डाक्टर साहब

डाक्टर साहब

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आरज़ू को मै जबसे जानती हूँ, जब वो काॅलेज में थी। आरज़ू वैसे तो मिडिल क्लास फैमिली से थी, मगर उसके ख़्वाब बहुत बड़े-बड़े थे। पी. एम. टी.में इतने मार्क्स नहीं थे, फिर उसे होम्योपैथी में एडमिशन मिला जैसे-तैसे माँ-बाप को गैस राहत का पैसा मिला था तो हौम्योपैथी में दाखिला दिला दिया।


आरज़ू कॉलेज में क्या आई वो तो बिगड़ कर धूल हो गई। हम साथ में थे अक्सर सुनने में आया था कि वो सीनियर लड़को के रूम पर पड़ी रहती है।


पढ़ने में भी औसत थी। पढ़ाई पूरी होते ही उसके घर वालों ने जब आरज़ू के रंग-ढ़ंग देखे तो कहीं दूर गाँव में छोटे से गरीब घर में एम.एससी पढ़े लड़के से शादी कर दी।


आरज़ू के ससुराल वाले गाँव के सीधे-साधे लोग थे। पति भी बहुत सीधा था, पति को बेहला-फुसला कर शहर ले आई, किसी छोटी-मोटी फैक्ट्री में काम पर लगवा दिया और आरज़ू ने भी एक सीनियर डाक्टर खन्ना के नर्सिंग होम में नौकरी कर ली। वो डाक्टर इतना बड़ा दिलफेंक और बदमाश था की वो अपने लेडीज पेशेन्ट से भी फ्लर्ट करता था।


आरज़ू को तो वो अपनी जागीर समझता था। आरज़ू की लाईफ में इतना इन्वालमेंट था की आरज़ू उसके लिए अपने पति को भी धोखा दे रही थी। 


यहाँ तक वो डाक्टर खन्ना के साथ दूसरे शहरों में चली जाती थी। यहाँ तक की घर में बच्चे हो गए थे, मगर उसका डाक्टर खन्ना, दूसरे डाक्टरों के साथ घूमना और अपनी इज़्ज़त का भी ख़्याल नहीं था। हाॅस्पिटल में जो पेशेन्ट आते थे, जो डाक्टर खन्ना को अपना फेमिली डाक्टर कहते थे, वो रेग्युलर आते थे, वो भी मज़ाक़ में आरज़ू को सीधे तौर पर कह देते थे कि, आप तो डाक्टर खन्ना से दूसरी शादी कर लें।


हमारे साथ के लड़के डाक्टर खन्ना के हाॅस्पिटल में काम करते हैं, वहीं ख़ूब सुनाते हैं के आरज़ू तो बहुत ढीट हो गई। डाक्टर खन्ना भद्दे मज़ाक और फ्लर्ट करता है, यूज़ करके छोड़ देगा मगर इस आरज़ू को समझ ही नहीं आता है।


कुछ दिनों बाद हमारे पड़ोस में डुप्लैक्स ले लिया, अब हमें उसके घर की ख़बरें उसकी मेड से मिलने लगी।हमारा भी पड़ोस होने से कभी कभार सलाम-दुआ हो जाती थी, आरज़ू के बारे में कभी मेरे पति पूछ लेते थे की आपकी वाइफ नहीं दिखती है, तो वो कहता, अरे डाक्टर साहब ड्यूटी गई है। वो कभी घर में पोर्च में झाड़ू लगाते, कभी कपड़े धो कर डालते दिख जाते हैं। एक दिन तो मेरी मेड ने बताया खाना भी रवि ही बनाते हैं। उनके बच्चे अपनी नानी के यहाँ रहते हैं, जब वो रात 7 बजे लोटती है तो लेकर आती है।


हमने सुना था कि डाक्टर खन्ना के बारे में उन्हें भी मालूम है, पर रवि किस मिट्टी के बने हैं। रवि और उनकी डाक्टर साहब...


मेरे हसबैंड घर आकर खूब हंसते हैं, मुझसे कहते हैं, यार नीतू तुम्हारी ये सहेली के पति तो बहुत बड़ा वाला है।


मैने बनावटी गुस्से में कहा बुरी बात ऐसा क्या बोल दिया।


अरे वो अपनी वाइफ को डाक्टर साहब कहता है। मुझे ये बताओ अपनी वाइफ को कौन "डाक्टर साहब" कहता है।


मेरी भी हंसी छूट गई। 


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