देश प्रेम

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वर्ल्ड कप की मैच, अपने जोश अलग ही दिखा रही थी, फाइनल तरफ जा रही थी। 

क्वाटर फाइनल थी आज, 8 टीम, 4 जीतने वाली टीम सेमिफाइनल में जाएगी। पाकिस्तान, इंडिया, आस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका ये चार टीम पे ज्यादा नज़रें थी। 

इंडिया पाकिस्तान की क्वाटर फाइनल सुबह 11 बजे शुरु होने वाली थी। रोशन अवस्थी, इंडियन कप्तान, पूरी तैयारी में जुटा हुआ था। अपनी टीम के साथ आज इंडिया को तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला परन्तु पाकिस्तान के लिए ये मैच एक उम्मीद की किरइ सी थी।

लंच के बाद नाज़िम खान, रोशन को अकेले में मिलने को कहा। स्टाफ रूम में कोई नहीं था उन दोनों के सिवा।  

नाज़िम खानने कहा- "देख रोशन, आज तू जीतेगा या हारेगा, इंडिया को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला हैं मगर में जीत जाऊँ तो टीम पॉइंट बढ़ जायेंगे और सेमीफाइनल तक पहुंच जायेंगे तेरी टीम तो हारेगी आज तो भी सेमीफइनल में पक्की हैं। देख, कुछ सेटिंग करते हैं, आज जीता दे हमको।

मैंने आनन्दभाई जो हमारे बुकी हैं उसे बात हो गई हैं। तेरा बैलेंस डबल बढ़ाएगा बस सिर्फ आज।

रोशन- "कुछ लोचा तो नहीं होगा ना ?

"अरे नहीं बस तो अपने बॉलर्स को हिंट दे देना।" 

रोहित ने कुछ असमंजस में हां तो बोल दी.. 

पौने ग्यारह बजे दोनों टीम, मैदान की और बढ़ने लगी। नंदिता रोशन की पत्नी उसे मिलने आई। बस रोशन, आज की मैच जीत जाओ तुम पूरी टीम के साथ, पूरा इंडिया तुमपे फक्र करता है। 

थोड़े भावुक होते हुए बोली, ओह डिअर, इंडिया की नज़र सिर्फ तुम पे ही हैं कप्तान जो तुम हो, बस एक और जीत, इंडिया की।

तभी वही से एक दर्शक दौड़ता हुआ आया, एकदम से रोशन का हाथ पकड़के बोला- 

"इंडिया लव यूँ।"

नंदिता- देखा रोशन, तुम पे कितना भरोसा है कि अभी से मुँह पे ख़ुशी चमक गई हैं, बस आज.देश का नाम रोशन कर दो अपने नाम की तरहा।" फिर वो चली गई।

रोशन के मन में हज़ारों तरहा के ख्याल उमड़ रहे थे। 

बस, राष्ट्रगान चल रहा था "जन. गण मन..."और तिरंगा लहराता रोशन देख रहा था,  मन में कई तरहा के भाव चल रहे थे। 

फिर कुछ सोचा और एक ठोस निर्णय लिया आंख में से दो आंसू निकल पड़े और वो आंसू देश के प्रति लगाव के थे, बस फिर सबको बोल दिया कि आज जीत के दिखाएंगे। उसने और उसकी टीम ने बाजी को जीत की और मोड़ दिया। नाज़िम खान को बेटिंग  के टाइम ही बोल दिया- "मैं देश के प्रति कुछ गलत नहीं कर सकता।"

सेमीफइनल मैं जाने की जीत की ख़ुशी कुछ और ही थी और मन में पछतावे का भाव, आज रोशन को सुकून की नींद दे रही थी।


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