Pawanesh Thakurathi

Drama Tragedy

3.9  

Pawanesh Thakurathi

Drama Tragedy

बोझ

बोझ

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माँ-बाप ने बेटे को पाला-पोसा, बड़ा किया और उसे अच्छी-से-अच्छी शिक्षा दिलवाई। बेटे की एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लग गई और वह विदेश चला गया। वहीं उसने एक लड़की से शादी कर ली। इसी बीच गाँव में उसके पिता की हार्ट-अटैक से मृत्यु हो गई। बेटा पिता के अंतिम-संस्कार में शामिल नहीं हो पाया।

दो माह बाद वह पत्नी को लेकर गाँव आया। माँ ने कहा, "बेटा, बहू को यहीं रख लें। इसके साथ रहने से मेरा अकेलापन दूर होगा।"

बेटे ने साफ मना कर दिया।

कुछ दिनों बाद वह माँ को वृद्धाश्रम में भर्ती करा आया और अपनी पत्नी से बोला, "डार्लिंग, अब मेरा मन काफी हल्का हो गया है।"



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