छुपा खंजर

छुपा खंजर

1 min
421


आज जब तुम मेरे पास आये तब तुम्हारी आँखों में दरिंदगी मुझे साफ दिखाई दे रही थी .. एक चमकीला सा नया चोला धारण किये हुए थे और उसी में छुपे खंज़र से तुमने मेरी हत्या कर दी।

तुम कैसे भूल गए कि मैं ही तुम्हारा पहला प्यार थी। सोते जागते उठते बैठते हर वक़्त तुम्हारे चिंतन में मैं ही होती थी।

बहुत लोगों ने तुम्हें मेरे ख़िलाफ़ भड़काने की भी कोशिश की लेकिन तुमने कभी किसी को तवज़्ज़ो नहीं दी और बड़ी शिद्दत से मुझे प्यार करते रहे। मैंने तो यहाँ तक तुम्हारे प्यार को महसूस किया है, जब तुम्हारे एक मित्र ने तुमसे कहा था," इसके भरोसे कैसे तुम अपनी जिंदगी को सौंप सकते हो, जो तुम्हें दो वक़्त की रोटी भी बमुश्किल समय पर देती है ?" 

उस समय तुम्हारा जवाब सुनकर मेरा सर गर्व से ऊँचा हो गया था जब तुमने कहा था ," यही मेरा पहला प्यार है मैं इसको पूरी शिद्दत से चाहूँगा, जब तक सांस है। यही मेरा मान है..यही मेरा अभिमान है।"

अब मैं आखिरी सांस गिन रही हूँ।

"मैं कोई और नहीं..तुम्हारी ही निष्पक्ष पत्रकारिता हूँ।"

"अब तुम्हारा प्यार मैं नहीं पीत-पत्रकारिता है ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy