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Chetan Chakrbrti

Inspirational

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Chetan Chakrbrti

Inspirational

डाँट से मिली प्रेरणा

डाँट से मिली प्रेरणा

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मेरी दसवीं (2007) की परीक्षा खत्म हुई थी, घर जाने की इच्छा नहीं थी क्योंकि पिताजी की वो बुरी लत जिससे मेरा जी घबराता था, उनका पीछा नहीं छोड़ रहा था।

शराब की लत ने मानो उन्हें बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। रोज घर मे शोर शराबा, झगड़ा, मारपीट इन्ही कारणों से एक अंदर ही अंदर द्वंद चल रहा था पर माँ से मिलने एक दिन घर जाना हुआ।

वैसे पिताजी हमलोगों से बहुत प्यार करते थे इसलिए उस दिन उन्होंने खुद मेरे पसन्द की सब्जी और रोटी बनाई साथ मे खीर भी। शाम को जब मैं खा रहा था तभी पिताजी उसी बदहवास हालात में आए। उनको देखकर दादाजी ने उन्हें काफी बोलना शूरु किया तुम कभी नहीं सुधरोगे और तुमको देखकर तुम्हारे बच्चे भी पीना शूरू कर देंगे !

पिताजी बातों को अनसुना करके सोने चले गए। सवेरे मुझे फिर वापस अपने डेरा पे निकलना था, मैं तैयार हुआ और वापस चला आया। उस वक्त तक पापा उठे ही नहीं थे। बाद में माँ ने बतलाया कि तुम्हारे पापा ने सभी व्यसनों का त्याग कर दिया है तो एक अजीब सी खुशी मेरे मन मे आई।

आज 2019 खत्म होने को है कभी भी उन्होंने दुबारा उस गलत रास्ते पे कदम नहीं रखा। आज समाज में उनकी एक अलग छवि है। एक सरकारी शिक्षक के साथ साथ एक बहुत ही अच्छे सामाजिक सलाहकार भी है। आज दादाजी के डांट से जो प्रेरणा मेरे पिताजी को मिली उनकी जिंदगी ही नहीं हम सभी की जिंदगी सँवर गई। केवल मैं ही नहीं मेरे परिवार के सभी सदस्य उनके जैसा बनना चाहते हैं, आज हम सभी खुश है।


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