बुआ जी
बुआ जी
"रूपा, तुम्हे पता है तुम क्या कह रही हो। बुआ जी हमारे घर कभी नहीं आएगी।"
"फिर भी हमे एक बार कोशिश करनी चाहिए।"
"रूपा, वो हमारी शादी से बहुत गुस्सा है उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं था कि मैं अपनी पसंद की लड़की से शादी करूंँ।"
"तो क्या हुआ रोहन, बुआ जी शादी में भी नहीं आयी थी। शायद अब सब कुछ भूल कर घर आ जाये।"
"यार रूपा, बुआ को बुलाना मतलब 'आ बैल मुझे मार जैसा' हैं। एक तो वो आने से रही अगर मान लो आ भी गई तो तुम्हारा जीना मुश्किल कर देंगी। तुम्हारे सभी चीजों में मीन- मेख निकलेंगी, इससे अच्छा है तुम उन्हें ना ही बुलाओ।"
"ये कैसी बातें कर रहे हो रोहन, वो हमसे बड़ी है, थोड़ा गुस्सा है तो क्या हुआ। जब हमारे साथ रहेंगी तो उनका गुस्सा अपने आप गायब हो जायेगा।"
"तुम अभी मेरी बुआ के बारे में जानती नहीं हो, गुस्सा हरदम उनके नाक पर ही बैठा रहता है।
जब भी वो हमारे घर आती थी उनको खुश करना सभी के लिए बहुत मुश्किल होता था।
पापा के बुलाने पर भी बुआ जी हमारे शादी में नहीं आयी।"
"रोहन, मुझे सब पता चल गया बुआ जी के बारे में, फिर भी मैं चाहती हूंँ कि हमारे गृहस्थ जीवन की शुरुआत में कोई भी हमसे नाराज़ ना रहे। जो नाराज़ है वो भी हमे खुश होकर आशीर्वाद दे।"
यह सुनते ही रोहन ने बुआ जी को बुलाने के लिए उनका नंबर फ़ोन पर मिला दिया।
