STORYMIRROR

Rinku Singh

Romance

3  

Rinku Singh

Romance

बरसात की रात

बरसात की रात

6 mins
165

भाग 2


खुशी को होश आया तो उसने अपने आप को हॉस्पिटल में देख कर आश्चर्य से इधर उधर देखा पर कुछ समझ में नहीं आया कैसे मैं यहाँ पहुंची। तभी sister आयी।

खुशी  मैं यहां कैसे आयी मुझे कौन लाया??

sister  तुमको नहीं मालूम तुम कैसे आया।


खुशी आश्चर्य से नहीं।sister


सिस्टर  तुमको dr चौहाण ले कर आया नहीं तो तुम्हारा बचना बहुत मुश्किल था। तुम लकी है कि टाइम से dr ने तुमको ट्रीटमेंट दे दिया।


खुशी अपने दिमाग पर जोर डालते हुए तभी उसे ध्यान आया कि कल बारिश में स्टेशन पर उसे बहुत जोर से चक्कर और सांस लेने में परेशानी हो रही थी और किसी से पानी मांगा फिर क्या हुआ पता नहीं।


खुशी सिस्टर dr साहब कब तक आएंगे मुझे उन्हें थैंक्यू औऱ सॉरी दोनों ही बोलना है।

सिस्टर  सर् यही पर है सारा रात तुम्हारी सेवा करता था ।हम लोग बोला रहने दो सर हम देख लेगा हमारा तो रोज का काम हैं पर सर नहीं माना अभी तो आधा घंटा पहले अपनी केबिन में गया है हम सर को बता कर आता है तुम रेस्ट करो तब तक।


उधर केबिन में।  

रोशन  की नींद खुल गई थी उसकी और पहले ध्यान से वंश की तरफ देखा फिर उसके पास जा कर उसे लगभग हिलाते हुए बोला अब भी कुछ बताएगा या ऐसे ही गोल गोल जलेबी बनानी है तुझे। मेरा दिमाग साला घनचक्कर हो जाये उससे पहले सारी बात बता।

इससे पहले की वंश कुछ बोलता सिस्टर ने दरवाजे पे दस्तक़ दी।

may I sir ।

yes please वंश ने कहा कोई परेशानी है सिस्टर 

सिस्टर  no sir वो मैडम को होश आ गया है आपको थैंक्यू बोलने को मांगता है।

वंश ok sister आप चलो मैं आता हूं। वंश ने बोल तो दिया कि आता हूं पर उसके चेहरे पर परेशान साफ झलक रही थी।


रोशन अब क्या हुआ उसके होश में आने के खबर से इतने पसीने में क्यों है भाई तू मुझे कुछ बताएगा।


वंश रोशन तुझसे मैंने कभी कुछ भी नहीं छिपाया है थोड़ा वक्त दे पहले ये प्रॉब्लम सॉल्व कर लूं फिर सब तुम्हें बता दूंगा भरोसा रख कुछ देर।

इतना बोल कर वंश वहां से चला गया।


रोशन  साला ये सारी रात भरोसा भरोसा बोल कर सुबह भी निकल लिया और हम क्या करे अभी अम्मा फ़ोन करेगी पहले चार गाली देगी फिर पचास सवाल करेगी और हम है कि भरोसे का डंडा भाई साहब के लिए लेकर खड़े है ।हे भोलेनाथ बचाओ हमको वरना इसे तो कोई कुछ कहता नही सारे लोग हमारे ऊपर राशन पानी ले कर चढ़ जायेंगे। क्या करे कुछ समझ न आ रहा एक तो ये महाशय प्रयागराज भी नहीं गए उधर भी रायता फैला दिया है हमको कुछ समझ मे नही आ रहा 

और बेचारा रोशन सब समझने और समेटने के चक्कर में सर पकड़ कर वही बैठ गया।


इधर वार्ड में

वंश अंदर जाने को कई बार पैर आगे बढ़ाता पर हर बार दो कदम पीछे कर लेता। आखिर हिम्मत कर रूम के अंदर आया। जहां ख़ुशी आंखों पर हाथ रख कर सोई थी।

वंश थोड़ी देर इस तरह ही उसे देखता रहा। अचानक से खुशी ने करवट लेने की कोशिश की तो किसी को सामने देख कर जैसे ही हाथ हटाया उसे लगा मानो उसके शरीर का सारा खून सूख गया हल्क़ जबान से चिपक गए ओर आँखें में सैलाब उमड़ आया। 

खुशी का दिल किया कि यहां से वो भाग जाये या ये पल ही नहीं आता।

उसने एक नफ़रत भरी निगाह वंश पर डाल कर कैनुला हाथों से निकलने की कोशिश करने लगी।


वंश प्लीज खुशी ऐसा मत करो मैं यहाँ से चला जाता हूँ प्लीज तुम अभी इस स्थिति में नहीं हो कि कही जा सको प्लीज चली जाना जहां जाना है अपनी ट्रीटमेंट पूरी हो जाने दो चाहो तो मैं नहीं आऊंगा तुम्हारे सामने पर pleease ऐसे मत करो। वंश ऐसा बोलते हुए जाने कितनी ही बार ख़ुशी के आगे हाथ जोड़ चुका था और जो सैलाब खुशी की आंखों में थे वो वंश की आंखों से पानी बन बह रहे थे। अंतर बस इतना था कि दो आंखों से बहे तकलीफ दोनों को एक ही थी।


