ब्रम्हभोज
ब्रम्हभोज
भोला की माँ का अचानक निधन हो गया। घरवालों पर दुखों का पहाड़ टूट गया।
सुनो जी जो हो गया उसे कोई ना रोक सकता पर अब अम्मा का श्राद्ध पूजा ढंग से करा दिजीऐ ताकि उनके आत्मा को शांति मिल जाये।
तू तो जानती है "मुनिया की अम्मा" इस साल फसल भी ना ठीक से होवे है। पहिले ही खाने का लाला पड़ा हुआ है। अब अम्मा का श्राद्ध पूजा कैसे होगा।
करना तो पड़ेगा ही और पंडित जी आये थे बोले थे कि कम से कम 21 ब्राह्मणों को भोजन करना है। ऐसा करिये आप मेरे गहने गिरवी रखकर पैसे का इंतजाम कर लीजिऐ अभी अम्मा का श्राद्ध ज्यादा जरुरी है। गहने तो बाद मे भी छुड़ा लेगे।
नही नही मै तुम्हारे गहने बेच कर पैसो का इंतजाम नही करूगा, मै कोई और रास्ता निकालता हू।
भोला ने सोचा कुछ दोस्तो से मदद ले लेता हू, बाद मे पैसे लौटा दूगा। यही सब सोच कर सो गया कि कल सुबह जाऊगा पैसे मांगने।
उस रात उसने सपना देखा कि अम्मा रो रही है।
काहे रो रही हो अम्मा ?
जीते जी तुम पर बोझ बनी रही और मरने के बाद भी।
ऐसा काहे बोल रही हो, आप कभी हमपर बोझ ना थी, वो तो इतना अचानक सब हो गया कि पैसे का इंतजाम नही कर पाया।
बेटा मेरी एक बात मानेगे ?
क्या अम्मा...मैं चाहती हूं कि तुम मेरा श्राद्ध साधारण करो।
पर तब तो आपकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।
बेटा तू कर्ज लेकर करेगा तो क्या मेरी आत्मा को शांति मिलेगी......
पर...... अम्मा अम्मा
क्या हुआ जी क्यूँ नींद में अम्मा अम्मा बोल रहे हो। लग रहा है आपने कोई सपना देखा है।
हाँ मुनिया की अम्मा आज सपने मे अम्मा आई पता है वह कह रही थी श्राद्ध साधारण करने के लिए और कहा अगर कर्ज लेकर करोगे तो मुझे शांति नहीं मिलेगी।
तो आपने सोचा क्या है ?
जितना है मेरे पास उतने में ही श्राद्ध करूँगा।
भोला ने साधारण तरह से श्राद्ध पूजा कराई कईयो ने कहा कि तेरी अम्मा को शांति नहीं मिलेगी। जब तक तू 21 ब्राह्मण को ब्रम्हभोज नहीं करायेगा पर भोला ने सब अनसुना कर दिया।
सारी पूजा खत्म हुई और उस रात फिर अम्मा सपने मे आई पर आज वह रो नही रही थी बल्कि मुस्करा रही थी। दोनों हाथों से आशीर्वाद दे रही थी धीरे धीरे आसमान की तरफ लुप्त हो जाती है।