बर्बादी
बर्बादी
कॉलेज का पहला दिन.. माही बहुत ज्यादा रोमांचित थी।
स्कूल की पाबंदियो से निकलकर कॉलेज के उन्मुक्त वातावरण को देख माही के पैर जमीन पर नहीं पढ़ रहे थे।
स्कूली दिनों में उसने चोरी छुपे कई प्रेम कहानियों के चर्चे सुने थे जो इन्हीं कॉलेज की कैंटीन या लाइब्रेरी से शुरू हुई थी। उसकी भी आंखों में एक ऐसा ही ख्वाब पल रहा था।
घर से निकलने से पहले दसियो बार आईने के सामने खुद को निहारती और फिर अपनी खूबसूरती पर इतराती नहीं थकती। माही बेहद खूबसूरत लग रही थी। शायद ही ऐसा कोई हो, जो उसे नजरअंदाज कर सके।
अपनी सहेली नेता के साथ माही कॉलेज पहुंची। मगर थोड़ी देर में ही उसका सामना सीनियर की रैगिंग गैंग से हो गया , उसकी सारी खुशी, सारा रोमांच गायब, चेहरा सफेद पड़ गया। कॉलेज आने से पहले उसने रैगिंग की भयावहता के बारे में सुन रखा था। वह कापने लगी तो सब उस पर हंस पड़े। भीगी बिल्ली कहकर उसे चिढ़ाने लगे।
उसमें से एक लड़के ने उससे कहा कि, वह उनमें से किसी को आई लव यू बोले... माही रुआंसी होकर "ऐसे कैसे ? जब प्यार नहीं तो कैसे बोल दूं ?
इस पर सब हंसने लगे और बोले " बोलना तो तुम्हें पड़ेगा ही"
तभी एक लड़का आया जिसे देखते ही सारे लड़के खिसक लिए। माही थोड़ी हैरान हुई पर खुश हुई और उस लड़के को थैंक यू बोला।
उस लड़के ने अपना नाम मनीष बताते हुए जो कहा उसे सुन माही चौक सी गई।
मनीष ने कहा "मैं जानता हूं आपका नाम माही है और आप बेहद खूबसूरत और समझदार हैं इसीलिए देखते ही मुझे आपसे प्यार हो गया"।
दुनियादारी से अनजान माही मनीष की इन बातों में आ गई और इसके पीछे छुपे सच को नहीं समझ सकी , उसे लगा मनीष सच में उसे प्यार करता है। मनीष उसका सीनयर्स था और काफी दबंग टाइप का था।
पूरे कॉलेज में उसकी हरकतों के चर्चे होते थे पर कोई उसे कुछ कह नहीं सकता था। पर माही इन सब से अनजान मनीष के प्यार में पागलपन की उस हद तक जा पहुंची की उनके बीच शारीरिक संबंध बन गये। जब उसकी सहेली नीता ने उसे समझाने की और मनीष का सच बताने की कोशिश की तो उल्टा उसने नीता से यह कहते हुए दोस्ती तोड़ दी कि उसे उसकी प्यार से जलन हो रही है।
नीता भी उससे अब दूर रहने लगी थी पर उसे दुख होता माही को देखकर क्योंकि वह बिना सोचे समझे एक ऐसे अनजान सफर पर चले चल पड़ी जिस पर सिर्फ और सिर्फ बर्बादी थी।