"बुजुर्ग पर नाटक"
"बुजुर्ग पर नाटक"
पंचम क्लास का रमेश बुजुर्गआदमी बन करआया।
स्टेज पर पहुंचा जैसेअस्सी वर्षीय बुजुर्गआयें हों।
बुजुर्ग स्टाइल मेंआंखों पर हाथ रखकर सब कि
तरफ नजर घुमाई।
और ठहाके से सभी से राम राम सा बोला।
स्टेज से लेकर दर्शकों तक ने खूब तालियां
बजाकर स्वागत किया।
बुजुर्ग के स्टाइलिश हीरो लुक कि तारीफ़ कि।
फिर दोऔर छोटे बच्चे स्टेज पर परफोर्मेंस
देनेआयें।
दोनों बच्चों ने तोतली भाषा में राम राम सा किया।
तो फिर कुछ देर तक तालियां बजती रही थी।
फिर रमेशऔर बच्चों के बीच रामायण महाभारत
काल के प्रसंगों पर चर्चा परिचर्चा शुरू हुई।
रमेश दमदार अभिनय कर रहा था।
ऊंची आवाज़ में दमदार सवाल जवाब कर रहा था।
बच्चों के तोतली भाषा में उत्तर प्रतिउत्तर भी
कोई कम दमदार नहीं थे।
रमेश बड़े ही शानदार ढंग से बुज़र्ग स्टाइल में
एवं छोटे बच्चेअपनी कला प्रदर्शित कर रहे थे।
रामायण महाभारत काल के प्रसंगों ने पांडाल में
धार्मिक माहौल बना दिया।
काफ़ी स्त्री पुरुष दर्शक दिर्घा में स्टेज के
सामने भगवत नृत्य करने लगें।
पूरा पांडाल जयश्रीराम जयश्रीकृष्णा के जयकारों से
गुंजायमान हो उठा।
तीनों बच्चों के अच्छे परफोरमेंस को देखते हुए।
सभी ग्रामीण दर्शकों ने बच्चों को ईनाम दिया ।
ग्रामीणों ने कार्यक्रम सफलता के लिए
स्कूल प्रबंधन को बधाई दी।
औरभविष्य मेंआगे ऐसे कार्यक्रमों केआयोजित कोे
प्राथमिकता देने कि जरूरत बताई।
गांव वालों कि तरफ़ से हर प्रकार कि मदद करने का
आश्वासन दिया।
ताकि भविष्य में ग्रामीण रंग कर्मी तैयार हो सकें।