फ़रिश्ते

फ़रिश्ते

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जीवन एक बहुत ही होनहार लड़का था ,पढ़ने लिखने में तो अच्छा था ही , दूसरों की मदद करने के लिए भी तत्पर रहता था ,वो एक अच्छे खाते पीते घर का लड़का था। उसकी क्लास में कुछ बच्चे जो गरीब थे वो उनकी कभी अपने पास से पेंसिल या कॉपी देकर या कभी अपने टिफ़िन से खाना देकर मदद करता रहता था। गरीबों के लिए उसके मन में बचपन से ही बहुत दया का भाव था।

जब वो बड़ा हुआ तो पढाई में अच्छा होने के कारण इंजीनियरिंग में दाखिला मिल गया और फिर एक अच्छी नौकरी भी लग गयी।

उसके घर के करीब एक गरीबों की बस्ती थी। वो अक्सर कुछ खाने का सामान या बच्चों के लिए खिलोने वगैरह बस्ती में बांटने के लिए ले जाता था। हर रोज शाम को वो बस्ती के बच्चों को मुफ्त में ट्यूशन भी देता था। एक बार वो २-३ दिन के लिए बीमार हो गया और बस्ती में नहीं जा सका। ठीक होने पर जब वो बस्ती में गया तो उसने देखा के बच्चे किसी लेडी टीचर से पढ़ रहे हैं। ये एंजेलिना थी, असल में एंजेलिना २-३ दिन पहले बस्ती में कुछ बांटने आयी थी , बातों बातों में बच्चों ने उसे अपने टीचर की बीमारी के बारे में बताया तो एंजेलिना ने बच्चों को कहा के जब तक तुम्हारे टीचर ठीक नहीं हो जाते तब तक वो उनको को पढ़ा दिया।

जीवन को देख कर बच्चों ने भी एंजेलिना को उसके बारे में बता दिया , एंजेलिना ने जीवन से हेल्लो की और कहा के अब आप अपनी क्लास सम्भालिये ,अब मेरी ड्यूटी ख़त्म।

जीवन को ये सोच कर अच्छा लग रहा था के शायद एंजेलिना भी उसी की तरह की लड़की है जो कि गरीबों की मदद करना पसंद करती है ,जीवन ने एंजेलिना को बताया की बस्ती में बच्चे बहुत ज्यादा हैं और उसे अकेले पढ़ाने में काफी मुश्किल आ रही है और क्या एंजेलिना कुछ बच्चों की क्लास ले सकती है ,एंजेलिना भी मान गयी। अब दोनों बच्चों को रोज शाम को पढ़ने लगे। क्लास के बाद वो कुछ वक़्त इकट्ठे बिताने लगे ,धीरे धीरे वो एक दूसरे को पसंद करने लगे और वक़्त के साथ प्यार बढ़ता गया। जब कभी किसी कारन कोई एक क्लास में नहीं आता था तो दूसरे का मन भी नहीं लगता था , अब वो शादी के बारे में भी सोचने लगे।

एक दिन वे हँसी मजाक करते हुए वो सड़क पार कर रहे थे कि सामने से एक ट्रक आ गया , जीवन ट्रक के बिलकुल सामने था, एंजेलिना ने जीवन को बचाने के लिए उसे धक्का दे दिया लेकिन वो खुद ट्रक की चपेट में आ गयी , जीवन को तो कोई चोट नहीं आयी पर एंजेलिना गंभीर रूप से घायल हो गयी। अब उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी , जाते जाते उसने जीवन से ये वादा भी ले लिया कि उसके जाने के बाद भी जीवन बस्ती में जाना नहीं छोड़ेगा और गरीबों की मदद करता रहेगा।

अंजलीना के जाने के बाद तो जीवन और जी जान से गरीबों की मदद में जुट गया , कभी कभी तो वो देर रात तक बस्ती में बच्चों को पढ़ाने में लगा रहता , नींद भी कम ही ले पाता था , धीरे धीरे इस का असर उस की सेहत पे भी पड़ने लगा।

कुछ समय बाद उसको पता चला की उसे बहुत गंभीर बीमारी है और उसके पास ज्यादा समय नहीं बचा। उसने जिंदगी में भगवन से कुछ नहीं माँगा था पर अपने आखरी समय में वो सोच रहा था के काश एंजेलिना उसके साथ होती। शायद भगवान् के पास भी एक फरिश्ता बेताब बैठा था अपने इस फ़रिश्ते से मिलने के लिए ,शायद इन दोनों फरिश्तों के मिलान की घड़ी अब आ चुकी थी और उनके मिलने का इंतजार अब खत्म हो चूका था।


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