दोस्ती
दोस्ती
काव्या को आज फेसबुक पर देखते ही कंचन को अपना अतीत याद आ गया, कैसे वह दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ती थी और साथ ही जाती आती थी। एक बार दोनों जा रही थी रास्ते में कंचन के जूते की डोरी खुल गई, और वह उसे बांधने लगी।
इतने में पीछे से एक कार आ गई, उसको बचाने के लिए काव्या दौड़ी कंचन को बचा ले गई लेकिन खुद जख्मी हो गई।कई महीनों तक उसे बैसाखी के सहारे चलना पड़ा था। वह सोचने लगी क्या ऐसे भी दोस्त होते हैं जो दोस्त के लिए खुद की जान बाजी पर लगा दें।
