दिल तो बच्चा है जी

दिल तो बच्चा है जी

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आज कन्नू का रिजल्ट आने वाला है । सुबह सवेरे तैयार होकर बैठ गया ताकि भीड़ होने से पहले स्कूल जाकर कन्नू की पांचवी कक्षा की इंचार्ज से रिजल्ट ले सकूँ ।

कन्नू सुबह से ही थोडा चुप है । उसने केवल इतना पूछा,

"पापा आज आप दफ्तर नही जा रहे ।"

"नहीं, आज दोपहर बाद जाऊंगा, पहले तेरा रिजल्ट तो देख लूँ ।"

कन्नू सुबह की चाय पीकर टीवी पर डोरेमोन देखता है पर आज उसका मन नही है । मैं कही न कही उसका डर समझ रहा हूँ । आज ए प्लस ग्रेड वाले बच्चों के नाम कक्षा के बोर्ड पर लिखे होगें । उसमे कन्नू का नाम होगा या नहीं यही चिंता उसे लगी है । मेरा और मेरी पत्नी का पूरा जोर उसके फाइनल टर्म पर लगा था । खूब मेहनत भी करवाई थी । हमें तो पूरी उम्मीद थी । इस उम्मीद की धार पर कन्नू आज चल रहा था ।

स्कूल पहुंचा, कक्षा में पहुँचते ही इंचार्ज की मुस्कुराहट को आधा अधूरा देखते हुए ए ग्रेड वाले बच्चों की लिस्ट पर नजर डाली । एक बार नही कई बार मैंने ब्लैक बोर्ड पर लिखे इंग्लिश करसिव राइटिंग में सजे नामों को पढ़ा । कन्नू का नाम नही था ।

कुछ निराशा हुई । रिजल्ट कार्ड देखा तो फाइनल ग्रेड ए था । कक्षा इंचार्ज ने कन्नू के छठी कक्षा में प्रमोट होने पर बधाई दी । कुछ नसीहते भी ।

"कन्नू ब्रिलियंट दिमाग का बच्चा है, बस शरारतों में ध्यान ज्यादा रहता है । मैथ कमजोर है पर म्यूजिक और शतरंज में कमाल है । अब देखिये ना, पंडित रविशंकर और रवीन्द्रनाथ टैगोर से लेकर आइंस्टीन और तेंदुलकर तक सब पढाई में औसत थे पर सब महान बने । आपका बच्चा तो पढाई में भी कम नही है ।"

टीचर के शब्द घर तक मेरे कानों में गूंजते रहे और इसके साथ मुझे अपने स्कूल के दिन याद आये ।

घर आकर मैंने कन्नू की तरफ देखा । कन्नू ने थोडा झिझकते हुए पूछा ।

"पापा रिजल्ट ले आये ।"

मैंने कन्नू को मुस्करा कर देखा । और उसे प्यार से गले लगा लिया....।


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