दोस्त
दोस्त
"बेटी चलो न कितनी देर से फोन पर बात कर रही हो, देर हो रही बाजार के लिए......"
"अरे मां देखो न विशाल फ़ोन ही नही रख रहा, कह रहा है अपनी बेटी की सालगिरह में बुलाया क्यों नही?" ऋचा ने बात करते हुए ही मां से कहा।
"कह दो ना उसको कि पार्टी करी ही नही थी और कल तुम ससुराल जा रही हो तो सुबह आ जाये घर मिलने लेकिन अभी बाजार चलो।" मां ने कहा।
"आरती अरे आरती सुनो......." रोहित ऑफिस का बैग सोफे पर रखते हुए लगभग चिल्लाते हुए बोला।
"क्या हो गया कौन सा आसमान फट गया क्यों चिल्ला रहे हो?" मां ने डांट लगाते हुए कहा।
अरे मां आरती का फ्रेंड है न आशीष उसका कॉल आया था वो इसी शहर में आया है, काम से, तो अभी थोड़ी देर में सपरिवार आएगा।" रोहित ने बताया।
"देख बेटा बहू को समझा देना, ये लड़कों से दोस्ती मुझे बिल्कुल पसंद नही मैं कहूंगी तो बुरा मान जाएगी......"
