ब्रह्ममुहूर्त के राक्षस

ब्रह्ममुहूर्त के राक्षस

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टीचर मम्मी ने बेटे से कहा- चलों बेटा नमन मुझे स्कूल स्कूटर से छोड़ दो ! 

बेटे नमन ने कहा - क्या ? मम्मी आप रिक्शे वाले को इतना सिर चढ़ा रखी हैं ! ठंड के दिनो में रोज़ सुबह आनेमें आने में उसकी नानी मरती है। 

आने के नाम पर बहाने बाज़ी शुरू हो जाती ! 

स्कूटर में बैठते अनु ने राहत की साँस ली ! 

समय पर स्कूल पहुँच प्रिंसिपल की नोक झोंक से बच जायेगी। 

आगे ट्रेफ़िक सिग्नल पर हवलदार ने रोक ? हेल्मट ना पहन्ने से जुर्माना वसूलने लगा ! नमन अनुरोध कर कहा - सिग्नल पार करने की ग़लती तो नही की फिर जुर्माना किस लिये ? 

हेल्मट नही लगाया इस लिये ! ये हेल्मट स्कूटर की डिकी में रखा है।तो लगाया क्यूँ नही ? 

जवाब सवाल करते हो - १००० रु की रसीद काटता हुँ। नहीं तो ५०० रू निकालो ? 

मम्मी ने अपने पर्स से ५०० रु निकाल देते हुए धीरे से कानो में कहा - “ ये ब्रह्म मुहूर्त के ब्रमराक्षस हैं, जोअपनी जेबें भरने में लगे रहते हैं। नमन ने कहा 

कोई इन्हें मदद के लियें पुकारते तो अपनी ड्यूटी की बात करते हैं !  हाँ मम्मी मैं भी पढ़ाई लिखाई छोड़  - हवलदार की नौकरी करूगाँ पैसे कमाऊँगा। क्या -  मेरी सचाई गुरु दक्षिणा का यही ईनाम दोगे ? मम्मी आपजैसी ईमानदार कर्तव्य निष्ठ शिक्षिका को केवल राज्य राष्ट्र स्तरीय पुरस्कार, मान इज़्ज़त हैं ! यही तो मेरीरोज़ की पूँजी होगी।मम्मी मैं जो तुम्हें विरासत में दे सकू ! वो क्या ?

मम्मी कहती हैं -मैंने एक को भी, कामयाब इन्सान बनाने में मदद की तो एक ब्रह्मराक्षस  बनने से रोक लूँगी, वर्तमान मैं डाक्टर,इंजीनियर  उच्च अधिकारी व्यवसायी पूँजीपति नेताओं में निहित अपनी विश्वसनीयताआत्मनियता खोते ? 

ब्रह्म मुहूर्त के ब्रह्मराक्षस बनते जा रहे है। 

मम्मी आपका स्कूल आ गया ?


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