Sajida Akram

Drama

5.0  

Sajida Akram

Drama

दोहरी मानसिकता

दोहरी मानसिकता

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हमारी पढ़ाई के ख़त्म होते ही हम सब फ्रेंड अलग-अलग फील्ड में चली गई थी, कुछ की शादी हो गई, 

पर मैं, रिद्धिमा और शुभी हमारी बातचीत होती रहती थी। एक दिन रिद्धिमा का फोन आया इधर-उधर की बात करने के बाद वो कहने लगी, “यार डाली मेरे ही डिपार्टमेंट में एक लड़का का ट्रांसफर हो कर आया है।  है तो बड़ा हैंडसम, मगर बहुत ही ज़्यादा बातूनी है और अक्सर लड़कियों से फ्लर्ट करता रहता है।” मैंने कहा, “ठीक है ना इसमे इतनी सोचने की क्या बात है?”


“अरे यार तुझे बताने की असल में वजह ये है कि उसने हमारे किसी रिशतेदार से मेरे घर रिश्ता भेजा है, पापा-मम्मी भी देखने गए थे, रोहित के घर।”


”फिर क्या हुआ पसंद आया अंकल- आंटी को, घरवाले सब एजुकेटेड और सुलझे हुए लगे..!”


मैंने रिद्धिमा को छेड़ा, “कब मिलवा रही है, रोहित से?” मगर रिद्धिमा खोई सी बोली, “अभी मैं तो मिलूँ फिर बताऊंगी तुझे कैसा है रोहित।यार डाली मुझे तो डर लग रहा है, मैंने समझाया कुछ नहीं तू पहले उससे मिल तो।” मैंने कहा, “रिद्धिमा मेरे बेटे की स्कूल बस आने वाली है, मैं निकलती हूँ।”


रिद्धिमा पहली बार रोहित से मिली तो बड़ा खुले विचारों का लगा, रिद्धिमा को कुछ जमा नहीं रोहित। 

घर में मम्मी ने पूछा, “रिद्धिमा रोहित से मिली कैसा लगा तुम्हे?”


रिद्धिमा ने कहा, “मम्मी मैं कुछ दिनों बाद ही बताऊंगी। अभी जल्दबाज़ी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती हूँ।” मम्मी का बड़बड़ाना जारी था, “देखो तुम्हारी उम्र निकली जा रही है। अब कोई सामने से रिश्ता आया है तो हमे सोचना चाहिए?” रिद्धिमा ने कहा, “हां, मम्मी मुझे थोड़ा तो वक़्त दो।”


रिद्धिमा अब रोहित के साथ रेस्टोरेंट में काफ़ी या लंच पर जाने लगी थी। रोहित धीरे-धीरे रिद्धिमा से घुलने मिलने लगा। अक्सर अपनी कालेज की बातें और कैसे लड़कियों के साथ के किस्से सुनाने लगता। हमेशा रोहित अपने को बहुत खुले विचारों वाला बताता था। 


बिंदास लड़कियों के साथ कितना क्लोज़ हुआ है! एक दिन रिद्धिमा से भी ज़िद करने लगा, तुम भी अपना कोई ऐसा अफेयर हो तो बताओ ना।


रिद्धिमा थोड़ा झिझकने लगी, तो उसने बड़े शान से कहा, “अरे हम आज के ज़माने के है ये सब तो चलता है मैं माइंड नहीं करुंगा!” रिद्धिमा का थोड़ा हौसला बढ़ा तो उसने कहा, “ऐसा तो नहीं है मगर एक बार मैं 10वी क्लास में थी तब एक लड़के से मेरी दोस्ती थी।”


रोहित और कुरेदने लगा, “हां फिर क्या हुआ तुम मिलते थे, बताओ न।” रिद्धिमा ने शर्माते हुए कहा, “एक दिन पापा-मम्मी घर पर नहीं थे तो वो घर आ गया।” रोहित एक्साइटेड हो कर पूछने लगा, “अरे वाह फिर कुछ हुआ था। उसने तुम्हें छुआ।”


रिद्धिमा ने कहा, “हां, उसने मेरे हाथ पकड़े।”


”फिर-फिर क्या हुआ किस किया उसने?” रोहित लगातार रिद्धिमा को कुरेद-कुरेद कर पूछने लगा। “हां किस भी किया था, पर फिर हम रुक गए, आगे कुछ नहीं हुआ,” रिद्धिमा झिझकी तो रोहित हंसने लगा, शर्म आ रही है।


उस वाक़ये के बाद रोहित के मैसेज और रातों को लव यू, रोमांटिक मैसेज में कमी हुई, रिद्धिमा ने सोचा कहीं व्यस्त होगा। 


कुछ दिनों बाद ही घर में ये तय हुआ था की रोहित के यहाँ से कुडमाई (मंगनी)करने वाले है। रिद्धिमा ने रोहित को मैसेज किया रस्म के बारे में क्या करेंगे? घर में चर्चा चल रही है? रोहित का मैसेज था, ‘ये रिश्ता यहीं ख़त्म।’


‘क्यों?’


’मै ऐसी लड़की से शादी नहीं करना चाहता।’


रिद्धिमा को बहुत ही शर्मिंदगी हुई। कुछ दिन परेशान रही। फिर उसने अपने अधिकारियों से मिलकर दूसरे शहर में ट्रांसफर ले लिया। रिद्धिमा को डाली का फोन आया, “रिद्धिमा तुमने बताया भी नहीं तुम्हारा ट्रांसफर हो गया है। कल शुभी अपने माँ के घर आई हुई थी तो मुझसे मिलने आई थी उसने बताया तुम यहाँ नहीं हो, अरे यार मैं तेरी दोस्त हूँ तूने रोहित के बारे में भी बताया था आगे बात बढ़ी?”


रिद्धिमा ने कहा, “मैं कल बात करती हूँ, अभी तो आफिस में हूँ।”


रविवार को रिद्धिमा का फोन आया, “डाली तू बिजी तो नहीं है?”


”नहीं यार रिद्धिमा, मैं तेरे ही फोन का इंतज़ार कर रही थी। हां सुना...”


रिद्धिमा थोड़ी उदास हो कर बोली, “वो रोहित तो बहुत ही दोहरी मानसिकता का निकला।” डाली ने पूछा, “हुआ क्या था?” रिद्धिमा ने सारा किस्सा सुनाया। फिर दो दिन बाद मेरे मोबाईल पर मैसेज आया, ये रिश्ता नहीं हो सकता मैं ऐसी लड़की से शादी नहीं कर सकता...!


डाली ने कहा चल ठीक है तू इतना दिल पर मत ले ऐसे रोहित जैसे मर्द इस दुनिया में बहुत है।


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