इतना बोल कर वंश रूम से बाहर निकल गए। थोड़ी देर खुद को संयत किया फिर सिस्टर को बुला कर इंस्ट्रक्शन दिया कि मिस खु सॉरी मिस नंदिनी को अकेला मत छोड़ना। देखना ट्रीटमेंट पूरा किये बिना वो कही न जाये। और अपने केबिन में चले आये।


ख़ुशी हा पहला नाम वंश से आपने यही सुना परर इसका असली नाम नंदिनी है जो नंदिनी के मम्मी पापा ने रखा था।

पर खुशी क्यों ये भी पता चल जाएगा फिलहाल नंदिनी की खबर ले ले।


नन्दिनी रूम में 


वंश के जाने के बाद जाने कितनी देर तक रोती रही जब तक की नर्स नहीं आयीं। 

सिस्टर क्या हुआ मिस कोई प्रॉब्लम है तो बोल सकता है हमसे शेयर करेगा तो दिल हल्का हो जायेगा।


नंदिनी। खुद को संभाल कर नही सिस्टर थैंक्यू सब ठीक है। सिस्टर क्या मैं अपनी रिपोर्ट्स देख सकती हूं। क्या हुआ है मुझे ।


सिस्टर  हा देख तो सकता है पर तुमको मेडिकल टर्म समझ मे आएगा हम बता देता है तुमको निमोनिया हुआ है पूरा चेस्ट इन्फेक्टेड है फीवर भी है 15 डेज का कोर्स पूरा नहीं होने से प्रोब्लम होएगा ।

हा घर जा सकता हैं पर कोई है देखभाल को।

नर्से अपने रो में बोले जा रही थी और नंदिनी अपने ख़यालों में खोई जा रही थी।


इधर वंश के केबिन में।


रोशन। अब बोल भाई क्या बात है क्या खिचड़ी पका रहा है तू।


वंश  वो वो नंदिनी है इससे पहले की रोशन कुछ बोलने को हुआ वंश खूब जोर से रोने लगा ।वंश को संभालना रोशन को मुश्किल होने लगा फिर भी किसी तरह से वंश को सोफे पे बिठाया और पानी का ग्लास उसकी तरफ बढ़ाया पर वंश ने मना कर दिया। मुश्किल से जैसे तैसे दो घूँट पानी पिलाया ओर चाय के लिए बोल कर वंश के पास आ कर बैठा।


रोशन।  खुद को संभाल मेरे यार अब तो इतने बरस बीत गए अब इतनी तकलीफ क्यों मैंने तो सोचा था कि तू सब कुछ भूल कर आगे बढ़ गया है ।फिर ये सब क्या इतनी दिनों से तुम सब अपने ही अंदर ये सारी तकलीफ दबाया खुद ही झेलता रहा और हम सब सोच कर आराम से है कि तू ठीक है।


वंश। कैसा भूलता उसे मै बोल रोशन वो मेरी खुशी है जब तक मुझ में खुशी है मैं जिन्दा जिस दिन उसे भूल जाऊँ समझो मैं मर गया 

vanshhhhh जोर से चिल्लाया रोशन बस वही है सब तुम्हारे लिये हम सब कुछ नहीं।


वंश  रोशन वो मुझसे बहुत नफरत करती है मुझे देखते ही यहां से जाने को तैयार थी किसी तरह रोका है मैंने तू बात कर उससे उसे अभी रेस्ट की जरूरत है बहुत कमजोर है जान का खतरा है अगर देखभाल नहीं हुई तो मर जाएगी ।उसे रोक ले यार please do something


रोशन। अच्छा ठीक है पहले तू अपना हुलिया ठीक कर फिर कुछ सोचते हैं। चाय भी आ गई। चल चाय पी।

वंश मुझे नहीं पीनी।


रोशन ठीक है भाई मुझे भी बहुत काम है चलता हूं।


वंश। ठीक है पीता हूँ जायदा नाटक मत कर ।


रोशन। टिक है गुरु कुछ सोचते है। पर ये तो पता करना होगा यहां अकेली क्या कर रही थी परिवार वाले तो मसूरी में है फिर ये दिल्ली में क्या कर रही थीं।


वंश  पता नही कितना कुछ उलझ कर रह गया है जिसे पता है उससे पूछ नहीं सकते और जिनको जनता हूँ उनसे पूछा नहीं जा सकता?? 


रोशनी  अच्छा कुछ सोचते है ।पहले फ़ोन कर तू अपने ना आने का कारण बाता घर पर वरना जूते तो मुझे पड़ेंगे। और मैं अपने अम्मा की गाली सुन लू फिर बात करते है।



वंश। कुछ सोचते हुए हाँ में ha मिलता है मन में और कोई उपाय भी फ़िलहाल नहीं है मेरे पास ।।।


क्रमशः



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance