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Charu Chauhan

Classics

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Charu Chauhan

Classics

छोटी-छोटी खुशियाँ

छोटी-छोटी खुशियाँ

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एक बार फिर फाइनल लिस्ट से बाहर हो गयी। मन बहुत दुखी रहता था। जॉब ना मिलने के कारण दुखी होकर गुमसुम सी खाना बनाने में लगी थी। तभी पीछे से किसी ने कहा, आज खाने में क्या है मिसेज शेफ ?

रेस्त्रां का खाना भी फेल है आपके खाने के सामने तो। जादू है आपके हाथ में तो जादू....जो हम हर बार अपने आप खिंचे चले आते हैं। पीछे मुड़ कर देखा, पूरा परिवार एक साथ खड़ा था मुझे खुश करने के लिए। यह सब देखकर एकाएक मुस्कराहट अपने आप मेरे चेहरे पर तैर गई। तब समझ आया जिंदगी की छोटी छोटी खुशियाँ तो मैं भूल ही गई थी।


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