I'm कुसुम and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsआज पूरा पुलिस महकमा और समाज उसके साहस व कर्तव्यनिष्ठा को दांतों तले ऊँगली दबा रहा था।
Submitted on 30 Apr, 2020 at 18:08 PM
शुचि की सास ने उससे कहा, तुम्हें बहू को घर में प्रवेश करवाना है, यह मंगल कार्य केवल और केवल तुम करोगी क्योंकि हेमंत का अ...
Submitted on 30 Jul, 2019 at 06:39 AM
मैंने चिड़िया को हमेशा पिंजरे में बंद रखा, कभी बाहर जाने ही नहीं दिया, लेकिन बाहर की चकाचौंध और बहेलिये के जाल में एक दिन...
Submitted on 30 Jul, 2019 at 06:34 AM
समय की धारा के साथ चारों ओर वातावरण में भी धीरे-धीरे मेरी उत्कट चाहत घुल गई थी और मुझे भान भी न हुआ कि मेरा बहता हुआ झरन...
Submitted on 30 Jul, 2019 at 06:30 AM
"ज़िन्दगी भर मैं खुद को तृप्त समझता रहा -----तुम तृषित रही।" "आज मैं तृषित हूँ ----- तुम तृप्त दिखाई दे रही हो।"
Submitted on 08 Jul, 2019 at 02:52 AM
डायरी पढ़ते-पढ़ते सुधार गृह से वापिस आए शुभम की आंखें बरबस ही छलक आई, बरबस ही पास के कमरे में सो रहे बीमार पिता से मिलने क...
Submitted on 08 Jul, 2019 at 02:43 AM
आज फिर वही सब मेरे बेटे के साथ होने लगा जो मेरे साथ होता था, पर आज किसी अदृश्य शक्ति ने मुझसे वो कहलवा दिया जो मैं कभी न...
Submitted on 24 Jun, 2019 at 10:36 AM
कोई ऐसा बादल आएगा जो इस तपती धरती को तृप्त करते हुए उसके वज़ूद का अहसास करवाएगा
Submitted on 09 Jun, 2019 at 08:16 AM