिछले हफ़्ते तो हद ही हो गयी।बेटे से कहने लगे कि तुम हमारी कार ले जाओ आज बड़ी गाड़ी मैं ले कर जाऊँगा।

बेटा साफ मुकर गया।बोला," आपकी खटारा मारुति आल्टो आपको मुबारक"।


गुप्ता जी तब से हठ पकड़े हैं कि वे भी नयी गाड़ी खरीदेंगे।गुप्ताईन समझा के हार गई कि पंद्रह महीने रह गए रिटायरमेंट को! बाद में बड़ी गाड़ी का क्या अचार डालेंगे।कहाँ जाना है फिर? मार्किट, पार्क और मंदिर तो घर के पास हैं ।किसी रिश्तेदार के जाना होगा तो बेटा लेकर जाएगा।नहीं तो पुरानी गाड़ी भी बढ़िया ही चल रही है।अभी बेटी की शादी करनी है।फ़िज़ूलख़र्ची की क्या ज़रूरत है भला?

अब परसों की ही बात सुन लो। स्मार्टफोन खरीद लाए।वो बटन वाला फ़ोन अच्छा खासा चल रहा था।बिटिया से कह रहे थे कि व्ट्स ऐप्प और फेसबुक डाल दे इसमें।मैं कब से कह रही थी कि फ़ोन बदल लो, टच फ़ोन ले लो पर नहीं सुनी।परसों गए और खुद ही जा कर ले आये।बच्चों से सलाह तक नहीं की।अब तो यू ट्यूब पर गाने देख रहे हैं।जिन गुप्ता जी ने अपनी बेसुरी आवाज़ में सिवाय हनुमान चालीसा के कभी कुछ नहीं गाया वे बाथरूम में नहाते हुए सुर साध साध कर गीत बदल बदल कर गा रहे हैं--- हुस्न पहाड़ों का ,क्या कहना है.....और फिर वे मैं चम्बे दे पहाड़ां वाली छाँव वे मुंडया।गुप्ताईन ने बाथरूम के दरवाजे पर कान लगा कर गुप्ता जी की पूरी केसेट सुनी और उनके गीतों में ठंडी ठंडी हवाओं का अनुभव किया।

आलसी शिरोमणि श्री गुप्ता जी,सुपरिडेंट बिजली विभाग अम्बाला, आजकल काफी चुस्त दुरुस्त हो गए हैं।आफिस से लौट कर चाय के बाद गुप्ता जी तब तक सोफे पर ही आराम फरमाते रहते थे जब तक डिनर का निमंत्रण न मिल जाये और आज कल महीने भर से चाय पीने के घंटे भर में ही ट्रैक सूट और जूते कस कर पार्क चले जाते वो भी अपना मोहल्ले का पार्क छोड़ कर दो किलोमीटर दूर आदर्श नगर के पार्क में।कह रहे थे कि अपने पार्क में आदमी और औरतें सिवाय गप्पे मारने के अलावा कुछ नहीं करते।लेकिन आदर्श नगर पार्क में लोग जगह जगह एक्सरसाइज, प्राणायाम और योग करते दिखाई देते हैं।वहाँ जाकर बड़ी प्रेरणा मिलती है।और तो और ओपन जिम है वहां।

कुछ दिन से गुप्ताईन की बायीं आंख फड़क रही है।अनहोनी के विचार को अन्धविश्वास मान कर गुप्ताईन ने छिटक दिया है।गुप्ताईन तो मशहूर हैं अपने मोहल्ले में! कोई नया परिंदा भी पर मारे तो पहचान जाती हैं,इंसानों की तो बात ही क्या ?


तो भई, खोज ही लिया गुप्ताईन ने ठंडी ठंडी हवाओं , पहाड़ां वाली छाँव और सैर की प्रेरणा का राज़ !

नाम- मिस गोमा नेगी, उम्र-32 वर्ष, स्टेटस- अविवाहित, खूबसूरत नैन नक़्श,छरहरा शरीर, अल्ट्रा मॉडर्न, हमेशा ब्रांडेड कपड़े पहनती है।सेहत के मामले में बहुत सावधान।हर रोज़ आफिस के बाद अपने मोहल्ले यानी आदर्शनगर के पार्क में सैर और जिम करती है।चार महीने पहले शिमला से डेपुटेशन पर बिजली विभाग जॉइन किया है। गुप्ता जी की ब्रांच में ही बिजलियाँ गिरा रही है।आदर्शनगर में किसी रिश्तेदार के यहां पेइंग गेस्ट के तौर पर रहती हैं।एक अच्छे बॉस की तरह गुप्ता जी ने लिफ्ट ऑफर की और मिस गोमा नेगी की आने जाने की समस्या सुलझ गयी।अपने मोहल्ले से मात्र दो किलोमीटर आगे जाना पड़ता है गुप्ता जी को।लेकिन किसी की मदद के सामने दो किलोमीटर क्या हैं! हाँ, पुरानी ऑल्टो से शर्मिंदगी महसूस होने लगी है सो गाड़ी बदलने की सोच रहे हैं।पुरानी गाड़ी का ए सी भी खराब हो गया है।सारी इज़्ज़त का कबाड़ा हो गया है।गुप्ताईन तो झेल लेती है गर्मी लेकिन मिस नेगी .......नहीं नहीं ! अच्छा नहीं लगता !

आज गुप्ता जी चाय पीते ही फटाफट निकल लिए सैर पर। गुप्ताईन भी भैया अपने लिए ट्रैक सूट खरीद लायीं हैं आज ही सुबह,-ट्रिप्पल एक्स एल ! ट्रैक सूट कस कर निकल ली गुप्ता जी के पीछे। आज वे उन्हें बताने वाली हैं कि वे पति से प्रभावित हो गईं हैं और अब से रोज़ उनके साथ सैर पर जाएंगी आदर्श नगर के पार्क में।आखिर वहां का माहौल ज़्यादा ठीक है! और मिस गोमा नेगी के दर्शन भी तो करने हैं !

........गये काम से गुप्ता जी ! बेचारे शिमला की ठंडी वादियां छोड़ अम्बाला लौट आये! आज कल हर शाम अपने ही मोहल्ले के पार्क में गुप्ताईन के साथ घिसटते घिसटते सैर करते दिखाई देते हैं।




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