GOPAL RAM DANSENA

Inspirational

4  

GOPAL RAM DANSENA

Inspirational

दोराहे

दोराहे

3 mins
301


रमा अपने चारपाई में पड़े पड़े अपने भाग्य को कोस रही थी I बाहर सावन की तेज बारिश का पानी घर की छत से टकराकर कोहरे के रूप में अंधेरा को बढ़ा रहा था साथ ही हवाओं के प्रवाह के साथ सर सर सर की ध्वनि कम ज्यादा हो रही थी I पानी से भीगी हुई हवा जब रमा के तन से टकराती तो वह कांप जाती पर उसे य़ह एहसास न होता कि वह चिंता के सिहरन के कारण या ठंड के कारण कांप रहीं है पर इस दोनों का संयुक्त प्रभाव उस पर जरूर पड़ रहा था I

रमा के जीवन का ये मुश्किल घड़ी थी उसे अपने जीवन में दोराहे नजर आ रहे थे I वह सपने संजोकर दिल किसी लड़के को दे चुकी थी और घर वालों को शादी के लिए राजी न कर सकी क्योंकि लड़का बेरोजगार और दूसरे जाति का था के साथ एक रास्ते पर चलते हुए अनुभव कर रही थी I तथा दूसरा जो उसके घर वाले एक सरकारी कर्मचारी लड़का देख कर रमा का सगाई कर चुके थे के साथ जीवन की राह पर अपने आप को चलते हुए देख रही थी I

अपने जीवन की सफ़र को अनुभव कर रही थी कि अपने प्यार के लिए यदि घर छोड़ कर शादी करती है तो घर से दूर जाकर रहना पड़ेगा साथ ही साथ ही माँ बाप के इज्जत धूल में मिल जाएगी I चलो घर से भाग कर शादी कर ले तो दूर कहीं शहर में लड़के को काम न मिला तो दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा I यदि वह अपने घर वालों की बात मानते हुए उस लड़के साथ शादी करती है तो भी अपने मन में बेवफाई का गम रहेगा I उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे I

अब पानी गिरना कम हो गया था, वह घर से बाहर निकली और अपने आंगन में पेड़ के पास गयी I वहां जो कभी रस्सियों से झुला बना कर धीमे बारिश में भीगते हुए झू ला करती वो रस्सी आज भी वहां उसी तरह से बंधी हुई थी I उसके कदम आज फिर उस झूले के पास ले गए, वह झूले में बैठ झूलने लगी तथा सोचने लगी काश! वो बचपन फिर वापस आ जाता तो कोई गम न होता ना आज ये जीवन के दो राहें उसके सामने न आता I रमा ये सोचते सोचते वहीं सो गयी I तभी उसकी माँ आकर उसे जगाती है और वह तैयार हो कॉलेज चली जाती है I

वहां वह लड़का जो कई बार प्यार का इजहार कर चुका था और पूछा करता था कि क्या वह भी उसे प्यार करती है सामने दिवाने की तरह खड़ा मिला I

रमा से आज न रहा गया उसने उस लड़के को अकेले दूर बुला कर बोली----- "देखो राजू अभी हमारे समाज इस तरह के बातों को स्वीकार नहीं करता है और मैं और तुम दोनों दोनों यहां पढ़ लिख कर कुछ बनने के ख्वाब लेकर यहां पढ़ रहे हैं I अभी हमे अपने पढ़ाई और कैरियर पर ध्यान देना चाहिए I और जिस दिन हम कुछ बन जाएं तो अपने घर वालों को मेरे मम्मी पापा से शादी की बात करने के लिए भेजना I मैं अभी किसी प्यार पर विश्वास नहीं करती ये सिर्फ एक उमंग है जो समय के साथ तूफान में बदल जाती है I कृपया आप भी पढ़ाई मन लगाकर कीजिए I सफ़लता और मंज़िल वक्त बतायेगा I "

रमा के सामने जो केवल मन में प्यार के उमंग से बन गए थे वो अब उसके सूझ से दोराहे में बदल गया था I वहाँ आज केवल एक राह ही बच गया था जिसमें मंजिल साफ नजर आ रही थी I


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational